मेयर साहब, केरोसीन लेकर ऊपर डाल लूं या सदन में ही धरने पर बैठ जाऊं..., आगरा में सीवर और सफाई की समस्या से परेशान पार्षद जरीना बेगम ने शुक्रवार को जब विशेष सदन में मेयर नवीन जैन से मुखातिब होकर अपना दर्द बयां किया तो सन्नाटा छा गया। जरीना बेगम की तरह शहीद नगर के पार्षद, कार्यकारिणी के उपसभापति जगदीश पचौरी बोले कि वबाग कंपनी द्वारा सीवर समस्याओं का समाधान न करने से पार्षदों को मुंह छिपाकर निकलना पड़ रहा है। जनता परेशान हैं, निदान चाहती है, पर पार्षदों की भी कंपनी सुन नहीं रही। अगर कंपनी सुधार नहीं कर रही तो करार निरस्त कर दिया जाए।
बसपा की पार्षद जरीना बेगम के साथ बंटी माहौर, धर्मवीर सिंह, मनोज सोनी के साथ भाजपा पार्षदों ने अपनी पीड़ा बताई। बसपा के पार्षद बंटी माहौर के समर्थन में बसपा पार्षद सदन के बाहर धरने पर भी बैठे, जिस पर मेयर ने मोहन सिंह लोधी और प्रकाश केसवानी को समझाने के लिए भेजा। बसपा पार्षदों ने बहिष्कार खत्म कर सदन में सफाई को लेकर समस्याएं बताई।
पार्षद शरद चौहान ने कहा कि जैसी व्यवस्था जलकल की थी, उससे बदतर काम वबाग कंपनी कर रही है। वबाग कर्मी सीवर चोक होने पर सिल्ट निकालकर घरों के दरवाजे पर डाल देते हैं। 3-4 दिन बदबू से लोग परेशान होकर शिकायतें करना ही बंद कर रहे। सीवर लाइन बिछाई तो मेन लाइन से जोड़ी नहीं। रोड कटिंग कर बनाई नहीं, तो सड़कें धंस गई।
पार्षद रवि शर्मा ने कहा कि न खुदा ही मिला, न बिसाले सनम, इधर के रहे, न उधर के। वबाग को सुधार के लिए लाए थे, पर हालात बिगाड़ दिए। वबाग के 5 अधिकारियों को समस्या का वीडियो बनाकर भेजते हैं तो 8 महीने में भी समस्या का समाधान नहीं कर रहे। कमला नगर के जी-13 मकान की 20 बार शिकायत की। लोग मकान बेचने को मजबूर हैं।
पार्षद प्रकाश केसवानी ने कहा कि 87 लाख से सड़क बनवाई, वबाग ने काट दी। कंपनी को नुकसान करने के लिए नहीं बुलाया। न सीवर साफ कर रहे, न एसटीपी चला रहे। हर दिन कर्मचारी हड़ताल पर रहते हैं। घर में मांगलिक कार्य हो गया गमी, सीवर उफनने की शिकायत पर यही जवाब मिलता है कि कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कंपनी का करार निरस्त किया जाए।
पार्षद अजय कुमार ने कहा कि कूलर में पानी भरा मिलने पर जनता का चालान हो रहा, पर सीवर सड़क पर भरने पर वबाग पर जुर्माना क्यों नहीं हो रहा। नगला परसोती में सीवर से पूरा तालाब बन गया। 2 साल से पंप से सीवर निकाला जा रहा, हादसे हो रहे हैं। शिकायत पर फोटो खींचकर भेज देते हैं, समाधान नहीं करते।
पार्षद कन्हैया लाल कुशवाह ने कहा कि सीवर समस्या पर सुबह ही महिलाएं घेराव करने लगती हैं। घर से निकलना मुश्किल हो गया। 6 माह से पांच जगह सीवर लाइन क्षतिग्रस्त है, पर कंपनी बदल नहीं रही। हर सड़क पर सीवर उफन रहा, लेकिन 6 माह से सुनवाई नहीं की।
100 में 98 पार्षदों ने वबाग का किया विरोध
विशेष सदन में 100 में से 98 पार्षदों ने वबाग का विरोध किया और हालात गंभीर बताए। मेयर ने नोडल अधिकारी जलकल महाप्रबंधक आरएस यादव से रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने बताया कि सीवर उफनने की स्थिति खराब है। जनवरी में 1800 शिकायतें थीं जो अब भी इतनी ही हैं। 10 माह में इनमें कोई कमी नहीं, इससे साफ है कि चोक लाइनें साफ नहीं हुईं। छोटी गलियों में कंपनी छोटी मशीनें नहीं लगा रही।
सुपरसकर मशीनें कम हैं, जबकि हर जोन में एक चाहिए। बार-बार प्लानिंग कर कंपनी को बता चुके। 25 पत्र भेज चुके, पर वबाग के अधिकारी कमिश्नर के आदेश भी नहीं मान रहे। कंपनी को 24 से 48 घंटे में शिकायत दूर करनी है, पर 20 दिन तक नहीं करती। हर माह 3.57 करोड़ का भुगतान हो रहा है। पार्षदों की शिकायतें दूर करने के लिए कंपनी काम नहीं कर रही। एक बार पूरे नेटवर्क की सफाई हो जाए तो 4 साल तक दिक्कत नहीं आएगी।