बुद्ध पूर्णिमा पर ताजमहल का दीदार होते ही चांदनी झूम उठी। चांद की चांदनी की चुनर ओढ़े ताजमहल का सोमवार रात 190 सैलानियों ने दीदार किया। दरअसल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कैलेंडर में बुद्ध पूर्णिमा रविवार की रही। इस वजह से सोमवार रात को 190 पर्यटकों ने ताज का दीदार किया, जबकि रविवार को इनकी संख्या 330 रही। बीते माह रमजान में रात्रि दर्शन बंद होने के कारण इस बार ताजमहल को चांदनी रात में देखने के लिए पर्यटकों ने एक दिन का इंतजार किया। एक दिन पहले आगरा आकर बुकिंग कराई और ताज को बुद्ध पूर्णिमा की रात चांदनी से सराबोर देखा। ताज के दीवानों में जबरदस्त उत्साह नजर आया, हालांकि चमकी नजर नहीं आई।
आगरा एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन के मुताबिक ताजमहल के रात्रि दर्शन में अब चमकी नजर नहीं आती। चांद के एक खास एंगल से ताज के नगीनों पर जब रोशनी पड़ती है तो वह चमकते हैं, जो केवल मुख्य गुंबद से ही दिखते हैं, जबकि ताज का दीदार रात में रॉयल गेट के रेड सैंड स्टोन प्लेटफॉर्म से होता है जो 330 मीटर दूर है। वहां तक चांद का वह कोण नहीं बन पाता।
आगरा एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन के मुताबिक ताजमहल के रात्रि दर्शन में अब चमकी नजर नहीं आती। चांद के एक खास एंगल से ताज के नगीनों पर जब रोशनी पड़ती है तो वह चमकते हैं, जो केवल मुख्य गुंबद से ही दिखते हैं, जबकि ताज का दीदार रात में रॉयल गेट के रेड सैंड स्टोन प्लेटफॉर्म से होता है जो 330 मीटर दूर है। वहां तक चांद का वह कोण नहीं बन पाता।