एनडीपीएस के एक मामले में आरोपी का नाम निकलवाने की एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में विजिलेंस ने बडागुढ़ा थाना प्रभारी व एक बिचौलिए के खिलाफ केस दर्ज किया है। विजिलेंस ने बिचौलिए को 40 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ काबू किया है। हालांकि इस कार्रवाई के दौरान थाना प्रभारी थाने में नहीं थे।
दरअसल बडागुढ़ा पुलिस ने बीती तीन मई को गांव बडागुढ़ा क्षेत्र से पंजाब निवासी खुशदीप सिंह और रेशम सिंह सहित 2 लोगों को 17.20 ग्राम हेरोइन सहित काबू किया था। दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने गांव बीरूवालागुढ़ा निवासी राजू व बीरूराम तथा पंजाब निवासी मंगी सिंह को मामले में शामिल किया था। इस मामले में पुलिस ने पांच मई को बीरूराम को काबू कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जबकि पुलिस राजू और मंगी सिंह की गिरफ्तारी के लिए छापे मार रही थी। बताया जा रहा है कि गांव मलड़ी निवासी सुखराज उर्फ राजा सिंह ने राजू से ये कहकर रुपये मांगे थे कि वह एसएचओ बडागुढ़ा से सेटिंग कर उसका नाम मामले से निकलवा देगा। राजा सिंह ने राजू से एसएचओ को देने के नाम पर 40 हजार रुपये मांगे।
वहीं राजू ने विजिलेंस फरीदाबाद को सूचना दे दी कि राजा सिंह एसएचओ के साथ मिलकर उसका नाम निकलवाने के नाम पर उससे 40 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। जिसके बाद विजिलेंस टीम ने थाना प्रभारी व राजा सिंह को रंगे हाथ काबू करने के लिए जाल बिछा दिया।
विजिलेंस टीम देर रात तक थाने के आसपास मौजूद रही, लेकिन आरोपी थाना प्रभारी काशीराम के थाने में न मिलने के चलते विजिलेंस ने बिचौलिए राजा सिंह को काबू कर लिया। इस कार्रवाई में विजिलेंस से निरीक्षक अजीत सिंह, एएसआई विजेन्द्र सिंह व इंदरपाल शामिल थे।
कार्रवाई के बाद थाने में हड़कंप मच गया। वहीं विजिलेंस ने विजिलेंस थाने में एसएचओ काशीराम व सुखराज उर्फ राजा सिंह मलड़ी के खिलाफ केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता बीरूवालागुढ़ा निवासी राजू के खिलाफ एनडीपीएस के तीन मुकदमे दर्ज हैं। वहीं बीरूराम के खिलाफ एनडीपीएस के पांच मुकदमों सहित कुल 11 केस दर्ज हैं। आरोपी राजू वर्ष 2019 में एनडीपीएस मामले में बडागुढ़ा पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया था। वहीं विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद जितेन्द्र सिंह को बडागुढ़ा थाना प्रभारी लगाया गया है।
राजू एनडीपीएस के मामले में आरोपी है। हमने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार छापे मारे। मैंने उसका नाम निकालने की एवज में किसी से कोई रिश्वत नहीं मांगी। राजा सिंह ने मुझे फंसाने के लिए मेरे नाम पर पैसे लिए है। इसमें मेरा कोई रोल नहीं है। जिस समय विजिलेंस की कार्रवाई हुई मैं उस समय थाने में था ही नहीं। -काशीराम, आरोपी पूर्व थाना प्रभारी।
थाना प्रभारी को किया लाइन हाजिर, जांच के आदेश
आरोपी थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। विभाग की जांच जारी है। जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। -सुरजीत सहारण, पुलिस प्रवक्ता।