मेरठ में दौराला पुलिस ने हथियार और कारतूसों की तस्करी के मामले में रुहासा के पूर्व उप प्रधान सदरुद्दीन के दो बेटों शवी अख्तर व रजी अख्तर को गिरफ्तार कर चौंकाने वाला खुलासा किया। आरोपी सिर्फ हथियार तस्करी ही नहीं, बल्कि कारतूस बनाने का धंधा भी कर रहे थे। पुलिस की थ्री नॉट थ्री राइफल तक के कारतूस इनके पास रहते थे। इस काले धंधे में शस्त्र विक्रेता से लेकर खाकी वालों के नाम भी जुड़ रहे हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से थ्री नॉट थ्री राइफल के 23 कारतूस समेत 392 कारतूस-खोखे बरामद किए हैं। एक राइफल, एक बंदूक और दो तमंचे इनसे मिले हैं। देवबंद में तैनात एक सिपाही का नाम सामने आने के बाद एसएसपी ने उसके खिलाफ जांच बैठा दी है। क्राइम ब्रांच के एक सिपाही का भी आरोपियों से कनेक्शन खंगाला जा रहा है। पीएल शर्मा रोड स्थित शस्त्र विक्रेता जहां से खाली कारतूस लिए जाने की बात आरोपियों ने कुबूल की है, उससे भी पूछताछ की जाएगी।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में गुरुवार को एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि पूर्व प्रधान के बेटे शवी और रजी लंबे समय से हथियार तस्करी कर रहे थे। रजी बीडीसी सदस्य भी रहा है। इनका धंधा कारतूस के खाली खोखे लेकर उनको भरकर बेचना था। इन कारतूसों को मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर, शामली, दिल्ली, गाजियाबाद, हरियाणा समेत कई जिलों में बेचा जाता था। आरोपियों ने इंचौली के नई बस्ती लावड़ के रहने वाले शमीम से 50 हजार रुपये में बंदूक और तमंचे खरीदे थे। कारतूस बनाने के धंधे में परिवार की कई महिलाएं भी शामिल थीं। एसपी सिटी ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। दोनों आरोपियों के घर बुधवार रात को पुलिस ने दबिश देकर हथियार और कारतूस बरामद किए थे।
पुलिस ने आरोपियों के पास से थ्री नॉट थ्री राइफल के 23 कारतूस समेत 392 कारतूस-खोखे बरामद किए हैं। एक राइफल, एक बंदूक और दो तमंचे इनसे मिले हैं। देवबंद में तैनात एक सिपाही का नाम सामने आने के बाद एसएसपी ने उसके खिलाफ जांच बैठा दी है। क्राइम ब्रांच के एक सिपाही का भी आरोपियों से कनेक्शन खंगाला जा रहा है। पीएल शर्मा रोड स्थित शस्त्र विक्रेता जहां से खाली कारतूस लिए जाने की बात आरोपियों ने कुबूल की है, उससे भी पूछताछ की जाएगी।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में गुरुवार को एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि पूर्व प्रधान के बेटे शवी और रजी लंबे समय से हथियार तस्करी कर रहे थे। रजी बीडीसी सदस्य भी रहा है। इनका धंधा कारतूस के खाली खोखे लेकर उनको भरकर बेचना था। इन कारतूसों को मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर, शामली, दिल्ली, गाजियाबाद, हरियाणा समेत कई जिलों में बेचा जाता था। आरोपियों ने इंचौली के नई बस्ती लावड़ के रहने वाले शमीम से 50 हजार रुपये में बंदूक और तमंचे खरीदे थे। कारतूस बनाने के धंधे में परिवार की कई महिलाएं भी शामिल थीं। एसपी सिटी ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। दोनों आरोपियों के घर बुधवार रात को पुलिस ने दबिश देकर हथियार और कारतूस बरामद किए थे।