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फतेहपुर: पिटाई से घायल युवक की मौत, पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगा ग्रामीणों ने किया हंगामा

फतेहपुर जिले के गाजीपुर में पिटाई से घायल युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने रविवार दोपहर कस्बा चौराहा पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की। आरोपियों से पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया।

डीएम-एसपी को बुलाने की मांग की। सीओ डीसी मिश्र और एसडीएम नंद प्रकाश मौर्य मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को शांत किया। उधर, पुलिस ने पांच आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया है। तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है।

थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी अतुल मिश्रा (26) गुरुवार रात पुराने घर में दीपक जलाने जा रहा था। तभी रास्ते गांव के ही राकेश समेत पांच लोगों ने अतुल पर लाठी, डंडे और धारदार हथियार से हमला किया था। घायल अतुल की इलाज के दौरान शुक्रवार रात कानपुर हैलट में मौत हो गई थी।

पोस्टमार्टम के बाद रविवार सुबह शव गांव पहुंचा। ग्रामीण दोपहर करीब 12 बजे शव ट्रैक्टर ट्राली में लेकर गाजीपुर कस्बा चौराहा पहुंचे। चौराहे पर ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर जाम लगा दिया। पुलिस के खिलाफ नारेेबाजी की और हंगामा काटने लगे।
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जेलर पर जानलेवा हमले का मामला : मुख्तार अंसारी पर 11 नवंबर को तय होंगे आरोप, कोर्ट ने पेश न किए जाने पर जताई नाराजगी

बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को लखनऊ की एमपीएमएलए कोर्ट में पेश न किए जाने पर मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पवन कुमार रॉय ने नाराजगी जताई है। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, पुलिस कमिश्नर, कारागार के अतिरिक्त महानिदेशक, बांदा के जेल अधीक्षक, जिलाधिकारी लखनऊ व संबंधित थानेदार को पत्र लिखकर मुख्तार को कोर्ट में पेश करने और रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि मुख्तार अंसारी पर लखनऊ जेल में बंद रहने के दौरान कर्मचारियों पर पथराव, जानलेवा हमला और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचने का आरोप है। पर, 20 साल पुराने मामले में अभियोजन कोई रुचि नहीं ले रहा है। पिछली कई तारीखों से अभियोजन मौखिक रूप से कह रहा है कि मुख्तार को अगली तारीख पर कोर्ट में हाजिर कर देगा। इसके बावजूद उसे बांदा की जेल से लाकर हाजिर नहीं किया गया।

इसके चलते न तो आरोपी पर आरोप तय हो पा रहे हैं और न ही गवाही हो पा रही है। कोर्ट ने कहा कि मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश करने के लिए मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों को कई बार कहा गया, लेकिन किसी भी अधिकारी ने न तो कोई रिपोर्ट कोर्ट में दी और न ही आरोपी को पेश किया, यह अत्यंत आपत्तिजनक है। कोर्ट ने मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप तय करने के लिए 11 नवंबर की तारीख तय की है।

गौरतलब है कि तीन अप्रैल 2000 को लखनऊ के जेलर एसएन द्विवेदी ने मुख्तार व अन्य लोगों के खिलाफ आलमबाग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें बताया गया है कि 29 मार्च 2000 को पेशी से लौटे बंदियों को जेल के अंदर किया जा रहा था। तभी क्वारंटीन बैरक में बंद मुख्तार अंसारी और उसके साथी यूसुफ  चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, लालजी यादव ने बंदी चांद को मारना शुरू कर दिया। वादी व अन्य कर्मचारी जब चांद को बचाने पहुंचे तो आरोपियों ने उन पर पथराव कर दिया और जानमाल की धमकी देते हुए बैरक में भाग गए।
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मनीष गुप्ता हत्याकांड : सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज कर शुरू की जांच, गोरखपुर में हुई थी हत्या, पुलिसवालों पर है आरोप

चर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। सीबीआई ने मंगलवार को लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच यूनिट में एफआईआर दर्ज कर ली है। सीबीआई ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी की ओर से गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर को आधार बनाया है। इसलिए केस में इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा, दरोगा विजय यादव व तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया है।

सीबीआई अब नए सिरे से एक-एक बिंदु पर पड़ताल करेगी। जल्द ही गोरखपुर जाकर घटनास्थल का निरीक्षण भी करेगी। गौरतलब है कि कानपुर के कारोबारी मनीष की 27 सितंबर को गोरखपुर में पुलिसकर्मियों द्वारा पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में इंस्पेक्टर समेत छह पुलिसकर्मी जेल भेजे जा चुके हैं।
 
अब तक एसआईटी कर रही थी जांच
अभी तक इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी। एसआईटी सभी छह आरोपियों को जेल भेज चुकी है। तमाम अहम साक्ष्य भी जुटाए हैं। केवल चश्मदीदों के कोर्ट में बयान होने बाकी थे। अब जांच सीबीआई अपने स्तर से करेगी।

मीनाक्षी बोलीं... अब न्याय मिलने का भरोसा
एफआईआर दर्ज होने के बाद मीनाक्षी ने कहा कि अब उनको भरोसा है कि न्याय मिलेगा। दोषियों को सजा मिलेगी। अब सरकार ने उन सभी मांगों को पूरा कर दिया है, जो उन्होंने मांगी थीं।
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Banda Crime: पुलिस थाने से चंद कदम दूर किराना दुकान में चोरी, शटर तोड़कर पार किया हजारों का सामान

बांदा जिले में पुलिस स्टेशन से चंद कदम दूर किराना दुकान का शटर तोड़कर चोर नकदी सहित सामान चुरा ले गए। दुकान स्वामी ने पुलिस को अज्ञात चोरों द्वारा घटना अंजाम देने की तहरीर दी है। लगभग 50 हजार रुपये कीमत का सामान ले जाने की बात कही है। पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया। वहीं घटना को लेकर व्यापारियों में रोष है।

किराना व्यापारी सनत कुमार शिवहरे ने दी तहरीर में कहा कि बिसंडा थाना से कुछ दूर उसकी दुकान है। मंगलवार रात चोरों ने शटर तोड़कर चोरी की घटना अंजाम दी। गोलक में रखे बिक्री के रुपये और सामान चोरी कर ले गए। आसपास वालों से सुबह घटना की जानकारी हुई। घटना के खुलासे की मांग की।

साथ ही यह भी कहा कि पूर्व में चोरी हो चुकी है। अब तक पुलिस खुलासा नहीं कर सकी। व्यापारियों में भय व्याप्त है। आरोप लगाया कि पुलिस पिकेट ड्यूटी के बावजूद घटना सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है। जल्द खुलासे की मांग की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए।
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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

मनीष हत्याकांड: जेल प्रशासन ने सीबीआई कोर्ट से मांगी गाइडलाइन, जानिए क्या है वजह

मनीष हत्याकांड के आरोपी छह पुलिस वालों को लेकर गोरखपुर जेल प्रशासन ने सीबीआई कोर्ट को पत्र भेजकर गाइडलाइन मांगी है। दरअसल, आरोपियों की ना तो पेशी की तारीख तय है, न ही कोर्ट, लिहाजा जेल प्रशासन ने अब सीबीआई लखनऊ कोर्ट को चिट्ठी लिखी है। जवाब के आधार पर इस मामले में जेल प्रशासन आगे का कदम उठाएगा।

 जानकारी के मुताबिक, कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की 27 सितंबर 2021 की रात में रामगढ़ताल इलाके के कृष्णा पैलेस होटल मौत हो गई थी। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उनकी मौत हुई थी। आधी रात को चेकिंग करने आई पुलिस ने मनीष को काफी ज्यादा पीटा था। इस मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर जेएन सिंह के अलावा साथ गए सबइंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, दरोगा विजय यादव और राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव तथा कांस्टेबल प्रशांत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।

मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने हत्या का केस दर्ज कराने के साथ ही सीबीआई से जांच की मांग की थी। पहले कानपुर की एसआईटी और फिर सीबीआई ने जांच शुरू की और सीबीआई ने बीते सात जनवरी को सभी छह पुलिस वालों पर हत्या सहित अन्य धाराओं में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। सीबीआई ने जब से आरोपपत्र दाखिल किया है, तभी से पुलिस वालों की पेशी को लेकर पेच फंसा हुआ है।

गोरखपुर जेल में बंद पुलिस वालों की गोरखपुर कोर्ट में 10 जनवरी को आखिरी पेशी हुई थी। उसके बाद 13 जनवरी को सीबीआई लखनऊ कोर्ट में पेशी की बात सामने आई थी, लेकिन जेल प्रशासन के पास न तो आरोपियों के ट्रांसफर को लेकर कोई चिट्ठी आई और न ही उनकी वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी ही हो पाई। इस बीच जेल प्रशासन ने गोरखपुर कोर्ट को इस मामले से अवगत कराते हुए गाइडलाइन मांगी थी।

वहां से बताया गया था कि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई कोर्ट अब इस मामले को देख रहा है। उसके बाद जेल प्रशासन ने सीबीआई लखनऊ कोर्ट को चिट्ठी लिखी है और सभी मामलों से अवगत कराते हुए उनसे गाइडलाइन मांगी है। जेल प्रशासन को चिट्ठी के जवाब का इंतजार है। उधर, जेल सूत्रों के मुताबिक इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि आरोपियों को जल्द ही यहां से ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि, जबतक कोई आदेश नहीं आता है तब तक आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।

 
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कानपुर में अपराधी बेखौफ:  बाइक सवार बदमाशों ने घर के बाहर बुलाकर वकील की गोली मार की हत्या

कानपुर के नवाबगंज की गंगा नगर हाउसिंग सोसाइटी में बुधवार रात आईआईटी के रिटायर्ड रजिस्ट्रार व अधिवक्ता राजाराम वर्मा (78) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके घर के बाहर बाइक सवार दो बदमाश वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। घटनास्थल पर फोरेंसिक टीम व डॉग स्क्वॉड के साथ पहुंची पुलिस देर रात तक छानबीन करती रही। परिजनों की तहरीर पर एनआरआई सिटी का मालिक, राजबहादुर व दो अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

जमीनी विवाद हो सकती है हत्या की वजह
सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस की मदद से बदमाशों की तलाश जारी है। हत्या के पीछे जमीन के विवाद की आशंका है। गंगा नगर हाउसिंग सोसाइटी निवासी राजाराम वर्मा रिटायर्ड होने के बाद वकालत करते थे। पुलिस के मुताबिक शाम करीब साढ़े छह बजे राजाराम कचहरी से घर लौटे। सवा सात बजे किसी का फोन आया और उसने कहा कि वह कुछ कागज देने घर आ रहा है।

घर के बाहर मारी गोली 
रात साढ़े आठ बजे जब राजाराम कागज लेने के लिए घर से बाहर आए तो बाइक सवार बदमाशों ने उनको गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर परिवार वाले बाहर निकले लेकिन तब तक बदमाश फरार हो चुके थे। खून से लथपथ राजाराम को परिजन रीजेंसी लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।

दाहिनी कनपटी पर मारी गोली
पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया कि एक बदमाश बाइक स्टार्ट कर खड़ा रहा। दूसरा बदमाश राजाराम के घर के दरवाजे पर गया। बातचीत हो ही रही थी कि तभी उसने राजाराम की दाहिनी कनपटी पर असलहा सटाकर गोली दाग दी। डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल आने से पहले ही राजाराम की मौत हो चुकी थी। इसका मतलब उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

जमीन विवाद में हत्या का शक
पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजाराम का मैनवती मार्ग स्थित एक बड़ी हाउसिंग सोसाइटी के मालिक व बिल्डरों से जमीन का विवाद था। आरोप है कि इनकी जमीन कब्जा कर ली गई थी। जिसके कई मुकदमे चल रहे हैं। राजाराम मामलों की खुद पैरवी कर रहे थे। आशंका है कि इसी जमीन के विवाद में वारदात को अंजाम दिया गया है। हालांकि पुलिस कई अन्य बिंदुओं पर भी तफ्तीश कर रही है।

मृतक के मोबाइल से कुछ अहम सुराग मिला है। जिसके आधार पर तहकीकात की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस की भी मदद ली जा रही है। जल्द वारदात का पर्दाफाश किया जाएगा।
बीबीजीटीएस मूर्ति, डीसीपी पश्चिम
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कानपुर: धोखाधड़ी कर 35 लाख डकारे, बैंक अफसरों समेत पांच पर रिपोर्ट दर्ज

कानपुर के नवाबगंज में धोखाधड़ी कर लाखों की प्रॉपर्टी हड़पने के आरोप में पीड़ित ने बैंक के मुख्य प्रबंधक, शाखा प्रबंधक समेत पांच पर षड़यंत्र रच कर धोखाधड़ी करने, खुदकुशी के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।

नेहरु नगर निवासी सनटेक इनर्जी कंपनी के मालिक नवनीत सिंह ने बताया कि मसवानपुर बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अनिल अवस्थी ने कुछ लोगों संग मिलकर उनकी प्रापर्टी पर लोन कराकर 35 लाख रुपये डकार लिए थे।

लोन न चुकाने पर रिकवरी के लिए बैंकअधिकारियों ने उनकी नवाबगंज बाजार में स्थित दुकान भी नीलाम कर दी। मामला कोर्ट में लंबित है। आरोप है कि इसके बावजूद बैंक अधिकारी उनके परिवार को प्रताड़ित कर रहे थे। इससे परेशान होकर पिछले साल फरवरी में पिता अनिल सिंह ने खुदकुशी कर ली थी।

पुलिस को तहरीर देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज करने के पुलिस को आदेश दिए थे। इसके बाद भी पुलिस लंबे वक्त से टहला रही थी।

अफसरों से शिकायत के बाद नवाबगंज थाना पुलिस ने कौशलपुरी स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक दीपेंद्र शुक्ला, शाखा प्रबंधक अनिल अवस्थी, उप-प्रबंधक बीआर धीमान, रिकवरी एजेंट सौरभ शर्मा व जेके वर्मा समेत पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। थाना प्रभारी आशीष कुमार द्विवेदी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। 
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यूपी: गर्भवती होने के बाद भी लेखपाल करता था किशोरी से दुष्कर्म, पीड़िता ने पुलिस व कोर्ट के बयानों में बताई थी बर्बरता की दास्तां

सांकेतिक तस्वीर
कानपुर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता किशोरी (15) की प्रसव के दौरान मौत के मामले में पुलिस ने बुधवार को आरोपी लेखपाल रंजीत वरबार को जेल भेज दिया। आउटर पुलिस ने ककवन थाना क्षेत्र स्थित गांव जाकर केस की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

जांच में सामने आया कि गर्भवती होने के बाद भी आरोपी किशोरी को हवस का शिकार बनाते थे। साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते थे। ग्रामीणों ने लेखपाल को कई बार नशे में किशोरी की झोपड़ी में जाते देखा था। पीड़िता ने उसपर हो रही ज्यादती की बात अपनी चाची से कही थी।

पीड़िता ने बयानों में कहा था कि आरोपियों ने उससे कई बार दुष्कर्म किया है। किशोरी आठ महीने की गर्भवती थी। जनवरी में उसका प्रसव होना था। चूंकि 11 अक्तूबर को दर्ज एफआईआर में दुष्कर्म कब हुआ यह जानकारी नहीं दी गई थी। न बयानों में एक निश्चित तारीख का पता चला।
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सामूहिक दुष्कर्म मामला: आईजी से लगाई गुहार भी गई थी बेकार, पीड़िता संग होता रहा अत्याचार, बड़ा खुलासा

कानपुर में दुष्कर्म पीड़िता किशोरी व उसके परिवार पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। आरोपी धमकी दे रहे थे। इसकी गुहार पीड़िता के पिता ने आईजी रेंज प्रशांत कुमार से लगाई थी। आईजी के निर्देश के बावजूद आउटर पुलिस लेखपाल पर मेहरबान रही।

आरोपी लेखपाल धमकाता रहा। एक आरोपी को गिरफ्तार कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया था। जब पीड़िता की मौत हुई तो आठ घंटे में ही लेखपाल को पुलिस पकड़ लाई। जैसे उसे आरोपी का ठिकाना मालूम हो। पीड़िता के पिता 29 नवंबर को आईजी दफ्तर पहुंचे थे।

वहां पर प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें लिखा था कि उन्होंने करन, लेखपाल रंजीत व अन्य दो अज्ञात पर बेटी से सामूहिक दुष्कर्म करने का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने अब तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की। आरोपी लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे हैं, ताकि वह मुकदमा वापस ले लें।
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हैवानियत की हदें पार: टॉफी दिलाने के बहाने मासूम को घर ले जाकर नाबालिग ने किया दुष्कर्म, बच्ची की हालत बिगड़ी, भर्ती

कानपुर में बिधनू थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 वर्षीय किशोर ने साढ़े 3 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। ट्रक चालक पीड़ित पिता के मुताबिक सोमवार देर शाम पड़ोस में रहने वाले नाबालिग किशोर के परिजन घर से बाहर गए थे।

घर में कोई नही था। जिसके चलते किशोर उसकी साढ़े तीन वर्ष की मासूम बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने अपने घर ले गया। उसके बाद मोबाइल में पोर्न वीडियो देखते देखते बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। हालात बिगड़ने पर आरोपी बच्ची को घर में अकेला छोड़कर भाग गया।

किशोर के पिता के घर आने पर घटना की जानकारी के बाद वह अपने चचेरे भाई के साथ बच्ची को लेकर बिधनू प्राइवेट डाक्टर के पास इलाज के लिए ले गया। डाक्टर के इलाज करने से मना करने पर बच्ची को उसके घर छोड़ दिया।

बच्ची के बाबा द्वारा विरोध करने पर आरोपी के पिता ने उनसे मारपीट की और धमकी देकर चला गया। जिसके बाद बच्ची की मां ने पिता को घटना की जानकारी दी। देर रात घर लौटने पर पिता ने पुलिस को सूचना दी।

आनन-फानन गांव पहुंचकर पुलिस ने गंभीर हालात में बच्ची को बिधनू सीएचसी में भर्ती कराया। जहां से डॉक्टर ने उसे डफरिन रेफर कर दिया। बिधनू थाना प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पिता की तहरीर पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
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कानपुर: जेल से छूटे आरोपी ने महिला को दी जान से मारने की धमकी, पथराव

कानपुर में गोविंदनगर के महादेव नगर में मंगलवार को मुकदमा वापस न लेने पर जेल से छूटे आरोपी ने भाई संग मिलकर महिला को जान से मारने की धमकी दी। विरोध पर घर पर पथराव कर सीसीटीवी कैमरे तोड़ डाले।

मामले में पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मोहिनी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि फरवरी माह में विकास उर्फ मैडी ने साथियों संग मिलकर उनके भाई रिंकू पहाड़ी पर जानलेवा हमला किया था।

मामले में पुलिस ने विकास समेत तीन को जेल भेज दिया था। जबकि विक्रम अभी भी फरार चल रहा है। आरोप है कि मंगलवार को जेल से छ्रूटकर आए विकास उर्फ मैडी ने अपने भाई विवेक, पत्नी रेनू, नरेश, कमलेश व अपने अन्य साथियों की मदद से मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया।

इंकार पर विवेक ने परिजनों संग मिलकर उनके घर पर पथराव कर दिया। इस दौरान घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ जान से मारने की धमकी दी। थानाप्रभारी रोहित तिवारी ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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गोंडा : घर में घुसकर माता-पिता व दो बेटियों को तलवार से काट डाला, तीन की मौत, एक बेटी की हालत नाजुक

शहर के गल्ला मंडी रोड स्थित एक कॉलोनी में बुधवार की शाम रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी के घर में घुसकर एक युवक ने पूरे परिवार पर तलवार से हमला बोल दिया। युवक ने घर में घुसते ही अंदर से चैनल गेट बंद कर लॉक कर दिया। इसके बाद तलवार से पिता, माता व उनकी दोनों बेटियों को काट डाला। इसमें माता-पिता व एक बेटी की मौत हो गई, जबकि छोटी बेटी को गंभीर हालत में इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया है।

नगर कोतवाली क्षेत्र के गल्लामंडी रोड के बगल शिवनगर कॉलोनी में बुधवार की शाम दिल दहलाने वाली घटना हुई। यहां रहने वाले रेलवे के सेवनिवृत्त कर्मचारी देवी प्रसाद (67), देवी प्रसाद की पत्नी पार्वती देवी  (65), देवी प्रसाद की बड़ी बेटी शिंपा  (25) व छोटी बेटी इस्पा  (22) अपने घर में थे। शाम तकरीबन साढ़े छह बजे एक युवक उनके घर पहुंचा और अंदर से चैनल गेट बंद कर लिया। इसके बाद देवी प्रसाद, उनकी पत्नी पार्वती देवी, शिंपा व इस्पा को तलवार से काट डाला। इसमें देवी प्रसाद, उनकी पत्नी पार्वती व शिंपा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि देवी प्रसाद की छोटी बेटी इस्पा गंभीर रूप से घायल हो गई।

देवी प्रसाद की बहू लक्ष्मी ने बताया कि उनकी ननद शिंपा शहर के एक ही निजी अस्पताल में काम करती थी। लक्ष्मी के पति अशोक सुबह लखनऊ गये थे। घटना के वक्त लक्ष्मी घर की दूसरी मंजिल पर थी। आरोपी दूसरी मंजिल पर उन्हें भी मारने के लिए पहुंचा था। मगर उनके शोर मचाने पर वह छत से रस्सी के सहारे कूदकर भाग निकला। लक्ष्मी के मुताबिक मारने वाला युवक कानपुर का रहने वाला है। उसका नाम मनोज है। वह उनकी ननद शिंपा को पिछले दो साल से फोन करके शादी का दबाव बना रहा था। उन्होंने बताया कि शिंपा की शादी अभी तय हुई है। लक्ष्मी के मुताबिक बुधवार की सुबह से ही वह फोन करके शिंपा को मारने की धमकी दे रहा था। डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रेम प्रसंग में एक ही परिवार के चार लोगों पर हमला किया गया है। जिसमें तीन लोगों की मौत हुई है, एक की हालत नाजुक है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगाई गई है।
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मनीष हत्याकांड : सीबीआई ने दर्ज किए मित्रों के बयान, गोरखपुर के होटल में घटी घटना का लिया पूरा विवरण

कानपुर के व्यवसाई की गोरखपुर में पुलिस कर्मियों द्वारा की गई हत्या के मामले में सीबीआई ने बुधवार को मनीष गुप्ता केदोस्तों के बयान दर्ज किए। सीबीआई ने मनीष के दोस्त हरबीर सिंह, प्रदीप सिंह और चंदन सैनी को लखनऊ कार्यालय बुलाया था।
    
गुरुग्राम के रहने वाले मनीष के तीनों दोस्तों से पूरी घटना की जानकारी ली गई। इन सभी के बयान इस पूरे घटना क्रम में काफी अहम हैं। क्योंकि जब पुलिस मनीष के कमरे में दाखिल हुई उस समय हरबीर सिंह, प्रदीप सिंह और चंदन सैनी तीनों ही उसी कमरे में थे। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई बृहस्पतिवार को भी इनके बयान दर्ज करेगी। बयान दर्ज करने के बाद तीनों को लेकर गोरखपुर जाएगी और वहां सीन रिक्रिएट किया जाएगा।

बता दें कि 27 सितंबर को गोरखपुर अपने दोस्तों के साथ पहुंचे कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के कृष्णा पैलेस होटल में ठहरे थे। रात लगभग 12 बजे मनीष के कमरे में पहुंची पुलिस ने पहले मनीष के साथ दुर्व्यवहार किया और फिर मनीष की इतनी पिटाई की कि उससे मनीष की मौत हो गई। मनीष की पत्नी ने इस मामले में रामगढ़ताल थाने में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। यह सभी पुलिस कर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं। मनीष की पत्नी की मांग पर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने 2 नवंबर को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है।
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