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मध्य प्रदेश

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25 लाख दहेज लेकर भी इंस्पेक्टर ने शादी से मना किया, जहर खाकर जान दी

कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे पर यौन शोषण का आरोप लगाकर वापस लेने वाली पत्रकारिता की छात्रा प्रिंशु सिंह ने गुरुवार सुबह जहर खाकर जान दे दी। छात्रा ने ये कदम उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले के झूंसी क्षेत्र में उठाया। यहां देव नगर में रहने वाले इंस्पेक्टर कालिका प्रताप सिंह (बॉबी) के साथ 12 दिन बाद उसकी शादी तय थी। प्रिंशु ने पांच पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा है।

लिखा है कि शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। उन्हें दहेज के 25 लाख भी दे चुके हैं। अब बॉबी के भैया, चाचा मेरी शादी के खिलाफ हो गए हैं, जिनके कारण मैं जान दे रही हूं... 

उप्र के हलधरपुर की रहने वाली प्रिंशु (21) ने 2018 में भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि से एमए इन ब्रॉड कास्ट जर्नलिज्म किया था। 15 मई को उसकी शादी फतेहपुर, उप्र में पदस्थ इंस्पेक्टर कालिका प्रताप सिंह से तय थी।

सात साल बड़े कालिका से प्रिंशू का परिचय अगस्त 2016 में फेसबुक के जरिए हुआ था। एक-दूसरे के मोबाइल नंबर आपस में शेयर हुए और दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई थी। दहेज के तौर पर बीस लाख रुपए नकद और एक चार पहिया वाहन देना तय था। इसमें से 25 लाख रुपए प्रिंशू के पिता ने कालिका के परिवार को दे भी दिए थे।

दोनों के बीच संबंध भी बने, इसके बाद भी कालिका के परिवार वाले शादी से मुकर गए। इसी गम में प्रिंशू ने गुरुवार तड़के चार बजे जहर खाकर जान दे दी। एसएसपी प्रयागराज अतुल शर्मा के मुताबिक प्रिंशू के पिता की शिकायत पर दहेज अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। 

आरोप लगाकर आई थी चर्चा में फरवरी 2018 में प्रिंशू ने कांग्रेस नेता हेमंत कटारे पर यौन शोषण का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ ही ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। बाद में प्रिंशू ने अपना आरोप वापस ले लिया था। साल के आखिर में एक प्रेस कांफ्रेंस कर प्रिंशू ने कुछ राजनेताओं के बहकावे में आकर आरोप लगाने की सफाई दी। इसके बाद से ही उसका सुर्खियों में रहना कम हो गया था। 

पांच पेज के सुसाइड नोट

नमस्ते, मेरा नाम प्रिंशु सिंह है। दो मई को ये लैटर मैं पूरे होशो-हवास में गाड़ी में बैठकर लिख रही हूं। मैं प्रयागराज कालिका प्रताप सिंह के घर जा रही हूं। जब आप ये लैटर पढ़ रहे होंगे, तब शायद मैं इस दुनिया में नहीं होऊंगी। कालिका को मैं बॉबी बुलाती हूं। अगस्त 2016 में बॉबी से मेरी पहचान फेसबुक पर हुई थी। हम दोनों एक-दूसरे को प्यार करते थे।

8-9 महीने बाद बॉबी मुझसे मिलने भोपाल आए। बॉबी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारे घरवाले क्या गिफ्ट (दहेज) देंगे। मैंने कहा 20 लाख रुपए और एक फोर व्हीलर। मेरे पापा उनके घर रिश्ता लेकर गए, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। उनके भैया झूंसी में मकान खरीद रहे थे। उनके कहने पर बॉबी ने मुझसे 35 लाख कैश और स्विफ्ट मांगी।

मेरे परिवार ने इसका विरोध किया, लेकिन मेरी जिद के आगे वे मान गए। पापा ने मथुरा जाकर उन्हें 25 लाख रुपए दे भी दिए। यहीं हमारे पहली बार संबंध बने। 15 मई को हमारी शादी है। शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। कार्ड तक बंट गए हैं। 28 अप्रैल को बॉबी कहने लगे कि मेरे पापा और अरविंद भैया इस शादी के लिए तैयार नहीं हैं। मेरा जीवन इन सबने बर्बाद कर दिया है।

भगवान से गुजारिश है इन्हें इनके किए की सजा जीवनभर मिले। अरविंद प्रताप सिंह, बॉबी के चाचा जेपी सिंह, और उनके भैया विश्वनाथ प्रताप सिंह की वजह से मैं जान दे रही हूं। बॉबी ने भी ठीक नहीं किया और मुझे आत्महत्या करने जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। मुझे सिर्फ न्याय चाहिए। गुड बाय। -प्रिंशु सिंह।
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केबल टीवी विवाद में कारोबारी की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

मध्यप्रदेश के एक केबल टीवी नेटवर्क के 19 करोड़ रुपये के विवाद में भाड़े के शूटरों से यहां कारोबारी की हत्या के सनसनीखेज मामले के मुख्य साजिशकर्ता को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से गिरफ्तार किया गया है। उसके कब्जे से चरस भी बरामद की गयी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचि वर्धन मिश्र ने यहां सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि कारोबारी संदीप अग्रवाल (42) की इंदौर के विजय नगर क्षेत्र में 16 जनवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता रोहित सेठी को उत्तराखंड पुलिस ने 112 ग्राम चरस के साथ देहरादून के एक पार्क से रविवार देर शाम पकड़ा।

उन्होंने बताया कि सेठी को इंदौर लाने के लिये देहरादून में कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। अग्रवाल हत्याकांड में उसकी गिरफ्तारी पर 30,000 रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सेठी मध्यप्रदेश में एसआर केबल नेटवर्क चलाता था। अग्रवाल ने इस केबल नेटवर्क में 19 करोड़ रुपये निवेश किये थे। भागीदारों से विवाद होने पर वह यह रकम वापस मांग रहा था।

अधिकारियों के मुताबिक, आरोप है कि इस रकम की अदायगी से बचने के लिये सेठी ने कुख्यात गैंगस्टर सुधाकरराव मराठा की मदद से अग्रवाल की हत्या की साजिश रची और इसे भाड़े के शूटरों के जरिये अंजाम दिलवाया। मामले में मराठा और उसके तीन साथियों को 23 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
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मध्यप्रदेश : बंदूक की नोक पर स्कूल बस से तेल कारोबारी के जुड़वां बेटों का अपहरण

चित्रकूट के नयागांव थाना क्षेत्र स्थित एसपीएस स्कूल की बस में सवार यूकेजी के दो छात्रों का मंगलवार दोपहर नकाबपोश बदमाशों ने पिस्टल की नोक अगवा कर लिया। दिनदहाड़े हुई इस वारदात से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी। अगवा किए गए जुड़वां भाई ब्रजेश रावत के पुत्र हैं। बृजेश एक तेल व्यापारी हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों बच्चे विद्यालय में अवकाश होने के बाद जैसे ही घर आने के लिए बस में चढ़ रहे थे तभी बाइक पर आए दो अज्ञात बदमाशों ने तमंचा दिखाकर दोनों को बाइक में जबरन बैठाया और ले गए। इनका परिवार यूपी के चित्रकूट जिला मुख्यालय के सीतापुर में रहता है। इस वारदात में साढ़े 5 लाख के इनामी अंतरराज्यीय गैंग सरगना बबुली कौल का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। 

चित्रकूट एसपी मनोज कुमार झा ने जिले की सीमा की नाकेबंदी कर सघन चेकिंग शुरू कराई। नयागांव मध्यप्रदेश थाना प्रभारी के पी त्रिपाठी ने जगह-जगह बच्चों की तलाश में चेकिंग अभियान शुरू किया। जानकारी के अनुसार स्कूल से अपहृत बच्चों के नाम श्रेयांश और प्रियांश रावत है। दोनों की उम्र 5 साल है।

वहीं सतना एसपी ने संतोष सिंह गौर ने कहा कि यूपी पुलिस की मदद से बच्चों को सुरक्षित रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में युवकों की गतिविधियों से मालूम चलता है कि दोनों प्रोफेशनल किस्म के बदमाश हो सकते हैं। 

दिनदहाड़े हुई इस वारदात पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्ववीट कर लिखा, 'मुझे याद है, जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था तब मैंने कहा था मध्यप्रदेश में या तो शिवराज रहेगा या तो फिर डाकू...।'
 
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Punjab News: अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह का भंडाफोड़, BSc का छात्र निकला मास्टरमाइंड, पुलिस ने पांच दबोचे

खन्ना पुलिस ने अंतरराज्यीय हथियार सप्लाई करने वाले गैंग के पांच गुर्गों को गिरफ्तार कर उनसे चार पिस्तौल बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 18 से 20 वर्ष है। गिरोह का मास्टरमाइंड मध्य प्रदेश का युवक है और वह बीएससी का छात्र है। सभी युवक सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे के संपर्क में आए थे। 

एसएसपी अमनीत कौंडल ने बताया कि चार अगस्त को पुलिस को गुप्त सूचना मिली की कुछ लोग अवैध हथियारों की सप्लाई करते हैं। अगर दोराहा जीटी रोड पर नाकाबंदी करें तो इन्हें पकड़ा जा सकता है। सूचना के आधार पर एसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने अपनी टीम के साथ नाकाबंदी कर आरोपी बिक्रमजीत सिंह तरनतारन, जश्नप्रीत सिंह अमृतसर, दलजीत सिंह, जशनदीप सिंह गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक पिस्टल बरामद कर दोराहा थाने में मामला दर्ज किया था। इसके बाद आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया गया। 

पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे मध्य प्रदेश के जिला भिंड के गांव खैरोली में रहने वाले वपिंद्र सिंह से हथियार लेकर आए थे। पुलिस ने 7 अगस्त को अरोपी वपिंद्र सिंह को मामले में नामजद किया और 13 अगस्त को कोर्ट से अथॉरिटी लेकर वपिंद्र सिंह के गिरफ्तारी वारंट लेकर मध्य प्रदेश में छापा मारा। वहां से पुलिस ने तीन पिस्तौल समेत आरोपी वपिंद्र को गिरफ्तार कर लिया।
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प्रेसवार्ता करतीं एसएसपी अमनीत कौंडल। प्रेसवार्ता करतीं एसएसपी अमनीत कौंडल।

पंजाब पुलिस का MP में एक्शन: अवैध हथियार तस्करी मॉड्यूल का भंडाफोड़, 55 पिस्तौल बरामद, दो गिरफ्तार

एक खुफिया ऑपरेशन के तहत पंजाब पुलिस ने मध्य प्रदेश के दो हथियार सप्लायरों को गिरफ्तार करते हुए एक अंतरराज्यीय अवैध हथियार तस्करी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। ये तस्कर बड़े पैमाने पर हथियारों के अवैध निर्माण और मध्य प्रदेश से पंजाब व अन्य राज्यों में सप्लाई में शामिल रहे हैं। पुलिस को इनके कब्जे से .32 बोर और .30 बोर की 55 पिस्तौलों का एक बड़ा जखीरा मिला है।
 
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश के जिला खरगोन के गांव रतवा निवासी भोरेलाल उर्फ मनीष बड़े और जिला बुरहानपुर के ग्राम दत्त पहाड़ी निवासी कैलाश मल सिंह के रूप में हुई है। पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने मध्य प्रदेश पुलिस की मदद से उक्त दोनों तस्करों को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया है।

सीआई अमृतसर यूनिट ने अमृतसर में रेलवे क्रॉसिंग वल्लाह मंडी से दो लोगों को चार पिस्तौलों के साथ गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के आधार पर आगे कार्रवाई करते हुए तीन सप्ताह बाद यह बड़ी सफलता हासिल की गई है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बरामद हथियारों की सप्लाई मध्य प्रदेश के जिला बुरहानपुर में स्थित एक अंतरराज्यीय अवैध हथियार निर्माता और सप्लायर ने की थी। 

एमपी भेजी गई 15 सदस्यीय टीम ने किया भंडाफोड़ 
डीजीपी ने बताया कि इंस्पेक्टर इंद्रदीप सिंह के नेतृत्व में सीआई अमृतसर की 15 सदस्यीय टीम को मंगलवार को मध्य प्रदेश भेजा गया था। यह टीम गुरुवार को इन दोनों हथियार सप्लायरों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने में कामयाब रही। ऑपरेशन अभी जारी है। हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी की संभावनाएं हैं।
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कभी देखी ऐसी जासूसी? पत्नी ने थानेदार को प्रेमिका के संग रंगे-हाथों पकड़ा, जानें पूरा मामला

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक थानेदार को उसकी पत्नी ने फ्लैट में प्रेमिका के साथ रंगे-हाथों पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि महिला अपने पति की दो महीने से जासूसी कर रही थी। उसे सूचना मिली कि उसका पति ग्वालियर के मुरार स्थित एक फ्लैट में अपनी प्रेमिका के साथ है। इसके बाद पत्नी ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर पुलिसिया स्टाइल में थानेदार की घेराबंदी की और अचानक दबिश दे दी। थानेदार उसी तरह पकड़ा गया, जैसे वह किसी अपराधी को पकड़ते हैं। पति को पकड़ने के बाद महिला ने कहा कि पुलिस वाले की पत्नी होने के नाते उन्हें यह तरीका तो आता ही है।

मीटिंग की बात कह गया था पति

जानकारी के मुताबिक, सब इंस्पेक्टर सुनील की पत्नी कंचन बानोरिया ने कहा कि उनके पति का किसी महिला के साथ अफेयर चल रहा था। इसके बारे में उन्हें दो महीने पहले पता चला। तभी से वह अपने भाई और रिश्तेदारों की मदद से नजर रख रही थीं। गुरुवार को सुनील मीटिंग में जाने की बात कहकर घर से निकला था।

पत्नी ने ऐसे धर दबोचा

इसके बाद थानेदार की पत्नी कंचन ने उसके पीछे किसी को लगाया। पुलिस लाइन से उसने एक लड़की को साथ में लिया। उसके बाद वह अपने दोस्तों से मिलने चला गया। रात को वह युवती को लेकर फ्लैट पर पहुंचा। पत्नी ने बताया कि उसे इस बात की सूचना मिल चुकी थी। वह लोकेशन पर पहुंच गई। इसके बाद अपने भाई, पिता व रिश्तेदारों को एकजुट कर उसने थानेदार को उस लड़की के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया।

पति-पत्नी में हुआ समझौता

इस मामले में कंचन का कहना है कि अभी परिवार की सहमति से यह मामला शांत हो गया है। सुनील ने वादा किया है कि वह ऐसा नहीं करेंगे, इसलिए उनको माफ कर दिया है। अगर उसने फिर से ऐसा किया तो मैं जरा भी शांत नहीं रहूंगी। बता दें कि मुरैना के सबलगढ़ स्थित रामपुरा थाने के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर सुनील बानोरिया गुरुवार को पुलिस लाइन के पास महिला आरक्षक को लेकर ग्वालियर के मुरार थाना के पास महालक्ष्मी फ्लैट में ठहरे थे। पत्नी ने शुक्रवार सुबह अपने रिश्तेदारों के साथ दबिश दी। पति कमरे में और महिला आरक्षक बाथरूम में छिपे मिले। इसके बाद थानेदार की पत्नी ने पुलिस को कॉल करके बुलाया। इसको लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ।
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4 कंपनियां, गिनीज बुक में नाम, होटल में लिखा आई लव यू और 28 साल के इस कारोबारी ने दे दी जान

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुके मशहूर बार टेंडर और इवेंट कंपनी के मालिक पंकज कामले ने इंदौर की होटल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है। इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर खोजबीन कर रही है।

मायानगरी मुंबई में रहने वाले पंकज कामले चार इंवेट कंपनियों के मालिक थे। इनकी पहचान सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं थी, बल्कि देश-विदेश में भी काफी फेमस थे। पंकज अपनी टीम के साथ विधायक संजय शुक्ला के बेटे की शादी का इवेंट आयोजित करने के लिए इंदौर आए थे, यहां वह एक होटल में रुके, लेकिन सुबह जो हुआ उस देखकर सब हैरान हो गए।

कमरे में फांसी लगाकर की आत्महत्या
दरअसल, कामले ने होटल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। होटल प्रबंधन और उनकी टीम ने इस बात को सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। पुलिस ने कमरे से पंकज का शव अपने कब्जे में लिया। घटनास्थल पर पुलिस ने छानबीन करना शुरू कर दी। छानबीन के दौरान पुलिस को एक नोटबुक मिली, जिसमें लिखा था 'आई लव यू नीलम'। उस नोटबुक में पंकज का किसी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग था यह बात भी लिखी थी। पुलिस ने नोटबुक बरामद कर ली है।

पंकज के भाई ने बताई पूरी घटना
पुलिस ने शव को पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। इस संबंध के पंकज के भाई बेनी प्रसाद ने बताया कि पंकज का नाम उसके काम के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में दर्ज है। वह एक बेहतरीन बार टेंडर था। उसके जैसा कोई आज कोई नहीं हुआ है। बेनी ने बताया कि रात तक टीम इवेंट का काम कर रही थी। पंकज भी अपनी टीम के साथ मौजूद था। थोड़ी देर बाद उसने अपने साथी को बताया कि उसकी तबीयत सही नहीं लग रही है। इसके बाद वह होटल के कमरे में चला गया। पंकज के भाई ने बेनी ने आगे बताया कि जब वह लोग सुबह होटल के कमरे में गए तो पंकज फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। 

मरने से पहले घरवालों को किया था मैसेज
नोटबुक मिलने पर यह मामला पहली नजर में नीलम नाम की लड़की के साथ प्रेम प्रसंग का नज़र आ रहा है। पुलिस ने बताया कि उसे पंकज के पास एक करोड़ रुपये होने का जिक्र मिला है। साथ ही उसके फोन की जांच करने पर पता चला कि मरने से पहले उसने घरवालों को मैसेज भी किया था। हालांकि वह मैसेज क्या था, इसके बारे में पुलिस को अभी कोई जानकारी नहीं है। अब पुलिस इस मामले को हर एंगल से जांच कर रही है।
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एफसीआई में नौकरी का झांसा दे लूटे लाखों, 'बंटी-बबली' ने की एक करोड़ से ज्यादा की ठगी

आत्महत्या
इंदौर में एक प्रेमी युगल ने भारतीय फूड कॉर्पोरेशन में नौकरी दिलाने का वादा करके दो लोगों को ठग लिया। उन्होंने विभाग की अलग-अलग तरीके के प्रोसेसिंग बताकर पीड़ितों से 40 लाख रुपये वसूल लिए। साथ ही, उन्हें नौकरी के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया l जब उन लोगों की नौकरी नहीं लगी तो फरियादियों ने पुलिस स्टेशन मे शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद लसुडिया पुलिस ने कबीटखेड़ी में रहने वाले आशुतोष ओझा और बेलमोंट पार्क निवासी उसकी प्रेमिका श्वेता जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया। बंटी-बबली की इस जोड़ी के खिलाफ शाजापुर की सीमा पति जीवन गुर्जर, नई जीवन फेर में रहने वाले हीरा और शिवाजी नगर में रहने वाले प्रीतम ने केस दर्ज कराया है। तीनों ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उन्हें एक साल पहले एफसीआई में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और 40 लाख रुपये ठग लिए।

ऐसे अंजाम दी वारदात

जानकारी के मुताबिक, प्रेमी-प्रेमिका ने नौकरी के लिए सीमा गुर्जर से 27.20 लाख, हीरा सिंह से 5 लाख और प्रीतम ने 8.50 लाख रुपये ले लिए। दोनों ठग कई दिनों उन्हें नौकरी के नाम पर टालते रहे। जब तीनों ने नौकरी के लिए दबाव बनाया तो आरोपियों ने उन्हें एफसीआई का फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया और जॉइनिंग के लिए कह दिया। जब तीनों पीड़ित जॉइनिंग के लिए ऑफिस पहुंचे तो उन्हें ठगी की जानकारी हुई।

पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं दोनों ठग

बताया जा रहा है कि आशुतोष ओझा और उसकी प्रेमिका श्वेता ओझा के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी का केस दर्ज हो चुका है। यह शिकायत तीन महीने पहले 25 साल के एमआर मनीष पंचोली ने की थी। श्वेता और मनीष दोनों एक साथ पढ़े हैं। श्वेता ने 2016 में एक निजी कॉलेज से बी फार्मा का कोर्स किया। एक दिन उसकी मुलाकात मनीष से हुई। उसने मनीष को बताया कि उसकी शादी आशुतोष के साथ होने वाली है। उसने ज्वाइनिंग लेटर दिखाते हुए कहा आशुतोष ने उसकी जॉब एफसीआई में लगवा दी है। उसको वहां बहुत पैसा बहुत मिलता है और कार्यक्षेत्र रेसकोर्स के पास है। यह झांसा देकर श्वेता ने मनीष से 8.5 लाख रुपये ठग लिए। जब मनीष ने पुलिस से शिकायत की तो पता चला कि ये दोनों ठग अब तक करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं।
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नाबालिग से शादी कर रहा था युवक, पुलिस ने रोका तो दुल्हन की छोटी बहन का अपहरण कर भागा

मध्य प्रदेश के मुरैना में पुलिस ने एक नाबालिग लड़की की शादी रुकवा दी। इससे नाराज़ होकर दूल्हे ने दुल्हन की छोटी बहन का अपहरण कर लिया। हालांकि, पुलिस ने अपहृत नाबालिग को ढूंढ लिया है। इस घटना में सहयोग करने वाली महिला को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जो दूल्हे की रिश्तेदार है। वहीं, आरोपी दूल्हा फरार बताया जा रहा है।

दलित नाबालिग की हो रही थी शादी

दरसअल, यह घटना मुरैना जिले के पोरसा थाना क्षेत्र का पास में गांव की है। जहां पर एक दलित नाबालिग की शादी हो रही थी। इस बात की सूचना मिलते ही, पुलिस और महिला बाल विकास विभाग सक्रिय हो गए और शादी में पहुंच गए। वहां पहुंची पुलिस ने लड़की के परिजनों को काफी देर तक समझाया। जब परिजन समझ गए तो लड़की को थाना लाया गया। पुलिस व प्रशासन ने लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया और उसे वन स्टॉप सेंटर में भर्ती करा दिया। हालांकि, इस जद्दोजहद के बीच दूल्हे ने नाबालिग लड़की की मांग सिंदूर से भर दिया।

शादी रुकी तो कर लिया छोटी बहन का अपहरण

शादी रुकने से दूल्हा अपनी महिला रिश्तेदार के साथ लड़की वालों के घर पहुंचा और नाबालिग लड़की की छोटी बहन को शादी के लिए जबरदस्ती ले गया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन ने तलाशी अभियान चलाकर अपहृत लड़की को ढूंढ लिया। इस घटना को अंजाम देने में दूल्हे की मदद करने वाली महिला रिश्तेदार को भी पकड़ लिया गया। पुलिस ने नाबालिग बालिका के पिता की शिकायत पर अपहरण और बाल विवाह अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि दूल्हा फरार चल रहा है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
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मुरैना से 50 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार, हरियाणा की सीआईए टीम को मिली बड़ी सफलता

हत्या, लूट, डकैती, हत्या प्रयास जैसे संगीन मामलों में पुलिस के अति वांछित इनामी खूंखार बदमाश संजय को सीआईए भिवानी की टीम ने चंबल घाटी के बीहड़ों से कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया है। पिछले चार साल से भिवानी व राजस्थान पुलिस को चकमा देकर चंबल घाटी के बीहड़ों में छिपे बदमाश के ठिकाने का राज उसी के साथी मनीष उर्फ मुंशी ने पुलिस के सामने खोला। सीआईए टीम ने मनीष को साथ लेकर ही चंबल घाटी के बीहड़ों में उसके ठिकाने पर पहुंचकर उसे धर दबोचा। 

डीएसपी हेडक्वार्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सीआईए थाना इंचार्ज योगेश कुमार की टीम ने बहल निवासी संजय को मुरैना (मध्य प्रदेश) स्थित चंबल के बीहड़ों से गिरफ्तार किया है। संजय पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन अपराधों के चलते बहल, लोहारू थाने में केस दर्ज हैं। 


संजय राजस्थान पुलिस का भी भगोड़ा आरोपी है। आरोपी ने हमीरवार थाना क्षेत्र में गोली मारकर एक हत्या कर दी थी। जिस पर वर्ष 2017 में पांच हजार का इनाम रखा गया था। भिवानी पुलिस ने हत्या के प्रयास के दो मामलों में वर्ष 2019 में 50 हजार रुपये का इनाम रखा था। बदमाश संजय पर सात केस दर्ज हैं।
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आगरा: सैंया में चल रहा था समानांतर आरटीओ, विजिलेंस ने 11 जालसाज किए गिरफ्तार

आगरा के सैंया में राजस्थान सीमा के टोल नाका पर समानांतर आरटीओ दफ्तर चलाया जा रहा था। यहां परिवहन विभाग उत्तर प्रदेश ऑनलाइन टैक्स का बोर्ड लगाकर राजस्थान से अवैध खनन कर बालू और गिट्टी लाने वाले वाहनों के फर्जी कागजात तैयार किए जा रहे थे। 

उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान और पुलिस की टीम ने गुरुवार तड़के छापा मारकर फर्जीवाड़े के खेल का पर्दाफाश किया। 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि नौ फरार हो गए। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। न तो थाना पुलिस, न ही परिवहन और खनन विभाग कोई कार्रवाई कर रहा था। 


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राजस्थान से खनन करके बालू, मोरंग और गिट्टी उत्तर प्रदेश के जिलों में लाई जाती है। बड़ी मात्रा में बिना रॉयल्टी और टैक्स अदा किए राजस्थान से माल आता है। एसएसपी बबलू कुमार को सैंया टोल पर फर्जी परिवहन विभाग कार्यालय खुला होने की जानकारी मिली। इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान में भी की गई थी। 
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दागदार रहा है प्यारे मियां का दामन, 18 साल पहले भी हुई थी कार्रवाई

भोपाल पुलिस ने जिस प्यारे मियां को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से गिरफ्तार किया है, उसका दामन और इतिहास दोनों ही दागदार है। फिलहाल उसे कई नाबालिगों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वो पिछले कई दिनों से फरार था और भोपाल पुलिस उसके हर संभावित ठिकाने पर छापामारी कर रही थी। हालांकि श्रीनगर से गिरफ्तारी पर यह सवाल भी उठ रहा है कि पुलिस की सख्ती के बावजूद वो राज्य से बाहर कैसे निकल गया। श्रीनगर तक पहुंचने में कैसे सफल हो गया? 

बहरहाल, मध्यप्रदेश पुलिस ने प्यारे के भोपाल और इंदौर स्थित ठिकानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। भोपाल में उसका मैरिज हॉल भी ढहा दिया गया है। लेकिन यह सब काफी देर से हुई कार्रवाई है। राज्य शासन ने उसे आवंटित सरकारी बंगला भी खाली करवा लिया, लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि उसे सरकारी आवास आवंटित ही कैसे हुआ था। जबकि साल 2002 में मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय ने उससे काफी जद्दोजहद के बाद अपना एक वीआईपी परिसर खाली करवाया था।




प्यारे मियां लगभग 5000 वर्गफीट क्षेत्र में बने विधायक विश्राम गृह के दो भवनों में रह रहा था और कई बार नोटिस देने के बावजूद उसे खाली नहीं कर रहा था। यह परिसर उसे तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा साल 1990 में एक वर्कशॉप संचालित करने के लिए अस्थायी रूप से आवंटित किया गया था। लेकिन उसने इस भवन को अपना आलीशान घर बना लिया था। सबसे पहले उसने यहां एक अंग्रेजी अखबार के दफ्तर का बोर्ड लगाया और बाद में दैनिक अफकार नाम के अखबार का बोर्ड टांग लिया। लेकिन यहां उसकी दो पत्नियां और उनके बच्चे रहते थे।

नोटिस के जवाब में अदालत की शरण
विधानसभा सचिवालय ने जब प्यारे मियां को परिसर खाली करने का नोटिस भेजा तो उसने अदालत की शरण ली। हालांकि अदालत ने उसकी याचिका को खारिज करते हुए परिसर खाली करने का आदेश दिया। लेकिन सत्ता शीर्ष तक पहुंच की वजह से सचिवालय को यह परिसर खाली कराने में काफी वक्त लग गया।

अंतत: तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और सदस्य सुविधा शाखा ने मामले को गंभीरता से लिया और विधानसभा के सुरक्षा विभाग (मार्शल) तथा पुलिस के साझा ऑपरेशन से परिसर को खाली करवाया गया। इस दौरान परिसर से लगभग 40 पेटी विदेशी शराब तथा आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे। परिसर खाली करवाने की यह कार्रवाई सुबह पांच बजे अंजाम दी गई थी। हालांकि इस कार्रवाई को मीडिया में तवज्जो नहीं दी गई और बात आई-गई हो गई।

इसके कुछ ही वर्ष बाद प्यारे मियां को पुराना भोपाल इलाके में एक बंगला आवंटित कर दिया गया था, जिसे खाली करने का आदेश हाल ही में राज्य सरकार ने जारी किया है। जिस परिसर पर प्यारे ने पत्रकार और अखबार के नाम पर कब्जा किया था, वो वीआईपी क्षेत्र की बेशकीमती सरकारी जमीन है। यह भोपाल के मुख्य बाजार न्यू मार्केट, राजभवन, बिड़ला मंदिर, विधानसभा और मंत्रालय के बीचों बीच स्थित है।
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भोपाल यौन शोषण मामला: खुद को कहलवाता था अब्बू, ऐसे बच्चियों को फंसाता था जाल में

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासन की नाक के नीचे नाबालिग लड़कियों के शोषण का पूरा रैकेट फलफूल रहा था। मगर किसी को कोई भनक नहीं लगी। खासतौर से नाबालिगों को जाल में फंसाया जाता और फिर उन्हें रसूखदारों के सामने नोंचने के लिए छोड़ दिया जाता। 68 साल का मुख्य आरोपी प्यारे मियां फरार है, जो कि खुद को एक अखबार का मालिक बताता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इस सनसनीखेज मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे अभी से होने लगे हैं। वहीं आष्टा से प्यारे मियां की पजेरो गाड़ी बरामद हुई है जो एक खेत में छुपाकर रखी गई थी। 

रसूखदारों की पार्टी में करता था पेश 
पुलिस के मुताबिक प्यारे मियां नाम के इस शख्स के कई रसूखदार लोगों से संपर्क थे। वह 14 से 16 साल की बच्चियों को अपने जाल में फंसाता और उन्हें रईस लोगों की पार्टी में पेश करता था। इससे पहले वह खुद भी इन नाबालिग बच्चियों के साथ हैवानियत करता। पुलिस ने आधा दर्जन से ज्यादा नाबालिगों को इसके चंगुल से छुड़ा लिया है। हालांकि प्यारे मियां अभी फरार है और उसका पता बताने वाले 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है। 

व्यापारी, उद्योगपतियों की उड़ी नींद
जैसे ही यह मामला सामने आया है, तभी से भोपाल के कई बड़े व्यापारी, उद्योगपतियों और बिल्डरों की नींद उड़ गई है। जानकारी के मुताबिक ये लोग लगातार प्यारे मियां के साथ उसके फ्लैट के फॉर्महाउस पर पार्टियां करते थे। माना जा रहा है कि जांच की गहराइयों में जाने पर इसके तार कई बड़े नामों से जुड़ सकते हैं। यहां तक कि यह चर्चित हनी ट्रैप से भी बड़ा कांड साबित हो सकता है। 
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