सहारनपुर। यूरिया की किल्लत झेल रहे किसानों को अब राहत मिलेगी। जनपद में मंगलवार को 2650 मीट्रिक टन यूरिया की रैक आ गई है। जिसे मांग के अनुसार सीधे सहकारी समितियों को भेजा जा रहा है। इसका वितरण भी शुरू हो गया है। इससे पहले सोमवार को 3700 मीट्रिक टन डीएपी की भी एक रैक आई थी।
जनपद में करीब 1.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती होती है। इसमें से लगभग 60 हजार हेक्टेयर गेहूं में सिंचाई के बाद पहली बार यूरिया उर्वरक डालने की जरूरत है, लेकिन पिछले कुछ दिन से जनपद के कई क्षेत्रों के किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है। इससे गेहूं सहित अन्य रबी फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। समय पर यूरिया नहीं डालने से गेहूं में न सिर्फ कम फुटाव होता है, बल्कि उत्पादकता भी प्रभावित होती है। इसके चलते किसानों में यूरिया के लिए मारामारी मची है। यूरिया की इस रैक के आने से किसानों को राहत मिलेगी।
जिला कृषि अधिकारी धीरज कुमार सिंह ने बताया मंगलवार को 2650 मीट्रिक टन यूरिया की एक रैक आ गई है। इसे सीधे ही सहकारी समितियों में वितरण के लिए भिजवाना शुरू कर दिया है। सभी सहकारी समितियों को उनकी मांग के अनुसार यूरिया सहित अन्य उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जनपद में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है।
जनपद में उर्वरकों की स्थिति --
उर्वरक -------------- उपलब्धता
यूरिया ----------- 20086 मीट्रिक टन
डीएपी ------------ 11582 मीट्रिक टन
एनपीके ----------- 7710 मीट्रिक टन
एमओपी ----------- 1010 मीट्रिक टन
एसएसपी ---------- 3584 मीट्रिक टन
नोट: कृषि विभाग के सात दिसंबर के आंकड़ों के अनुसार।
सहारनपुर। यूरिया की किल्लत झेल रहे किसानों को अब राहत मिलेगी। जनपद में मंगलवार को 2650 मीट्रिक टन यूरिया की रैक आ गई है। जिसे मांग के अनुसार सीधे सहकारी समितियों को भेजा जा रहा है। इसका वितरण भी शुरू हो गया है। इससे पहले सोमवार को 3700 मीट्रिक टन डीएपी की भी एक रैक आई थी।
जनपद में करीब 1.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती होती है। इसमें से लगभग 60 हजार हेक्टेयर गेहूं में सिंचाई के बाद पहली बार यूरिया उर्वरक डालने की जरूरत है, लेकिन पिछले कुछ दिन से जनपद के कई क्षेत्रों के किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है। इससे गेहूं सहित अन्य रबी फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। समय पर यूरिया नहीं डालने से गेहूं में न सिर्फ कम फुटाव होता है, बल्कि उत्पादकता भी प्रभावित होती है। इसके चलते किसानों में यूरिया के लिए मारामारी मची है। यूरिया की इस रैक के आने से किसानों को राहत मिलेगी।
जिला कृषि अधिकारी धीरज कुमार सिंह ने बताया मंगलवार को 2650 मीट्रिक टन यूरिया की एक रैक आ गई है। इसे सीधे ही सहकारी समितियों में वितरण के लिए भिजवाना शुरू कर दिया है। सभी सहकारी समितियों को उनकी मांग के अनुसार यूरिया सहित अन्य उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जनपद में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है।
जनपद में उर्वरकों की स्थिति --
उर्वरक -------------- उपलब्धता
यूरिया ----------- 20086 मीट्रिक टन
डीएपी ------------ 11582 मीट्रिक टन
एनपीके ----------- 7710 मीट्रिक टन
एमओपी ----------- 1010 मीट्रिक टन
एसएसपी ---------- 3584 मीट्रिक टन
नोट: कृषि विभाग के सात दिसंबर के आंकड़ों के अनुसार।