पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने कहा कि गोरखपुर जंक्शन का नया भवन, पुरानी इमारत के सामने बनेगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही करीब 100 साल पुरानी इमारत तोड़ी जाएगी। 612 करोड़ रुपये से जंक्शन का पुनर्विकास होगा। टेंडर प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसी साल के आखिरी तक निर्माण कराने वाली संस्था का चयन कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य दो साल यानी 2025 रखा गया है। निर्माण कार्य पूरा होने तक ट्रेनों का संचलन प्रभावित नहीं होगा और न ही स्टेशन आने वाले किसी यात्री को ही दिक्कत होगी।
मुख्यमंत्री के सामने गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास का प्रजेंटेशन देने के अगले दिन शुक्रवार को एनईआर के महाप्रबंधक, मीडियाकर्मियों से जंक्शन के नए भवन की खूबियां साझा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जंक्शन के मुख्य भवन में गोरखनाथ मंदिर का अक्स दिखेगा। स्टेशन के इमारत की भव्यता गोरक्षनगरी के विकास को बयां करेगी। नई इमारत को डिजाइन को अगले 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
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एयरपोर्ट की तरह यहां यात्रियों को सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। उन्हें, स्टेशन पर न मौजूद रहकर एक बड़े मॉल में होने का एहसास होगा। यही नहीं स्टेशन के बाहर के क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्हें स्टेशन के पुनर्विकास का मॉडल पसंद आया है और उन्होंने प्रशासन, पुलिस, जीडीए, नगर निगम समेत सभी जरूरी विभागों को इस कार्य में सहयोग का निर्देश दिया है। गोरखपुर स्टेशन आने वाले यात्रियों को असुविधा न हो इसके लिए सामने की मुख्य सड़क की चौड़ाई 18 फीट से बढ़ाकर 30 फीट की जाएगी। बस स्टेशन से रेलवे स्टेशन के लिए एक अलग मार्ग होगा।
महाप्रबंधक ने बताया कि नए भवन की डिजाइन में भविष्य में मेट्रो स्टेशन के लिए भी जगह छोड़ी गई है। पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए नए भवन की खूबियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि स्टेशन के नए मॉडल में सभी तरह के यात्रियों का ख्याल रखा गया है। एक प्रवेश और एक निकास दिया गया है ताकि परिसर पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
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एयरपोट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन पर एयर कॉन्कोर्स के साथ मल्टी लेवल पार्किग, फूड प्लाजा शापिंग माल, होटल, अस्पताल के साथ आने वाले एवं जाने वाले यात्रियों के आवागमन के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा रेलवे स्टेशन को बस स्टैंड एवं भविष्य में बनने वाले मेट्रो स्टेशन के साथ जोड़ने का प्रस्ताव है।
प्लेटफॉर्म के ऊपर रूफ प्लाजा बनेगा। इसी प्रकार स्टेशन के उत्तरी गेट से सीधे प्लेटफार्म नंबर नौ, आठ और सात पर पहुंचा जा सकेगा। प्लेटफार्मों तक पहुंचने वाले यात्रियों के लिए उत्तरी गेट से प्लेटफार्म नंबर नौ के ऊपर बनने वाले रूफ प्लाजा तक फ्लाईओवर बनाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुनर्विकास का कार्य खुद रेलवे कर रही है। ऐसे में यात्रियों से किसी भी तरह का अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा और न ही प्लेटफार्म टिकट के शुल्क में ही वृद्धि की जाएगी।
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आने-जाने के लिए अलग-अलग मार्ग, 3500 यात्रियों की होगी कॉन्कोर्स की क्षमता
एनईआर के महाप्रबंधक ने बताया कि गोरखपुर जंक्शन की नई इमारत में आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। जंक्शन पर जाने वाले यात्रियों के लिए पांच-पांच मीटर चौड़ी तीन लेन की सुविधा होगा । वहीं जंक्शन से बाहर निकलने वाले यात्रियों के लिए भी दूसरे रुट से यही व्यवस्था रहेगी। यहां से यात्री सीधे रोडवेज की तरफ स्काई वे के जरिए जा सकेंगे।
इसी तरह जंक्शन में 6300 वर्ग मीटर में एक बड़ा कॉन्कोर्स प्रस्तावित है, जहां एक साथ 3,500 यात्री बैठ सकेंगे। वर्तमान में जहां कार, टू व्हीलर्स, थ्री व्हीलर्स की पार्किंग क्षमता 427 ईसीएस है जो बढ़कर 838 ईसीएस हो जाएगी। यात्रियों की सुविधा के लिए दो अतिरिक्त फुट ओवर ब्रिज का भी प्रस्ताव है। इसके बनने से किसी भी आपात या अत्यधिक भीड़भाड़ के दिनों में भी यात्रियों को आने-जाने में दिक्कत नही होगी।
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44 लिफ्ट लगेंगी, स्काई वे से सीधे रोडवेज पहुंच सकेंगे यात्री
महाप्रबंधक ने बताया कि नए जंक्शन भवन में चारों तरफ लिफ्ट की कनेक्टिविटी रहेगी। कुल 44 लिफ्ट लगाए जाएंगे। इससे हर एक प्लेटफार्म, हर एक ब्लॉक कनेक्ट रहेगा। इसी तरह पर्याप्त एस्कलेटर भी होगा। रेलवे स्टेशन से बस स्टेशन तक पहुंचने के लिए यात्रियों को स्टेशन से बाहर नहीं आना पड़ेगा। सड़क मार्ग की जगह वे स्काई वॉक से ही बस अड्डे तक पहुंच जाएंगे। इससे स्टेशन के सामने वाली सड़क पर भीड़ नहीं होगी और जाम से निजात मिलेगी।
स्काईवॉक को दो लेन की चौड़ाई में बनाया जाएगा। बीच में लोहे की जाली लगाई जाएगी ताकि आने-जाने वालों को दिक्कत न हो। यह स्काईवॉक करीब 250 से 300 मीटर लंबा होगा। रेलवे स्टेशन के मध्य द्वार तक आए फुट ओवरब्रिज को इससे जोड़ा जाएगा ताकि यात्री सीधे बाहर चले जाएं। दृष्टिहीन लोगों के लिए इस पर खास तरह की फ्लोरिंग लगाई गई है। ग्लास पैनल के बाहर की तरफ गोलाकार स्ट्रक्चर बनाया गया है, जो रात में खास तरह की रंग-बिरंगी एलईडी लाइटों से जगमगाएगा।
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