सहारनपुर के देवबंद में फिल्म दंगल में आमिर खान की बेटी का रोल करने वाली फातिमा सना शेख हॉट बिकनी फोटो शूट की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। पवित्र रमजान माह में फातिमा ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर दो पिक्चर अपलोड की।
जिसमें वो बिकनी पहने हुई हैं। इसी को लेकर देवबंदी उलमा ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि मुस्लिम औरत के लिए जरूरी है कि वह ऐसा लिबास पहने जो बदन को ढकने वाला हो।
फिल्म दंगल से सुर्खियों में आईं फातिमा सना शेख की हॉट फोटो शूट को लेकर अरबी के प्रसिद्ध विद्वान मौलाना नदीमुलवाजदी ने कहा कि तमाम मुस्लिम महिलाओं के लिए जरूरी है कि वह शरीर को अच्छे से ढकने वाले लिबास का इस्तेमाल करें।
कम, छोटे और तंग कपड़े पहनने की इस्लाम में कतई मनाही है। शरीयत में साफ साफ लिखा है कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसा लिबास पहनना चाहिए जो बदन को ढकने वाला हो। उन्होंने कहा कि शरीयत का हुक्म खालिदा, फातिमा या रजिया कोई भी हो सभी पर लागू होता है।
मौलाना वाजदी ने कहा कि पवित्र रमजान माह हो या फिर आम दिन मुस्लिम महिलाओं को शरीयत के हुक्म के मुताबिक रहन सहन रखना चाहिए। साथ ही कहा कि इन तमाम मसलों पर शरीयत का क्या हुक्म है वो केवल बता सकते हैं, उसे किसी पर जबरन थोप नहीं सकते।
दारुल उलूम जकरिया के वरिष्ठ उस्ताद व फतवा ऑनलाइन के प्रभारी मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने दंगल गर्ल फातिमा सना शेख के पहनावे को शरीयत के विरुद्ध बताते हुए उन्हें शरीयत के मुताबिक जिंदगी गुजारने की सलाह दी।
सहारनपुर के देवबंद में फिल्म दंगल में आमिर खान की बेटी का रोल करने वाली फातिमा सना शेख हॉट बिकनी फोटो शूट की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। पवित्र रमजान माह में फातिमा ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर दो पिक्चर अपलोड की।
जिसमें वो बिकनी पहने हुई हैं। इसी को लेकर देवबंदी उलमा ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि मुस्लिम औरत के लिए जरूरी है कि वह ऐसा लिबास पहने जो बदन को ढकने वाला हो।
फिल्म दंगल से सुर्खियों में आईं फातिमा सना शेख की हॉट फोटो शूट को लेकर अरबी के प्रसिद्ध विद्वान मौलाना नदीमुलवाजदी ने कहा कि तमाम मुस्लिम महिलाओं के लिए जरूरी है कि वह शरीर को अच्छे से ढकने वाले लिबास का इस्तेमाल करें।
कम, छोटे और तंग कपड़े पहनने की इस्लाम में कतई मनाही है। शरीयत में साफ साफ लिखा है कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसा लिबास पहनना चाहिए जो बदन को ढकने वाला हो। उन्होंने कहा कि शरीयत का हुक्म खालिदा, फातिमा या रजिया कोई भी हो सभी पर लागू होता है।
मौलाना वाजदी ने कहा कि पवित्र रमजान माह हो या फिर आम दिन मुस्लिम महिलाओं को शरीयत के हुक्म के मुताबिक रहन सहन रखना चाहिए। साथ ही कहा कि इन तमाम मसलों पर शरीयत का क्या हुक्म है वो केवल बता सकते हैं, उसे किसी पर जबरन थोप नहीं सकते।
दारुल उलूम जकरिया के वरिष्ठ उस्ताद व फतवा ऑनलाइन के प्रभारी मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने दंगल गर्ल फातिमा सना शेख के पहनावे को शरीयत के विरुद्ध बताते हुए उन्हें शरीयत के मुताबिक जिंदगी गुजारने की सलाह दी।