आखिर बबलू सिंह कौन है? जिसे शहाना ने अपने बेटे के पिता का नाम दिया। जिस निजी अस्पताल में प्रसव हुआ, उसके रिकॉर्ड में शहाना के पति का नाम बबलू सिंह दर्ज है। क्या यह मामले में आरोपी दरोगा राजेंद्र सिंह का कोई नाम है? यह जांच से साफ हो सकेगा। हां, अमर उजाला की पड़ताल में इतना तो साफ हुआ है कि शहाना की जिंदगी रहस्यों से भरी थी। जितना उसके बारे में जानने की कोशिश की गई, रहस्य और गहराते गए। ऐसा लग रहा, जैसे कोई खेल रहा था, वह खिलौना बन गई थी। उसके पीछे कुछ गलत चल रहा था, जिसे वह देख नहीं पाई और उसकी कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी।
जानकारी के मुताबिक शहाना को प्रसव के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराने के दो अलग-अलग पर्चे मिले हैं। पहले पर्चे पर राहुल यादव नामक व्यक्ति के भर्ती कराने का जिक्र है। रिकॉर्ड के मुताबिक राहुल ने तीन हजार रुपये जमा कराए थे। इसी बीच अस्पताल में भर्ती कराने का एक और पर्चा सामने आ गया। इसके मुताबिक शहाना के बच्चे की तबीयत खराब हुई थी। तब तिवारीपुर के ही राम अभिलाष साहनी ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। इसमें चार हजार रुपये जमा कराने का जिक्र किया गया है। शहाना को अस्पताल में भर्ती कराने के किसी पर्चे पर पति का नाम नहीं है। अब राहुल यादव व राम अभिलाष साहनी कौन हैं? यह सच भी पुलिस को सामने लाना होगा। आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पूरी कहानी...
अस्पताल स्टाफ के मुताबिक प्रसव के कुछ दिन बाद शहाना अस्पताल आई। वही बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनवाती है। इसमें मां के नाम के सामने शहाना, पिता का नाम बबलू सिंह लिखवाती है। मोबाइल नंबर अपना लिखती है। पते में इस बार मोहद्दीपुर, खोराबार थाने का जिक्र होता है। सवाल यह है कि जब वह अकेली थी तो कदम-कदम पर अलग-अलग नाम के शख्स क्यों मदद कर रहे थे? क्या ये सब दरोगा राजेंद्र सिंह के कहने पर शहाना की सेवा में लगे थे या कहानी कुछ और है? पुलिस ने ठीक से जांच की तभी सच से पर्दा उठ सकेगा। हां, बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र पर पिता का नाम बबलू सिंह लिखा है। अस्पताल स्टाफ के मुताबिक यह नाम शहाना ने ही लिखवाया था। अब यह बबलू सिंह कौन है? इसकी तह तक पुलिस को जाना होगा। तभी शहाना व उसके बच्चे को न्याय मिल सकेगा। पता चल सकेगा कि मासूम का पिता कौन है?
शादी के लिए तैयार नहीं थी शहाना
परिजनों के मुताबिक परिवार की देखभाल कर रही शहाना से कई बार शादी करने की बात कही गई, लेकिन उसने मना कर दिया। हर बार शहाना ने कहा कि अभी नौकरी ठीक से चल रही है। समय पर शादी कर लेगी। पिता इनायतुल्ला का कहना है कि बेटी बहुत अच्छी थी। भीटी गांव व आसपास के किसी को दिक्कत होती थी तो वही जिला महिला अस्पताल में इलाज कराती थी। तमाम लोगों के आंख के ऑपरेशन कराए हैं। शहाना की मौत से पूरा गांव गमगीन है। उसे न्याय मिलना चाहिए। पिता के मुताबिक शहाना ने अपनी शादी की बात नहीं बताई थी। लिहाजा, शादी का दबाव बना रहे थे, लेकिन वह तैयार नहीं हुई। मुझे तो उसके मरने के बाद पता चला कि उसका एक बच्चा भी है।
जेल में सात वर्दीधारी आरोपी
शहाना की मौत के मामले में दरोगा राजेंद्र सिंह को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। अब मंडलीय कारागार में सात वर्दीधारी बंद हो गए हैं। इससे पहले कानपुर के कारोबारी मनीष की हत्या में नामजद रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दुबे, विजय यादव, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव व कांस्टेबल प्रशांत कुमार जेल भेजे गए थे। अब जेल में वर्दीधारी आरोपियों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
पति एलआईयू में हैं, यही बताती थी
शहाना के साथ जिला महिला अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि वह अक्सर अपने पति का बखान करती थी। बड़े फक्र से बताती थी कि पति दरोगा हैं। इस वक्त एलआईयू में तैनाती है। कभी कभार वह बाइक पर पुलिस का लोगो (चिन्ह) लगा गाड़ी से आता था। हमेशा हेलमेट लगा होता था। इसलिए पहचान नहीं हो सकी। किसी ने चेहरा भी नहीं देखा है।
सिपाही से बना दरोगा
बलिया का राजेंद्र सिंह सिपाही से प्रमोशन पाकर दरोगा बना है। जो जानकारी राजेंद्र के बलिया स्थित गांव से मिली है, उसके मुताबिक राजेंद्र ने सीतापुर में मकान बना रखा है। वहीं पत्नी के साथ रहता था। छुट्टी में जाता था। राजेंद्र के दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। एक बेटा ग्वालियर में पढ़ाई कर रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक राजेंद्र का गांव आना कम होता था। वह दो साल से गांव नहीं आया था, लेकिन बेटी की शादी धूमधाम से की थी।
निलंबित होगा दरोगा
गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गए दरोगा राजेंद्र सिंह को निलंबित किया जाएगा। इसकी जानकारी एलआईयू की विशेष शाखा के एसपी को दी जा चुकी है। जल्द ही दरोगा को निलंबित किए जाने का आदेश जारी हो जाएगा।