Uttarakhand में समुद्र तल से 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, Badrinath से 25 किमी दूर, प्रकृति की गोद में बसा ये है Satopanth trek। सतोपंथ में प्राकृतिक Lake के साथ ही हिमालय की सुंदरता पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है। सबसे कठिन ट्रेकिंग रूट में गिने जाने वाले इस ट्रेक पर हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते यहां वीरानी ही छाई रही। लेकिन जैसे ही अनलॉक शुरू हुआ तो पर्यटकों की चहलकदमी भी यहां शुरू हो गई है। बीते एक महीने के अंदर कई ट्रेकिंग दल यहां पहुंच चुके हैं। सतोपंथ का सफर देश के अंतिम गांव माणा से होकर गुजरता है। इस ट्रैक पर वसुधारा से होकर जाया जाता है। पर्यटकों का मानना है कि यहां पहुंचकर अद्भुत शक्ति का अहसास होता है। त्रिकोणीय आकार की सतोपंथ झील प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर तो है ही साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी है। माना जाता है कि इस झील के तीनों कोनों में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने तपस्या की थी। एकादशी के दिन त्रिदेव यहाँ स्नान करते हैं। उस दिन यहाँ स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।