न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Tue, 02 Mar 2021 09:40 AM IST
तरह से वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में पखवारे भर से मौसम का मिजाज जिस तरह से बदला है, उससे गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इधर फरवरी महीने में अधिकतम तापमान के 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने के बाद पांच साल का रिकार्ड टूट गया। इधर सात दिन में पारा पांच डिग्री बढ़ गया।
मंगलवार को भी तेज धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई है। दोपहर होते-होते धूप तेज हो जाएगी, जिससे गर्मी सताने लगती है। सोमवार को दिन में अन्य दिनों की तुलना में धूप अधिक तीखी रही, जिसकी वजह से गर्मी भी बढ़ी रही। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय के मुताबिक, जब तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होगा तब तक मौसम में बदलाव नहीं होगा।
आम तौर पर इस समय अधिकतम तापमान 28 से 30 और न्यूनतम 12 से 14 डिग्री सेल्सियस ही रहता है। पिछले पंद्रह दिन से ही अचानक मौसम में बदलाव से लोग परेशान हो गए हैं। सोमवार को सुबह हवा में हल्की नमी जरूर रही लेकिन दोपहर तक धूप बहुत तेज हो गई। शाम को तो और गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और पंखा चलाकर ही लोग कार्यालय और घरों में रहे।
सात दिन में अधिकतम तापमान में पांच डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। 23 फरवरी को अधिकतम 29.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा जबकि एक मार्च को 34 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान भी 13.1 से बढ़कर 17.5 तक पहुंच गया।
तरह से वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में पखवारे भर से मौसम का मिजाज जिस तरह से बदला है, उससे गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इधर फरवरी महीने में अधिकतम तापमान के 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने के बाद पांच साल का रिकार्ड टूट गया। इधर सात दिन में पारा पांच डिग्री बढ़ गया।
मंगलवार को भी तेज धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई है। दोपहर होते-होते धूप तेज हो जाएगी, जिससे गर्मी सताने लगती है। सोमवार को दिन में अन्य दिनों की तुलना में धूप अधिक तीखी रही, जिसकी वजह से गर्मी भी बढ़ी रही। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय के मुताबिक, जब तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होगा तब तक मौसम में बदलाव नहीं होगा।
आम तौर पर इस समय अधिकतम तापमान 28 से 30 और न्यूनतम 12 से 14 डिग्री सेल्सियस ही रहता है। पिछले पंद्रह दिन से ही अचानक मौसम में बदलाव से लोग परेशान हो गए हैं। सोमवार को सुबह हवा में हल्की नमी जरूर रही लेकिन दोपहर तक धूप बहुत तेज हो गई। शाम को तो और गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और पंखा चलाकर ही लोग कार्यालय और घरों में रहे।