30 January 2023
30 January 2023
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30 January 2023
हरियाणा के कैथल में अज्ञात ने कलायत के डीएसपी सज्जन सिंह की फोटो व्हाट्सएप पर लगा कर उनकी जान पहचान के एक व्यक्ति से 25 हजार रुपये ठग लिए। इसकी शिकायत कैथल निवासी जिले सिंह ने साइबर थाना पुलिस को दी है।
जिले सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसके पास 29 जनवरी को शाम के सात बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने उसके व्हाट्सएप पर संदेश भेजा। उस नंबर पर डीएसपी कलायत सज्जन सिंह की डीपी लगी थी। अज्ञात ने पहले संदेश में उसे बताया कि वह डीएसपी सज्जन सिंह बोल रहा है।
उसे 25 हजार रुपये की जरूरत पड़ गई है। वह उसके पास गूगल पे कर दें। उसने व्हाट्सएप के माध्यम से गूगल पे का नंबर दिया और 25 हजार रुपये डाल दिए। इसके बाद फिर से दोबारा अज्ञात ने संदेश भेजा। इसके बाद फिर से संदेश आया कि उसे 20 हजार रुपये की और जरूरत है। इसके बाद उसने डीएसपी को यह जानकारी दी तो उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है।
अब डीएसपी ने अज्ञात द्वारा पैसों की मांग करने की जानकारी अपने व्हाट्सएप और फेसबुक पर देकर लोगों को सचेत किया है। पुलिस मामले की छानबीन में लगी है। डीएसपी सज्जन ने बताया कि व्हाट्सएप के स्टेटस पर किसी अज्ञात द्वारा उनकी प्रोफाइल फोटो लगा कर रुपयों की मांग की जा रही है। कोई भी नंबर पर रुपये न भेजें।
हरियाणा के कैथल में पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर शनिवार को आत्महत्या करने वाले गांव भागल निवासी होशियार सिंह के केस में एक कर्मचारी का नाम होने और गिरफ्तारी नहीं होने पर गांव भागलवासी भड़क उठे। रविवार को लोगों ने चार अन्य की गिरफ्तारी की मांग पर दोपहर बाद करनाल रोड बाईपास चौक पर जाम लगा दिया।
जाम लगने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में केस में तीन कर्मचारियों के नाम जोड़ने और दो दिन में गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर तहसीलदार और डीएसपी ने दिया। आश्वासन पाकर ग्रामीणों ने जाम खोल दिया।
ज्ञात रहे कि गांव भागल से सीआईए-दो पुलिस कर्मचारी सहायक उप-निरीक्षक प्रदीप कुमार चार अन्य कर्मचारियों के साथ शुक्रवार रात को होशियार सिंह के बेटे को मोबाइल चोरी के मामले में हिरासत में लेकर आए थे।
ये रहा आत्महत्या का कारण
शनिवार सुबह होशियार सिंह और अन्य जब पुलिस से मिलने सीआईए दो थाने पहुंचे तो आरोप है कि कर्मचारी प्रदीप कुमार ने होशियार सिंह को धमकी दी कि वह उसकी बेटी को गिरफ्तार करके लाएगा। आरोप है कि उसने और भी अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया। इस पर होशियार सिंह ने कैथल में ही बस अड्डे के निकट स्थित रेलवे स्टेशन फाटक के पास एक पेड़ पर लटककर आत्महत्या कर ली।
शव लेने से कर रहे थे इन्कार
इसके बाद परिजनों की मांग पर पुलिस ने आरोपी कर्मचारी प्रदीप कुमार के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया। इस मामले में सुबह पौने 11 बजे के आसपास ग्रामीण अस्पताल में एकत्रित हो गए और कार्रवाई से संतुष्ट न होने तक शव लेने से इनकार कर दिया। लोगों ने मांग की कि एफआईआर में सभी कर्मचारियों का नाम जोड़ा जाए। सभी को गिरफ्तार किया जाए। वे तभी शव लेकर जाएंगे।
कार्रवाई से पहले नहीं खोलना था जाम
गुस्साए लोगों ने तीन-चार बजे तक का प्रशासन को समय देते हुए कहा कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो वे जाम लगाएंगे। डीएसपी विवेक चौधरी और नायब तहसीलदार आशीष कुमार ने अस्पताल पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ढाई बजे तक अस्पताल में ग्रामीणों ने नारेबाजी की और शव को नहीं लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने चार आरोपियों के खिलाफ नामजद केस और गिरफ्तारी नहीं होने तक जाम लगाने का फैसला लिया।
सवा घंटे के जाम से लोग परेशान
दोपहर बाद करनाल रोड बाईपास चौक पर जाम लगा दिया। करीब सवा घंटे तक यहां जाम लगा रहा। जाम लगने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम के दौरान तीन एंबुलेंसों को रास्ता दिया। इसी बीच तेज रफ्तार से आ रही 112 नंबर गाड़ी सायरन बजाते हुए जाम के बीच घुस गई। परिजनों और ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और गाड़ी के आगे लेट गए।
इसके बाद गाड़ी में सवार महिला और कुछ अन्य व्यक्तियों को देखकर गाड़ी को जाने दिया। यहां गांववासी रघुबीर, बिमला, सतपाल सिंह, गुरपाल, रामकुमार, रामफल, विजय, राजो और सुरुपा ने बताया कि मृतक होशियार को गांव भागल में सड़क के पास मोबाइल मिला था। उस फोन को मलकीत प्रयोग कर रहा था। उसे बेवजह हिरासत में लिया।
उसके पिता होशियार सिंह को इतना प्रताड़ित किया कि उसे सुसाइड करना पड़ा। मलकीत ने आरोप लगाया कि उसको पुलिस कर्मचारियों ने गोली मारने की धमकी दी। उसके पिता से पैसे मांगे। उन्हें धमकी दी कि तुम्हारी बेटी को थाने में लाकर कपड़े उतार देंगे। उसे इतना शर्मसार कर दिया कि उसका पिता होशियार सिंह को थाने से बाहर आना पड़ा और कुछ दूरी पर जाकर पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
इसके बाद डीएसपी विवेक चौधरी, डीएसपी रविंद्र सांगवान व तहसीलदार ने तीन आरोपियों के खिलाफ नाम केस में जुड़वा दिया और आरोपियों को दो दिन में गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर जाम खुलवा दिया। वहीं एक आरोपी का भी जल्द नाम जुड़वा दिया जाएगा। इसके बाद गांव वासियों ने जाम खोल दिया और शव लेकर गांव चले गए।
डीएसपी विवके चौधरी ने कहा कि अभी आरोपी पुलिस कर्मचारी फरार है। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपियों की मांग के अनुसार एफआईआर में सिपाही अश्वनी, सिपाही देवेंद्र, होमगार्ड कर्मवीर का नाम भी जुड़वा दिया है। जबकि एएसआई प्रदीप के खिलाफ पहले ही केस दर्ज कर डिलया। अन्य एक आरोपी की अभी जानकारी ली जा रही है।