मूर्तिकार पिता के हुनर को संजोए रखने के लिए चंबा की बिटिया ने जिम्मेवारी उठाई है। करीब 25 दिनों में मां काली की मूर्ति तैयार कर दी है। इसे मां ज्वालाजी मंदिर से सुल्तानपुर वार्ड के माई का बाग मोहल्ला में माता की जोत के साथ रखा जाएगा। जिला मुख्यालय के साथ चमेशनी मोहल्ला निवासी 37 वर्षीय लता ने बताया कि उसने मां काली की मूर्ति बनाने के लिए पराली, लाल मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस, कच्ची रस्सी और मलमल के कपड़े का इस्तेमाल किया है। अलग-अलग रंगों से मां काली की मूर्ति को सजाया गया है।