धान खरीद को लेकर अभी भी किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। किसान उपज बेचने को लेकर क्रय केंद्रों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। बंद हुए 30 क्रय केंद्रों का विकल्प अभी तक किसानों को नहीं मिल सका है और किसान इस केंद्र से उस केंद्र भटक रहे हैं। बहुत से किसान क्रय केंद्रों के बाहर धान रखकर बेचने का इंतजार कर रहे हैं। निर्धारित लक्ष्य 124400 मी. के सापेक्ष अब तक 67 हजार मी. टन धान की खरीद हुई है।
जिले में धान खरीद समय सीमा खत्म होने में 31 दिन ही शेष रह गए हैं। लेकिन क्रय केंद्रों पर हालात नहीं सुधर सके हैं। कहीं किसानों से खरीदे गए धान डंप हैं तो कहीं बोरियों का संकट है लिहाजा संबंधित केद्र प्रभारी की ओर से धान की खरीद नहीं की जा रही है। धान खरीद नहीं होने से बिचौलियों की खूब चांदी कट रही है। वह किसानों की फसल को औने पौने दामों में खरीद रहे हैं।
किसानों के धान खरीदने के लिए जिले में एक नवंबर से विभिन्न संस्थाओं के कुल 80 क्रय केंद्र स्थापित किए गए। कुल 124400 मी. टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित है। हालांकि इस वर्ष बारिश व जलभराव के कारण धान की कटाई विलंब से हुई लेकिन जब किसानों के धान तैयार हुए तो क्रय केंद्रों पर मनमानी शुरु हो गई। शुरुआती दौर में ही पांच क्रय किन्ही कारणों से बंद हो गए। 75 क्रय केंद्र लड़खड़ाते हुए चले और धीरे-धीरे अब तक धीरे-धीरे 30 क्रय केंद्र बंद हो चुके हैं। आलम यह है कि 288 किसानों के करीब चार करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी फंसा हुआ है। वर्तमान में महज 45 क्रय केंद्र ही संचालित हो रहे हैं।
कई गांवों के किसान महीनों से काट रहे चक्कर
चितबड़ागांव। चितबड़ागांव विपणन केंद्र पर एक दर्जन से अधिक किसान ट्रैक्टरों पर धान लाद कर क्रय केंद्रों पर कई दिनों से जमे हुए हैं। जबकि इनमें से मात्र तीन या चार ट्रैक्टरों का धान क्रय हो पाता है। कुछ किसानों का कहना है कि महीनों से धान की खरीदारी चल रही है और अभी 100 नंबर टोकन की खरीदारी हो रही है। जबकि लगभग सभी किसानों की तौल अब तक पूरी हो जानी चाहिए। नसीरपुर कला निवासी किसान ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि एक महीने से धान बेचने के लिए केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं, रोज आज व कल तौल होने की बात कही जा रही है। पलिगरा निवासी किसान श्रीकांत यादव ने कहा कि क्रय केंद्र पर मनमानी की जाती है और किसान परेशान हैं। विपणन प्रभारी पूर्णेन्दु प्रवीण ने बताया कि लगभग 250 किसानों का कुल 18000 क्विंटल धान क्रय हो चुका है लेकिन बीच में ऑनलाइन टोकन आ जाने से ऑफलाइन टोकन वालों का तौल रुक गया था। प्रतिदिन हम 400 क्विंटल ही धान की खरीदारी कर पाते हैं क्योंकि एक ही मिलर है और वहां पर भी पर्याप्त जगह नहीं है। जिनको नहीं बुलाया जाता है वह किसान भी ट्रैक्टर पर धान लेकर केंद्र पर पहुंच आते हैं और हो हल्ला मचा रहे हैं। अब तक कुल 549 टोकन जारी कर दिए गए हैं जिनमें लगभग 100 किसानों का धान क्रय हो चुका है।
एफपीओ व पंजीकृति समितियों के सभी 30 क्रय केंद्रों की खरीद पर शासन से रोक लगा दी गई है। इन केंद्रों पर खरीद के सापेक्ष 70 फीसदी किसानों को भुगतान नहीं किया गया था। अब 45 क्रय केंद्र संचालित हैं। किसान आसपास के केंद्रों पर धान की बिक्री कर सकते हैं।
- अविनाश चंद्र सागरवाल, जिला विपणन अधिकारी, बलिया
धान खरीद को लेकर अभी भी किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। किसान उपज बेचने को लेकर क्रय केंद्रों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। बंद हुए 30 क्रय केंद्रों का विकल्प अभी तक किसानों को नहीं मिल सका है और किसान इस केंद्र से उस केंद्र भटक रहे हैं। बहुत से किसान क्रय केंद्रों के बाहर धान रखकर बेचने का इंतजार कर रहे हैं। निर्धारित लक्ष्य 124400 मी. के सापेक्ष अब तक 67 हजार मी. टन धान की खरीद हुई है।
जिले में धान खरीद समय सीमा खत्म होने में 31 दिन ही शेष रह गए हैं। लेकिन क्रय केंद्रों पर हालात नहीं सुधर सके हैं। कहीं किसानों से खरीदे गए धान डंप हैं तो कहीं बोरियों का संकट है लिहाजा संबंधित केद्र प्रभारी की ओर से धान की खरीद नहीं की जा रही है। धान खरीद नहीं होने से बिचौलियों की खूब चांदी कट रही है। वह किसानों की फसल को औने पौने दामों में खरीद रहे हैं।
किसानों के धान खरीदने के लिए जिले में एक नवंबर से विभिन्न संस्थाओं के कुल 80 क्रय केंद्र स्थापित किए गए। कुल 124400 मी. टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित है। हालांकि इस वर्ष बारिश व जलभराव के कारण धान की कटाई विलंब से हुई लेकिन जब किसानों के धान तैयार हुए तो क्रय केंद्रों पर मनमानी शुरु हो गई। शुरुआती दौर में ही पांच क्रय किन्ही कारणों से बंद हो गए। 75 क्रय केंद्र लड़खड़ाते हुए चले और धीरे-धीरे अब तक धीरे-धीरे 30 क्रय केंद्र बंद हो चुके हैं। आलम यह है कि 288 किसानों के करीब चार करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी फंसा हुआ है। वर्तमान में महज 45 क्रय केंद्र ही संचालित हो रहे हैं।
कई गांवों के किसान महीनों से काट रहे चक्कर
चितबड़ागांव। चितबड़ागांव विपणन केंद्र पर एक दर्जन से अधिक किसान ट्रैक्टरों पर धान लाद कर क्रय केंद्रों पर कई दिनों से जमे हुए हैं। जबकि इनमें से मात्र तीन या चार ट्रैक्टरों का धान क्रय हो पाता है। कुछ किसानों का कहना है कि महीनों से धान की खरीदारी चल रही है और अभी 100 नंबर टोकन की खरीदारी हो रही है। जबकि लगभग सभी किसानों की तौल अब तक पूरी हो जानी चाहिए। नसीरपुर कला निवासी किसान ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि एक महीने से धान बेचने के लिए केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं, रोज आज व कल तौल होने की बात कही जा रही है। पलिगरा निवासी किसान श्रीकांत यादव ने कहा कि क्रय केंद्र पर मनमानी की जाती है और किसान परेशान हैं। विपणन प्रभारी पूर्णेन्दु प्रवीण ने बताया कि लगभग 250 किसानों का कुल 18000 क्विंटल धान क्रय हो चुका है लेकिन बीच में ऑनलाइन टोकन आ जाने से ऑफलाइन टोकन वालों का तौल रुक गया था। प्रतिदिन हम 400 क्विंटल ही धान की खरीदारी कर पाते हैं क्योंकि एक ही मिलर है और वहां पर भी पर्याप्त जगह नहीं है। जिनको नहीं बुलाया जाता है वह किसान भी ट्रैक्टर पर धान लेकर केंद्र पर पहुंच आते हैं और हो हल्ला मचा रहे हैं। अब तक कुल 549 टोकन जारी कर दिए गए हैं जिनमें लगभग 100 किसानों का धान क्रय हो चुका है।
एफपीओ व पंजीकृति समितियों के सभी 30 क्रय केंद्रों की खरीद पर शासन से रोक लगा दी गई है। इन केंद्रों पर खरीद के सापेक्ष 70 फीसदी किसानों को भुगतान नहीं किया गया था। अब 45 क्रय केंद्र संचालित हैं। किसान आसपास के केंद्रों पर धान की बिक्री कर सकते हैं।
- अविनाश चंद्र सागरवाल, जिला विपणन अधिकारी, बलिया