जय बाजपेई और उसके भाई रजय की ब्रह्म नगर और आर्य नगर के बीच ही 14 करोड़ की कई संपत्तियां हैं। यह खुलासा 2017 की उस फाइल से हुआ है जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह के कार्यालय में जय और रजय के खिलाफ की गई जांच की रिपोर्ट लगी है। यह फाइल कई दिनों की खोजबीन के बाद अब जिला प्रशासन के हाथ लगी है।
तब पुलिस की जांच में यह बात भी आई थी की जय और रजय दोनों उस समय सपा के कार्यकर्ता थे और सपा के एक विधायक के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग और ठेकेदारी का काम करते थे। फाइल में लगी पुलिस रिपोर्ट में वकील सौरभ भदौरिया के हवाले से पुलिस को कई जानकारियां दी गई हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जय का नाम 3 साल पहले से भू-माफिया की सूची में दर्ज है।
उसके घर में नोट गिनने की मशीन है। जय और रजय के खिलाफ नजीराबाद, बजरिया और चौबेपुर सीसामऊ थाने में कई मुकदमे दर्ज कराए गए थे लेकिन सपा के एक विधायक ने अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए जय पर दर्ज मुकदमों को खारिज करवा दिया था। इतना ही नहीं उसके अपराधों पर पर्दा डालते हुए विधायक ने जय को शस्त्र लाइसेंस भी जारी करवा दिया था। यह फाइल अब फिर से पुलिस के पास भेजी गई है।
जिसपर नए सिरे से जांच शुरू होगी। तत्कालीन जांच में जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें जय और रजय के नाम से नवाबगंज, पनकी, ईदगाह, बारह सिरोही कल्याणपुर, इंदिरा नगर, गुजैनी जैसे कई स्थानों पर कुल 60 करोड की प्रॉपर्टी बताई गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि कुछ हजार की नौकरी करने वाले जय के पास इतनी बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टी कैसे आई।
इस फाइल में बताया गया है कि जय ने अपने परिवार के सदस्यों और कई दूसरे करीबियों के नाम से बड़ी मात्रा में बेनामी संपत्ति बनाई हैं। लग्जरी वाहन भी खरीदे हैं। इसकी जांच उस समय खुफिया एजेंसियों से कराए जाने की भी मांग की गई थी जय वाजपेई ने हर्ष नगर में राजकुमार पुत्र राजाराम से 16 लाख की रजिस्ट्री कराई। ब्रह्म नगर में जय ने शकुन नंदनी सोनकर से 2012 में 15 लाख रुपए में एक प्रॉपर्टी खरीदी।