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प्रयागराज

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एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अंजू और कौशिक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली की आरोपी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की निलंबित परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार और कौशिक कुमार के खिलाफ सोमवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कोर्ट में पुलिस ने 250 पन्ने से ज्यादा का आरोप पत्र दाखिल किया। प्रकरण के शेष अन्य सात आरोपियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। अंजू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के लिए पुलिस अब तक शासन स्तर से अभियोजन की अनुमति मिलने का इंतजार कर रही थी।

2018 में आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली का खुलासा 28 मई 2019 को एसटीएफ ने किया था। प्रकरण में कोलकाता निवासी प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को चोलापुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद 30 मई को अंजू कटियार को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया।

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फिलहाल दोनों जिला जेल में बंद हैं। इस मामले में वांछित अन्य सात आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका जनपद न्यायालय से खारिज हो चुकी है। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि अंजू और कौशिक के खिलाफ धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, आपराधिक षड्यंत्र सहित अन्य आरोपों के संबंध में पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं।
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यूपीपीएससी : पेपर लीक मामले में छह आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरोपी चोलापुर थाना के दशनीपुर के शैलेंद्र कुमार सिंह, जौनपुर के नेवढ़िया के अजीत कुमार व अजय कुमार चौहान, गाजीपुर के सुहवल के प्रभुदयाल सिंह यादव और आसनसोल के गणेश व रंजीत की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। यह आदेश विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चतुर्थ रामचंद्र की अदालत ने दिए।

आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध प्रभारी डीजीसी मुन्नालाल यादव और एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने किया। यूपीपीएससी द्वारा जुलाई 2018 में आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली का 28 मई 2019 को एसटीएफ ने खुलासा किया था।

प्रकरण में कोलकाता निवासी प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार कर और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मामले की जांच कर रहे विवेचक के अनुसार, चोलापुर थाने में दर्ज इस मुकदमे की तफ्तीश अंतिम दौर में हैं और चार्जशीट जल्द ही अदालत में दाखिल की जाएगी।
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वाराणसी : ट्रेन से उतरते वक्त नीचे गिरा जवान, अस्पताल में इलाज के दौरान थम गईं सांसें

प्रयागराज जंक्शन पर सोमवार रात हुए हादसे में आरएएफ जवान की मौत हो गई। प्लेटफार्म पर उतरते वक्त वह नीचे गिरकर ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे गंभीर चोटें आईं। इलाज के लिए जवान को एसआरएन अस्पताल पहुंचाया गया, जहां देर रात उनकी सांसें थम गईं।

वाराणसी के बड़ागांव थाना अंतर्गत हसनपुर गांव निवासी राघवेंद्र सिंह(40) शांतिपुरम स्थित आरएएफ 101 बटालियन की डी कंपनी में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। पिछले दिनों छुट्टी पर वह दिल्ली गए थे, जहां से सोमवार को वह संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से फाफामऊ में बटालियन परिसर स्थित अपने आवास पर लौट रहे थे।

रात 12.48 बजे के करीब ट्रेन प्लेटफार्म नंबर चार से होकर गुजर रही थी। इसी दौरान राघवेंद्र ने नीचे उतरने का प्रयास किया। हालांकि इस दौरान वह खुद को संभाल नहीं सके और ट्रैक पर गिरकर ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे में उनके पैर कट गए और शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आईं।
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अतीक-अशरफ हत्याकांड: अमेरिका से आई जिगाना पिस्टल, लॉरेंस बिश्नोई ने मंगवाई, अब एजेंसियों को ये शक

15 अप्रैल को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारोपियों ने दोनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी। प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय पुलिस हिरासत में दोनों की हत्या से हड़कंप मच  गया था। इस हत्याकांड में एक नाम बेहद चर्चा में है। वह है 'जिगाना'। दरअसल, जिगाना पिस्टल का नाम है। यह वही पिस्टल है जिसका इस्तेमाल अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग में किया गया। अब इसके तार लॉरेस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, गोगी गैंग और अमेरिका से जुड़ने लगे हैं। 

लॉरेंस बिश्नोई ने जिगाना पिस्टल अमेरिका से मंगवाई थी। इन्हें भारत तक पहुंचाने में गोल्डी बराड़ ने अहम भूमिका निभाई। दोनों जिगाना पिस्टल 2021 में मंगवाई गई थी। इन पिस्टल को गोगी गैंग के लिए मंगवाया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई ने खुद यह बात कबूली है। 

अब इंटेलिजेंस एजेंसियों को शक है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में इन्हीं जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है। जिसे लॉरेंस बिश्नोई ने मुहैया करवाया था। हाल ही में तिहाड़ जेल में बदमाश टिल्लू ताजपुरिया की हत्या को अंजाम दिया गया। इस हत्याकांड में गोगी गैंग का नाम सामने आया है। वहीं लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गोल्डी बराड़ ने इसकी जिम्मेदारी ली है। अब पूरे मामले के तार आपस में जुड़ने लगे हैं।   

गोगी गैंग ने सनी को दी थी पिस्टल
अतीक-अशरफ हत्याकांड को शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या व सनी सिंह ने अंजाम दिया था। यूपी पुलिस की एसआईटी की पूछताछ में सामने आया कि दिल्ली के गोगी गैंग ने सनी सिंह को विदेशी पिस्टल रखने को दिया था लेकिन गोगी की हत्या के बाद सनी पिस्टल लेकर अपने घर भाग निकला था। आशंका है कि इसी पिस्टल का इस्तेमाल हत्याकांड में किया गया है। 
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अतीक-अशरफ हत्याकांड। अतीक-अशरफ हत्याकांड।

प्रयागराज:  बेलन नदी के पुल पर सगे भाइयों समेत तीन का शव मिलने से सनसनी, पिता ने लगाया हत्या का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

लखनऊ : एसएससी की परीक्षा में 13 सॉल्वर गिरफ्तार, आरोपियों को कोर्ट में पेश कर भेजा गया जेल 

स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) के स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट में अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचे 13 सॉल्वरों को शुक्रवार शाम आशियाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। परीक्षा करा रही नोडल एजेंसी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने मूल आवेदन व प्रारंभिक परीक्षा के प्रवेशपत्र की फोटो में अंतर पाए जाने पर छानबीन कर ये खेल पकड़ा। टीसीएस के अधिकारी की तहरीर पर आशियाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शनिवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

टीसीएस के अधिकारियों के मुताबिक, एसएससी के स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट से पहले दिसंबर 2020 में प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। उसके परीक्षा फॉर्म व प्रवेशपत्र में कुछ ऐसे लोगों के फोटो लगे थे, जो मूल आवेदन के फोटो से मेल नहीं खा रहे थे। उक्त लोगों को चिह्नित कर लिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को जब स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट हुआ तो पूछताछ कर 13 लोगों को रंगे हाथ दबोच लिया गया। इनके पास से 14,693 रुपये की नकदी, तीन मोबाइल फोन व प्रवेशपत्र समेत अन्य जाली दस्तावेज बरामद हुए हैं। 

आशियाना इंस्पेक्टर धीरज कुमार शुक्ल ने बताया कि मामले में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के वेन्यू हेड रंभू रैना की तहरीर पर पकड़े गए 13 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना आदि धाराओं के साथ ही 6/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया। 

प्रयागराज का कोचिंग संचालक है सरगना
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड प्रयागराज का कोचिंग संचालक है। उसने एसएससी का फॉर्म भरने वाले लोगों से प्रारंभिक परीक्षा व स्टेनोग्राफर स्किल टेस्ट में पास कराने का ठेका लिया था और मोटी रकम वसूली थी। कोचिंग संचालक के साथ परीक्षा पास कराने का उसे ठेका देने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी पुलिस ने की है। 

ये आरोपित आए पकड़ में 
  • राहुल कुमार पटेल निवासी ग्राम रामपुर, थाना सोरांव, प्रयागराज
  • रामप्रकाश गुप्ता निवासी भटबूलिया नाथ नगर दौहरा, जिला दौहरा 
  • सूरज कुमार निवासी ग्राम गौनवन, थाना नवलपुर, पटना
  • अशोक कुमार निवासी ग्राम कटरा दयाराम, थाना सोरांव, प्रयागराज
  • मोहम्मद यासीन निवासी मुबारकपुर उपरहार, कौड़िहार, थाना नवाबगंज, प्रयागराज
  • आलोक प्रभाकर पटेल निवासी कमैलपुर जलालपुर, भटपुरा खुटनाना, सोरांव, प्रयागराज 
  • मान सिंह पटेल निवासी चढी का पुर नौरपुर, सोरांव, प्रयागराज
  • अंकित पटेल निवासी चक श्याम, थाना कोरांव, प्रयागराज
  • उपेंद्र कुमार निवासी सादीपुर, थाना हंसवर, अंबेडकरनगर
  • मुकेश कुमार निवासी गजेहडी, पोस्ट पप्सा पोलपुर, प्रयागराज
  • सुमित सोनी निवासी सोरांव, प्रयागराज
  • अनिल कुमार निवासी सकरामऊ, सोरांव, प्रयागराज
  • संजीव कुमार यादव निवासी जगुनी डीह, थाना बहरिया, प्रयागराज
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प्रयागराज डबल मर्डर केस : बहू ने ही कराई थी अपनी सास-ननद की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

औद्योगिक क्षेत्र स्थित मियां का पूरा गांव में मां-बेटी की हत्या का खुलासा करते हुए शनिवार को पुलिस ने बहु सलोनी तथा उसके पति के दोस्त शोभनाथ उर्फ शोभई को गिरफ्तार कर लिया। सलोनी खुद हत्या में शामिल थी। हत्या के बाद दोनों ने घर से गहने भी चुराए थे ताकि यह मामला लूट का लगे।

पुलिस को दिए बयान में सलोनी ने बताया कि ससुराल वाले उसकी छह साल की बेटी से उसे नहीं मिलने देते थे। इसी कारण उसने हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने उनके पास से गहने बरामद किए हैं। मियां का पूरा में मंगलवार रात प्रेमपति देवी और उसकी बेटी तनु 17 की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। प्रेमपति के पति बजरंग बहादुर पटेल उफ नचऊ पटेल पर जानलेवा हमला किया गया था। घटना के वक्त बजरंग की छह साल की पोती अंशिका भी थी लेकिन कातिलों ने उसे छोड़ दिया था।

इस मामले में पुरानी रंजिश के आधार पर पड़ोसी परिवार के चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई लेकिन पुलिस को मामला कुछ और ही लग रहा था। जांच में पता चला कि बजरंग के बेटे ने कुछ साल पहले आत्महत्या कर ली थी। उसकी पत्नी सलोनी ने दूसरी शादी कर ली थी। अंशिका सलोनी की बेटी है। सलोनी की कॉल डीटेल्स खंगाला गया तो पुलिस को काफी कुछ जानकारी मिल गई। इसके बाद सलोनी और शोभनाथ उर्फ शोभई को पकड़ लिया गया। शोभनाथ सलोनी के पति का दोस्त है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा : दीमक की तरह देश को चाट रहा है साइबर अपराध, व्यवस्था पर सवाल

Prayagraj News : तनु पटेल और प्रेमा देवी। फाइल फोटो
साइबर ठगों के देश भर में फैले नेटवर्क पर चिंता जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि साइबर ठग दीमक की तरह पूरे देश को चाट रहे हैं। देश की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर रहे हैं। साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों का पैसा न डूबे, इसकी जवाबदेही तय किया जाना जरूरी है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि ईमानदार नागरिकों की गाढ़ी कमाई साइबर ठगी से कैसे सुरक्षित हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि बैंक व पुलिस की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। याचिका की सुनवाई 14 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने नीरज मंडल उर्फ राकेश की अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट ने डीजीपी कार्यालय, लखनऊ, एसपी क्राइम व निरीक्षक साइबर क्राइम (प्रयागराज) से प्रदेश व प्रयागराज में एक लाख से अधिक व एक लाख से कम की
साइबर ठगी के दर्ज अपराधों व उनकी स्थिति की जानकारी मांगी थी। अधिकारियों की ओर से दाखिल हलफनामे में संतोषजनक जानकारी नहीं दी जा सकी। कोर्ट ने कहा इससे लगता है बैंक व पुलिस दोनों गंभीर नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि आश्चर्य होता है कि लोगों की जीवन की पूंजी लुट जाती है और उनसे कह दिया जाता है कि ठगी दूरदराज इलाके से हुई है। नक्सल एरिया में
पुलिस भी जाने से डरती है। धन वापसी मुश्किल है। लोग भाग्य को दोष देकर बैठ जाते हैं। बैंक व पुलिस की सुस्ती का लाभ साइबर अपराधी उठाते हैं।

साइबर ठगों से जज भी नहीं है सुरक्षित
कोर्ट ने कहा साइबर ठगी से जब जज भी सुरक्षित नहीं तो आम आदमी के बारे में क्या कहा जाए। राज्य सरकार को ठगी रोकने और बैंक व पुलिस की जवाबदेही तय करनी चाहिए। एक पूर्व जज से एक लाख रुपये की ठगी हुई। गिरफ्तार अभियुक्त ने कहा कि गिरोह काम करता है। यह गाढ़े समय या शादी आदि के लिए जमा पैसे निकाल कर ले जाते हैं। लोगों के अरमानों पर पानी फेर देते हैं। बिचौलिए लोगों का पैसा न खा जाए, इसके लिए प्रधानमंत्री ने जन-धन खाते खुलवाए। सरकारी योजनाओं का पैसा खाते में जमा किया जा रहा है।

बैंक में भी सुरक्षित नहीं है पैसा
अदालत काला धन रखने वाले सफेदपोश की बात नहीं कर रही, वह ईमानदार गरीब नागरिकों की बात कर रही, जिनका पैसा बैंक में जमा होता है। जो देश के विकास में खर्च होता है। ठगों की वजह से गरीब का पैसा बैंक में भी सुरक्षित नहीं है। जमा पैसे की गारंटी लेनी होगी। जिम्मेदारी तय हो कि गरीब का पैसा कैसे वापस आए। इसकी जिम्मेदारी किस पर तय हो। ग्राहकों के पैसे कैसे सुरक्षित हों, जिम्मेदारी तय किया जाना जरूरी है।
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घर के बाहर खड़े किसान की गोली मारकर हत्या, हत्यारों का सुराग लगाने में जुटी पुलिस

थाना क्षेत्र के डेराबारी गांव में रहने वाले किसान पुष्कर नाथ द्विवेदी (48) की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात तब हुई जब वह घर केबाहर मौजूद थे। हत्या किसने और क्यों की, इस बारे में खबर लिखे जाने तक कुछ पता नहीं चल सका था। अफसर मौकेपर पहुंचकर जांच पड़ताल में जुटे रहे।

पुष्कर नाथ पुत्र वाचस्पति डेराबारी गांव में रहकर किसानी करते हैं। शनिवार रात 11 बजे के करीब वह घर केबाहर टहल रहे थे तभी गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। गोली चलने की आवाज सुनकर आए परिजन लहुुलुहान हाल में उन्हें शंकरगढ़ सीएचसी ले जाने लगे लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हत्या की जानकारी पर गांव में सनसनी फैल गई। हत्यारे कौन थे देर रात तक इसका पता नहीं चल सका था। परिजनों में चीखपुकार मची रही। मामले में एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि घटना की जानकारी मिली है। मौकेपर पहुंचकर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। फिलहाल कोई तहरीर नहीं मिली है। 
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सीटीईटी पेपर लीक मामला: एसटीएफ को मिली कामयाबी, मास्टरमाइंड विकास यादव प्रतापगढ़ से पकड़ा

प्रयागराज: तीन दिन के भीतर कत्ल की छठवीं वारदात, सनसनी

हत्या की वारदात दर वारदात से जिले में सनसनी फैल गई है। हाल यह है कि 72 घंटे यानी तीन दिन के भीतर ही हत्या की छह वारदातें सामने आ चुकी हैं। जिनमें कुल सात लोगों को मार डाला गया। इनमें से तीन को तो नृशंस तरीके से धारदार हथियार से वार कर मौत के घाट उतारा गया। इससे कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।

जिले के ग्रामीण इलाकों में पिछले कुछ दिनों में आपराधिक घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। गंगापार व यमुनापार में हत्या के प्रयास, लूट, छेड़छाड़ के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मेजा में पिछले दिनों छेड़छाड़ केविरोध पर पिता की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत का हवाला देकर मामला संभालने की कोशिश की थी लेकिन सच यही है कि बेरहमी से पिटाई के बाद ही उसकी हालत बिगड़ी थी।

17 जुलाई को सरायइनायत में राजू नामक युवक की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। तीन जुलाई की रात सरायइनायत में 11 वर्षीय बालिका की हत्या कर लाश गड्ढे में फेंक दी गई। छह जुलाई को लाश मिलने पर वारदात की जानकारी हुई। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया था कि बालिका की मां केप्रेमी ने वारदात को अंजाम दिया। लेकिन घरवालों ने इस खुलासे पर सवाल उठाए थे। इससे पहले 17 मई को सरायइनायत केयरना गांव में आईटीआई के छात्र 17 वर्षीय अरुण उर्फ गोलू की हत्या कर दी गई थी।
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सात स्पेशल टीमें, फिर भी क्राइम कंट्रोल नहीं

ऐसा नहीं है कि क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस अफसरों की ओर से कवायद नहीं की जा रही है। लेकिन फिलहाल सारी कवायदें नाकाफी साबित हो रही हैं। गौरतलब है कि जिले में अपराधियों पर लगाम व खुलासे केलिए सात स्पेशल टीमें भी बनाई गई हैं। इनमें गंगापार, यमुनापार, शहर उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी एसओजी के साथ ही नारकोटिक्स व सर्विलांस टीम शामिल है। इन टीमों में 70 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर जुगाड़ से लंबे समय से एसओजी में जमे हैं। इसके अलावा एसओजी टीमों की कमान अनुभवहीन हाथों में सौंपे जाने से भी काम प्रभावित होने की बात सामने आ रही है।
 
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