ढाई साल पहले बहराइच में मरणासन्न मिली मिर्जापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र की किशोरी के मामले में बुधवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट/अपर सत्र न्यायाधीश अच्छे लाल सरोज ने फैसला सुनाया। इस मामले के आरोपी को दुष्कर्म, हत्या के प्रयास सहित सभी धाराओं में दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 70 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाएगी।
27 अक्तूबर 2017 को विद्यालय के लिए निकली 17 वर्षीय किशोरी लापता हो गई थी। परिजनों ने तलाश करने के बाद स्कूल की किताब पर मिले नंबर पर फोन किया, तो वह पड़ोस के सोनू निषाद का निकला। इस मामले में थाना विंध्याचल में किशोरी के गायब होने की तहरीर देकर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
छह महीने बाद किशोरी बहराइच में मरणासन्न अवस्था में मिली। उसके हाथ-पैर की हड्डियां टूट गई थीं, साथ ही शरीर पर जख्म के निशान थे। लखनऊ ट्रामा सेंटर में उसे भर्ती कराया गया। एक महीने बाद जब वह कुछ स्वस्थ हुई तो अपना नाम, पता बता सकी। इसके बाद विंध्याचल थाने को सूचना देने के साथ उसका मेडिकल और बयान हुआ। फिर विवेचना शुरू हुई।
आरोप है कि किशोरी को उसका पड़ोसी कुछ साथियों के साथ बहला फुसला कर ले गया था। पुलिस ने सोनू के खिलाफ बहला फुसलाकर भगा ले जाने, दुष्कर्म करने और जान से मारने का प्रयास सहित विभिन्न मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया। सोनू के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले में सोनू को दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास के साथ 70 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। आरोपी को जेल भेज दिया गया।