अंबेडकरनगर जिले के मालीपुर थाना क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़िता किशोरी ने घर में फांसी लगाकर बुधवार सुबह जान दे दी। इससे न सिर्फ गांव वरन पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वहीं, जब पुलिसकर्मी शव ले जाने लगे तो ग्रामीणों ने तीन आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की और शव न ले जाने देने पर अड़ गए। प्रकरण में एक दिन पहले पुलिस टीम किशोरी के घर गई थी। परिजनों के अनुसार उस किशोरी ने कहा था कि यदि गिरफ्तारी जल्द न हुई तो वह आत्महत्या कर लेगी।
बुधवार दोपहर को थानाध्यक्ष मालीपुर चंद्रभान यादव को लाइन हाजिर और विवेचक दरोगा प्रमोद खरवार को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने गांव पहुंचकर यह जानकारी दी तब जाकर ग्रामीणों का आक्रोश शांत हुआ।
इसके बाद शाम को पुलिस टीम पोस्टमार्टम के लिए शव ले जा सकी। जिलाधिकारी ने सीडीओ की अध्यक्षता में एएसपी और एसडीएम जलालपुर की टीम से पूरे प्रकरण की जांच करने की घोषणा की। शासन से परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का भी भरोसा दिलाया।
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किशोरी के पिता ने बीते दिनों मालीपुर पुलिस को तहरीर देकर कहा था कि स्कूल जाते समय उसकी 15 वर्षीय पुत्री को कटघर मूसा निवासी एक युवक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपहृत कर लिया। इसके बाद कार से लखनऊ के एक होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया। वहां से निकलकर किसी तरह वह घर पहुंची।
पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध अपहरण का केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी। इस बीच बुधवार सुबह किशोरी ने घर में ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उस समय परिवार के सदस्य कहीं बाहर निकले थे। इस बीच गैंगरेप पीड़िता के आत्महत्या करने की खबर ने सनसनी फैला दी।
चर्चा है कि पुलिस ने नामजद केस नहीं दर्ज किया था और रेप की धारा नहीं लगाई थी। इससे किशोरी आहत थी। हालांकि, एसपी अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि अपहरण का केस दर्ज था। किशोरी के कोर्ट में बयान के बाद दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी गई थी।