चरकुला नृत्य की अनूठी और कलात्मक परंपरा राधाकुंड के गांव मुखराई से जुड़ी है। आसमान में उड़ता सतरंगी गुलाल हंसी ठिठोली और मीठी मीठी गालियों की बौछार ढप नगाड़े की थाप पर गूंजते रसिया महिला कलाकारों के सिर पर 108 दीपकों से सजा हुआ 5 मंजिला चरकुला सिर पर रखकर नाचती है। गांव मुखराई की महिला कलाकार संस्कृति और होली का अनूठा संगम राधारानी की ननिहाल गांव मुखराई में देखने को मिला चरकुला नृत्य ब्रज संस्कृति की अद्भुत कला में सुमर है।