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शहीद अजय कुमार की पहली पुण्यतिथि ही भूले राजनेता
जानीखुर्द। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड के खात्मे के दौरान शहीद हुए बसा टिकरी गांव निवासी सेना के जवान अजय कुमार की पहली पुण्यतिथि पर दर्जनों गांव के लोगों ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान हवन किया गया।
जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा कश्मीर के पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ काफिले पर 14 फरवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। सेना ने हमलावरों के खिलाफ अभियान चलाया। चौथे दिन हमले के मास्टमाइड से मुठभेड़ के दौरान 55 राष्ट्रीय राइफल्स सेना के जवान अजय कुमार शहीद हो गए थे। गांव बसा टिकरी में बुधवार को शहीद अजय की पहली पुण्यतिथि पर हवन विचार क्रांति अभियान सिकरी कलां मोदीनगर के द्वारा किया गया। हवन में शहीद के पिता वीरपाल सिंह, शहीद के चार साल के पुत्र आरव, पत्नी प्रियंका सहित परिवार के अन्य सदस्यों कई गांव के लोगों ने आहुति दी। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य योगेंद्र कुसैडी, समाजसेवी मनोज कुुराली, सत्यपाल, नेपाल, शोकेंद्र, कृष्णपाल, अरुण पूनिया सहित आदि ग्रामीणों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
शहीद को एक साल में ही भूले राजनेता
शहीद अजय कुमार की पहली बरसी परिवार की ओर से गांव मनाई गई। बरसी के मौके पर बड़ी संख्या में आसपास के गांव के लोग पहुंचे। लेकिन राजनीतिक दलों का कोई बड़ा नेता कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ। ग्रामीणों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा। ग्रामीणों के अनुसार शहीद के अंतिम संस्कार में केंद्र व प्रदेश सरकार से मंत्री, सांसद, विधायक व अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। परिवार की देखभाल का वादा किया था। पर एक साल में ही नेता वादों को भूल गए। शहीद के पिता वीरपाल सिंह के अनुसार शहीद के नाम पर बनने वाले गांव का गेट अधूरा पड़ा है। वहीं, गांव पतला के कॉलेज में शहीद की प्रतिमा लगाने का वादा कमेटी ने किया था। लेकिन इस पर कोई काम नहीं हुआ है। शहीद की पत्नी प्रियंका को नौकरी के लिये सरकारी कार्यालयों के काफी चक्कर लगाने पड़े तब जाकर नौकरी मिल पाई ।