न्यू आगरा की जयराम बाग कॉलोनी निवासी कोल्ड स्टोरेज मालिक सुरेश चौहान के इकलौते बेटे सचिन चौहान (25) के हत्या के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सचिन को उसके दोस्तों ने पहले अगवा किया, फिर हत्या कर दी। पूरी वारदात में कारोबारी सुरेश चौहान के साझीदार लेखराज सिंह का बेटा हर्ष और चीन से वापस आया कारोबारी सुमित असवानी शामिल थे। पुलिस ने दोनों दोस्तों के साथ ही पांच और आरोपियों को गिरफ्तार कर सोमवार को हत्याकांड का खुलासा किया। पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि सचिन पर आरोपी सुमित के 40 लाख रुपये उधार थे। यही 40 लाख रुपये उसकी हत्या की वजह बन गए।
अगली स्लाइड्स में पढ़िए दगाबाज दोस्तों ने कैसे रची सचिन हत्याकांड की साजिश....
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एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि सचिन चौहान 21 जून को दोपहर 3:30 बजे घर से लापता हुआ था। इसके बाद उसका सुराग नहीं लग सका। हत्याकांड के खुलासे के लिए थाना न्यू आगरा पुलिस और एसटीएफ लगी थी। रविवार को पुलिस को कुछ सुराग मिले। वाटर वर्क्स से कमला नगर निवासी हैप्पी खन्ना को पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद दयालबाग के तुलसी विहार निवासी सुमित असवानी, कमला नगर निवासी मनोज बंसल, रिंकू को गिरफ्तार कर लिया। छह घंटे बाद में हर्ष चौहान पकड़ा गया। इनके पास से सात मोबाइल, 1200 रुपये और दो कार (क्रेटा और ईको) बरामद कीं।
सचिन पर थी सुमित की 40 लाख की उधारी
एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि आरोपी हर्ष चौहान मृतक सचिन के पिता सुरेश चौहान के व्यापार में साझीदार लेखराज सिंह का बेटा है। वहीं सुमित असवानी का दयालबाग में स्पोर्ट्स क्लब है। वह दिसंबर 2019 में चीन से लौटकर आया है। वहां पर कपड़ों का व्यापार करता था। हर्ष और सचिन का सुमित के क्लब में आना जाना था। इस दौरान उनकी दोस्ती हो गई। हर्ष के कहने पर सुमित ने सचिन को कई बार में 40 लाख रुपये उधार दे दिए थे। सचिन रकम लौटा नहीं रहा था। इस पर सुमित ने हर्ष के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
आरोपियों ने प्लान बनाया कि सचिन के अपहरण के बाद पिता से दो करोड़ की फिरौती वसूल करेंगे। एक करोड़ हर्ष रखता, जबकि एक करोड़ सुमित को मिलते। हर्ष ने यह भी कहा कि अगर फिरौती की रकम नहीं मिलेगी तो वो 40 लाख रुपये उसे दे देगा। क्योंकि सचिन के मरने के बाद व्यापार पर उसी का कब्जा हो जाता। घटना वाले दिन सुमित ने सचिन को फोन करके कहा कि पार्टी करेंगे। रशियन लड़कियों को भी बुलाया है। उसे घर के बाहर बुलाया। कार से ले गए। रास्ते में शराब भी पी।
आरोपी सचिन को पोइया घाट स्थित अपने दोस्त के बंद पड़े आरओ प्लांट पर ले गए, जहां उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को कार से बल्केश्वर घाट पर लाए। कमेटी से अंतिम संस्कार का सामान खरीदा। कमला नगर निवासी 40 वर्षीय रवि वर्मा के नाम से शव को जला दिया। उसे कोरोना मरीज बताया, जिससे ज्यादा पूछताछ नहीं हुई। पीपीई किट भी लेकर गए थे। पर्ची पर गलत नाम के साथ पता भी लिखाया। मनोज बंसल विकलांग है। वह सचिन का मोबाइल बस से इटावा, कानपुर ले गया, जहां उसे फेंककर वापस आ गया।