माघ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले शनिवार को यमुना के जलस्तर में वृद्धि से एक बार फिर चिंता बढ़ गई। हालांकि 24 घंटे में यमुना का जलस्तर दो सेंमी ही बढ़ा है, लेकिन त्रिवेणी संगम पर बनाए गए स्नान घाट के ऊपर पानी चढ़ने लगा।
उधर, गंगा का जलस्तर लगातार दूसरे दिन भी घटता रहा। इससे त्रिवेणी, काली और ओल्डजीटी इलाकों में राहत रही। इस बीच मंडलायुक्त संजय गोयल ने जल स्तर में वृद्धि से उत्पन्न हालात का अफसरों के साथ जायजा लिया और प्रभावित इलाकों बंध बनाने के साथ ही स्थितियों से निबटने के निर्देश दिए।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से जल भराव और दलदल से प्रभावित इलाकों का मंडलायुक्त ने अफसरों के साथ दौरा किया। मंडलायुक्त ने गंगद्वीप के अलावा त्रिवेणी मार्ग स्थित सेक्टर-दो के अलावा अन्य कटान प्रभावित इलाकों में सिंचाई बाढ़ खंड की ओर से बनाए गए बंध का निरीक्षण किया। मंडलायुक्त ने अफसरों को हिदायत दी कि गंगा तट के समीप बसे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं आनी चाहिए।
इस बीच यमुना के जलस्तर में वृद्धि शुरू होने से मौनी अमावस्या से पहले फिर खतरे की घंटी बजने लगी है। मंगलवार को यमुना के जलस्तर में दो सेमी की वृद्धि दर्ज की गई। सोमवार को यमुना का जलस्तर 73.60 मीटर था। जबकि, मंगलवार को 73.62 मीटर रिकार्ड किया गया।
सिंचाई बाढ़ खंड के एक्सईएन बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक यमुना के जलस्तर में मामूली वृद्धि के बाद भी अभी स्थिति नियंत्रण में है। इस दिन कानपुर बैराज से फिर 19हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया। लेकिन, गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे के दौरान 10 सेमी की कमी दर्ज की गई है। सोमवार को फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 77.52 मीटर था, जबकि मंगलवार को घटकर 77.42 मीटर पर आ गया।
माघ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले शनिवार को यमुना के जलस्तर में वृद्धि से एक बार फिर चिंता बढ़ गई। हालांकि 24 घंटे में यमुना का जलस्तर दो सेंमी ही बढ़ा है, लेकिन त्रिवेणी संगम पर बनाए गए स्नान घाट के ऊपर पानी चढ़ने लगा।