अपना घर खरीदने का सपना हर कोई देखता है। हर कोई सस्ता और अच्छा घर लेना चाहता है। अगर आप भी अपना घर खरीदने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो आपको यह योजना बनानी होगी कि आपको कितना लोन लेना है, ईएमआई (EMI) की राशि कितनी होगी, आदि। ग्राहक घर व फ्लैट खरीदने के लिए, प्लॉट के कंस्ट्रक्शन के लिए या रिनोवेशन यानी रिपेयर के लिए भी लोन लेते हैं।
होम लोन ईएमआई (EMI) क्या है?
होम लोन लेने के बाद ग्राहक बैंक में जो रकम चुकाते हैं, उसमें ब्याज दर और मूलधन शामिल होता है, जिसे ईक्वल मंथली इंस्टॉलमेंट या इएमआई कहा जाता है।
बैंक कैसे तय करते हैं की ग्राहकों को कितना लोन मिलना चाहिए ?
अगर आप भी घर खरीदने के लिए लोन लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको यह आंकलन करना होगा कि आपकी कमाई कितनी है। आपकी कमाई के हिसाब से बैंक लोन देते हैं। आप कितनी आसानी से लोन चुका सकते हैं, उसी के हिसाब से बैंक लोन की राशि प्रदान करते हैं। यानी आपकी मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी व आय में स्थिरता जैसे मामलों पर निर्भर करती है।
ग्राहक ज्यादा से ज्यादा कितना होम लोन ले सकते हैं?
घर खरीदते समय ग्राहकों को उसकी कीमत का 10 से 20 फीसदी तक डाउन पेमेंट (Down payment) करना पड़ता है। डाउन पेमेंट के बाद घर के मूल्य का 80 से 90 फीसदी तक ग्राहक होम लोन ले सकते है। इस मूल्य में रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर जैसे चार्ज भी शामिल होते हैं।
क्या होम लोन के लिए को-एप्लिकेंट जरूरी है?
ज्यादातर मामलों में होम लोन के लिए को-एप्लिकेंट जरूरी होता है। घर के मालिक के परिवार का कोई भी व्यक्ति को-एप्लिकेंट हो सकता है। वहीं अगर मकान दो लोगों के नाम है, तो होम लोन में भी दोनों का नाम शामिल होना जरूरी है।
आपको होम लोन की रकम कैसे मिलेगी?
ग्राहकों को होम लोन की रकम एकमुश्त या किस्त में दी जाती है। अगर आपको यह किस्त में मिलती है, तो ज्यादा से ज्यादा तीन किस्तों में ही आपको पूरी रकम मिल जाएगी। रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम एकमुश्त मिल सकती है। हालांकि, अगर आपकी प्रॉपर्टी अभी अंडर-कंस्ट्रक्शन में है, तो लोन की रकम कंस्ट्रक्शन की प्रगति के हिसाब से ग्राहकों को दी जाती है। ऐसी स्थिति में ग्राहक बैंक से एग्रीमेंट कर सकते हैं कि कंस्ट्रक्शन के हिसाब से होम लोन की राशि बिल्डर को दी जाए।
होम लोन के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है ?
होम लोन के लिए एप्लिकेशन फॉर्म के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी है-
पहचान के लिए दस्तावेज (Identity Proof)
रेजिडेंशल प्रूफ (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली का बिल, राशन कार्ड, आदि) (Residential Proof )
उम्र के लिए प्रूफ (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आदि)(Age proof)
सैलरी स्लिप ( Salary Proof)
फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न (Income Tax return) के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट
इसके लिए कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्यूचुअल फंड, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं।
होम लोन के लिए ब्याज दर के कितने प्रकार हैं ?
लोन के लिए ब्याज दर के लिए आप फिक्स्ड रेट होम लोन और फ्लोटिंग रेट होम लोन (floating rate home loan) के बीच चयन कर सकते हैं। फिक्स्ड रेट होम लोन पर पूरे लोन की अवधि के लिए आपकी ईएमआई बदलती नहीं है। यह लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि आगे चलकर ब्याज दरों के बढ़ने का संभावना हो सकती है। वहीं फ्लोटिंग रेट में बेस रेट के साथ फ्लोटिंग रेट के आधार पर आपके होम लोन की ब्याज दर तय की जाती है। ऐसे में बेस रेट के उतार-चढ़ाव का असर ईएमआई पर पड़ता है। यह तब लाभकारी होता है जब भविष्य में ब्याज दरें नीचे आने की उम्मीद हो।
कैसे तय करें कि आपको होम लोन किस कर्जदाता से लेना चाहिए ?
अगर आप भी होम लोन लेना चाहते हैं, तो बता दें कि बाजार में लोन के कई विकल्प मौजूद हैं। उन सभी विकल्पों पर एक बार विचार जरूर करें। लोन देने वाली संस्थान सरकारी है या निजी, इस बात पर भी आपको ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही, कौन सी संस्थान आपको कितने ब्याज पर लोन दे रही है और किन शर्तों पर दे रही है, इस बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
समय पर ईएमआई का भुगतान करने के लिए क्या करना चाहिए ?
समय पर ईएमआई का भुगतान करने के लिए आपको बचत कर इमरजेंसी फंड के तौर पर अपने पास राशि रखनी चाहिए। आर्थिक संकट से जूझने में ये फंड आपकी मदद कर सकता है। अगर आपके जीवन में कुछ बुरा हो जाता है, जैसे अगर आपकी नौकरी छूट जाती है, या आप बीमार हो जाते हैं, तो ये फंड आपके काम आ सकता है। इससे आपकी लोन चुकाने की क्षमता प्रभावित नहीं होगी।
क्या ग्राहक समय से पहले होम लोन बंद कर सकते हैं ?
ग्राहक चाहें तो होम लोन की अवधि पूरी होने से पहले भी उसे बंद करवा सकते हैं। अगर ग्राहकों ने फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का चयन किया है, तो उन्हें कोई चार्ज नहीं देना होगा। वहीं फिक्स्ड रेट में बैंक द्वारा ग्राहकों से चार्ज वसूला जाएगा।
लोन के लिए सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) की क्या भूमिका है ?
बैंक लोन देने से पहले आपका सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) चेक करते हैं। इससे आपकी वित्तीय क्षमता का अनुमान लगता है और आपको आसानी से लोन मिल जाता है। इसलिए आप लोन के लिए अप्लाई करने से पहले ही अपना सिबिल स्कोर ठीक कर लें। अगर ईएमआई चुकाने में देरी हो जाती है तो हमारा क्रेडिट स्कोर भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है।
सिबिल स्कोर के हिसाब से ब्याज दर कैसे तय होती है ?
क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (सिबिल) द्वारा दिए गए स्कोर के हिसाब से लोन की ईएमआई तय होती है। मान लीजिए आपने किसी बैंक में होम लोन के लिए अप्लाई किया हुआ है और बैंक की ब्याज दर 8.35 फीसदी है तो अगर आपका स्कोर 760 प्वाइंट्स से ऊपर है तो 8.35 फीसदी की ब्याज दर पर आपको होम लोन मिलेगा। 725 से 759 प्वाइंट्स होने पर 8.85 फीसदी और 724 से नीचे के प्वाइंट्स पर 9.35 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से लोन देना होगा। अगर आप पहली बार लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं या किसी प्रकार का कोई क्रेडिट स्कोर नहीं है, तो बैंक आपसे 8.85 फीसदी की दर से ब्याज चार्ज करेगा।
आप होम लोन की अवधि कैसे कम कर सकते हैं ?
पार्ट प्री पेमेंट के जरिए आप होम लोन की अवधि कम कर सकते हैं। नियमित किस्त के अलावा जब आप कोई रकम होम लोन खाते में जमा करते हैं, तो यह पार्शियल पेमेंट कहलाता है। यह रकम आपके मूलधन की रकम को घटा देता है। ऐसे में आपकी किस्त की रकम में ब्याज का कंपोनेंट कम हो जाता है और आपके होम लोन की अवधि घट सकती है।
अमर उजाला का होम लोन कैलकुलेटर क्या है?
अमर उजाला का होम लोन कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है, जियके माध्यम से ग्राहक ईएमआई को कैलकुलेट कर सकते हैं। यानी आप घर बैठे ही जान सकते हैं कि आपकी लोन की होम लोन ईएमआई कितनी होगी।
अमर उजाला होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कैसे करें ?
अमर उजाला होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने के लिए आपको निम्नलिखित जानकारी डालनी होगी-
सबसे पहले आपको लोन की राशि डालनी होगी।
राशि के बाद आपको लोन की अवधि डालनी होगी।
अब आपको ब्याज दर डालनी होगी कि आपको कितने रेट पर लोन मिल रहा है।
यह जानकारी डालने के बाद आपको अमर उजाला होम लोन कैलकुलेटर के माध्यम से लोन से जुड़ी जानकारी प्राप्त हो जाएगी, जैसे मासिक ईएमआई, लोन चुकाने की कुल राशि, आदि
होम लोन अमोरटाइजेशन शेड्यूल क्या है?
होम लोन अमोरटाइजेशन शेड्यूल (Home loan Amortization Schedule) एक टेबल है, जिसमें ग्राहकों की सुविधा के लिए लोन से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होती है, जैसे- मूल लोन राशि, लोन की अवधि, ब्याज दर और हर साल का भुगतान, लोन की बकाया राशि और जिस दिन लोन लिया उसकी तारीख आदि होती है।