जिस तरह बिहार के गया के रहनेवाले दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के प्यार में एक पहाड़ को काट कर रास्ता बना दिया था ठीक उसी तरह की मिसाल ओडिशा में भी देखने को मिली। ओडिशा के कंधमाल में रहनेवाले जालंधर नायक ने अपने बच्चों के लिए अकेले ही आठ किलोमीटर लंबी सड़क तैयार कर दी। जालंधर के बच्चे इलाके में सड़क न होने की वजह से जंगल के रास्ते स्कूल नहीं जा पाते थे। 45 साल के जालंधर नायक ने हर रोज आठ घंटे कड़ी मेहनत करके दो साल में अकेले, बिना किसी प्रशासनिक मदद के आठ किलोमीटर लंबी सड़क तैयार कर ली है और अगले तीन साल में और सात किलोमीटर सड़क बनाने का उनका लक्ष्य है।