पितृपक्ष समाप्त होने के अगले दिन शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो जाता है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं है क्योंकि इस साल अधिक मास लग गया है। अधिक मास तीन साल में चंद्रमा और सूर्य के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए आता है। इसे मल मास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है।
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