मेरठ में पुलिस ने जाकिर कॉलोनी चौकी के पास पांच साल से चल रही अवैध हथियारों की फैक्टरी का खुलासा करते हुए सरगना समेत छह बदमाश गिरफ्तार किए हैं। एसएसपी ने दावा किया है कि यह गिरोह 4200 अवैध पिस्टल बेचकर 12.60 करोड़ रुपये कमा चुका है। पिछले काफी समय से ये चुनाव में खपाने के लिए पिस्टल तैयार कर रहे थे।
पुलिस लाइन में बुधवार को प्रेस वार्ता करते हुए एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि इस गिरोह का सरगना इरशाद हर महीने औसतन प्रतिमाह 70 अवैध पिस्टल बना रहा था। आरोपी एक पिस्टल 30 हजार रुपये में बेचते थे। बीते पंद्रह दिन से पिस्टलों की डिमांड बढ़ रही थी। इसके चलते इरशाद ने मिस्त्री राशिद के साथ कारीगरों की संख्या भी बढ़ा दी। यह गिरोह मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद और अलीगढ़ समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में असलहे सप्लाई करता था। मुखबिर की सूचना पर एसओजी टीम ने पहले सादी वर्दी में जाकर आशियाना कॉलोनी में पूरी जानकारी जुटाई और फिर छापा मारकर घर में चल रही फैक्टरी पकड़ ली। एसएसपी ने एसओजी टीम को 25 हजार का इनाम दिया है।
कम उम्र के लड़कों को किया ट्रेंड, प्रतिदिन देते थे 1000 रुपये
पुलिस का कहना है कि लिसाड़ीगेट का राशिद तमंचे, पिस्टल और बंदूक बनाने में माहिर है। राशिद ने कम उम्र के लड़कों को असलहे बनाना सिखाया। एक हजार रुपये की मजदूरी देकर कम उम्र के लड़कों से घर में पिस्टल बनवा रहा था।
चौकी के पास चलती रही फैक्टरी, सोती रही पुलिस
पुलिस चौकी के पास असलहे बनाने का धंधा चलता रहा और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे पुलिस के नेटवर्क और कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
एसओजी ने फैक्टरी के पास किराये पर लिया था कमरा
आशियाना कॉलोनी में एक सिपाही ने पहले किराये पर कमरा लिया। सादी वर्दी में घूमकर राशिद के घर की पूरी जानकारी जुटाई। कौन-कौन हथियार बनाने के लिये वहां पर आते हैं, उनकी जानकारी जुटाई। करीब एक सप्ताह से एसओजी की टीम आशियाना कॉलोनी में लगी थी। सटीक जानकारी मिलने पर ही एसओजी और लिसाड़ीगेट पुलिस ने छापा मारा।
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