हरियाणा में सरकारी नौकरियों के लिए फर्जी साक्षात्कार और नियुक्ति पत्र देने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से भी इसके तार जुड़े हैं। नारायगढ़ के गांव लछेड़ी का रहने वाला गिरोह संचालक जितेंद्र खुद को मंत्री का पीए बताकर पांच युवकों से 75 लाख रुपये ऐंठ चुका है। उसने चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में भर्ती कार्यालय खोल रखा है और उसके साथ पांच-छह और लोग काम करते हैं। आरोपी ने दिल्ली व हरियाणा पुलिस के भर्ती लेटर भी जारी किए हैं।
इसके अलावा हरियाणा विधानसभा में हाल में चल रही लिपिक, चौकीदार, हिंदी-अंग्रेजी पत्रकार की भर्ती के लिए फर्जी साक्षात्कार पत्र जारी किए हैं। इनमें चार पत्र लिपिक, एक अंग्रेजी पत्रकार व चार चौकीदार के शामिल हैं। चंडीगढ़ पुलिस की जांच में अब तक दस-बारह फर्जी साक्षात्कार व नियुक्ति पत्र और जारी करने की बात सामने आई है। पुलिस संभावना जता रही है कि इस मामले में बड़ा भर्ती गिरोह पकड़ में आ सकता है।
विधानसभा में रविवार 17 अक्तूबर को साक्षात्कार देने पहुंचे पिंजौर निवासी नीरज ने गिरोह की परतें खोली। स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने गुरुवार को विधानसभा में पत्रकार वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया। पहले पुलिस केस दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी। स्पीकर के एसएसपी कुलदीप चहल को फोन करने पर एफआईआर दर्ज हुई और रात 12:30 बजे सेक्टर-3 थाना एसएचओ विधानसभा पहुंचे।
चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीते मंगलवार को केस दर्ज कर बुधवार को जिला अदालत में पेश किया। वहां से 8 दिन का रिमांड मिला है। स्पीकर ने बताया कि 17 अक्तूबर को साक्षात्कार देने आए नीरज ने जितेंद्र के बारे में पूरी जानकारी दी। उसके बाद जितेंद्र को विधानसभा में बुलाकर जांच अधिकारी मार्शल संदीप नांदल ने पूछताछ की।
जिसमें अनेक मामले सामने आए। नीरज की जितेंद्र की बहन के साथ सगाई हुई थी और तीस नवंबर 2021 को शादी थी। जो इस भंडाफोड़ के बाद टूट गई। नीरज आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया केरल में लिपिक के पद पर तैनात है। उसे हरियाणा विधानसभा में भी लिपिक पद के लिए तैनात किया था। जितेंद्र ने उसे नौकरी दिलाने के एवज में पैसे लेने की डील की थी।
नीरज के पत्र की शब्दावली, मुहर सब फर्जी
गुप्ता ने बताया कि कुछ माह पूर्व कनिष्ठ अभियन्ता, रिपोर्टर हिंदी व अंग्रेजी, जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर, लिपिक, टेलीफोन अटेंडेंट, टेलीफोन ऑपरेटर, हिंदी टाइपिस्ट, रिकॉर्ड रिस्टोरर और चौंकीदार पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। अंग्रेजी रिपोर्टर पद के लिए साक्षात्कार देने पहुंचे उम्मीदवार नीरज का रोल नंबर संदिग्ध पाया गया। पत्र की शब्दावली, हस्ताक्षर व मुहर सब फर्जी निकले। नीरज सभी दस्तावेज सुरक्षा कर्मियों ने 17 अक्तूबर को रख लिए थे और उसे 18 को बुलाया था।
जितेंद्र के पास अनेक आईडी, खुद को मंत्री का पीए बताता रहा
आरोपी जितेंद्र ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के लिपिक, सहायक इत्यादि पद के खुद के तीन पहचान पत्र बना रखे हैं। वह स्वयं को सरकारी कर्मचारी बताकर नौकरी लगाने के नाम लोगों से रुपये ऐंठता था। कुछ को वह किसी मंत्री का पीए भी बताता रहा। उसने नौकरी दिलाने के नाम पर पांच से 15 लाख रुपये तक प्रति व्यक्ति लिए हैं।
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मार्शल को घूस की पेशकश, हिमाचल से भी कनेक्शन
आरोपी जितेंद्र व उसके एक रिश्तेदार ने जांच के दौरान विधानसभा में मार्शल को घूस की पेशकश भी की। उसने पूछताछ में बताया कि उसने सारे साक्षात्कार, नियुक्ति पत्र की सामग्री हिमाचल प्रदेश के सिरमौर निवासी सतीश भारद्वाज से ली है। अब पुलिस इस कनेक्शन की भी जांच करेगी। जितेंद्र कई भर्ती में उम्मीदवारों को रोल नंबर जारी कोविड का तर्क देकर साक्षात्कार में शामिल होने से रोक देता था। इस दौरान भी उसने अनेक युवाओं से पैसे लिए हैं।
विस्तार
हरियाणा में सरकारी नौकरियों के लिए फर्जी साक्षात्कार और नियुक्ति पत्र देने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से भी इसके तार जुड़े हैं। नारायगढ़ के गांव लछेड़ी का रहने वाला गिरोह संचालक जितेंद्र खुद को मंत्री का पीए बताकर पांच युवकों से 75 लाख रुपये ऐंठ चुका है। उसने चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में भर्ती कार्यालय खोल रखा है और उसके साथ पांच-छह और लोग काम करते हैं। आरोपी ने दिल्ली व हरियाणा पुलिस के भर्ती लेटर भी जारी किए हैं।
इसके अलावा हरियाणा विधानसभा में हाल में चल रही लिपिक, चौकीदार, हिंदी-अंग्रेजी पत्रकार की भर्ती के लिए फर्जी साक्षात्कार पत्र जारी किए हैं। इनमें चार पत्र लिपिक, एक अंग्रेजी पत्रकार व चार चौकीदार के शामिल हैं। चंडीगढ़ पुलिस की जांच में अब तक दस-बारह फर्जी साक्षात्कार व नियुक्ति पत्र और जारी करने की बात सामने आई है। पुलिस संभावना जता रही है कि इस मामले में बड़ा भर्ती गिरोह पकड़ में आ सकता है।
विधानसभा में रविवार 17 अक्तूबर को साक्षात्कार देने पहुंचे पिंजौर निवासी नीरज ने गिरोह की परतें खोली। स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने गुरुवार को विधानसभा में पत्रकार वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया। पहले पुलिस केस दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी। स्पीकर के एसएसपी कुलदीप चहल को फोन करने पर एफआईआर दर्ज हुई और रात 12:30 बजे सेक्टर-3 थाना एसएचओ विधानसभा पहुंचे।
चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीते मंगलवार को केस दर्ज कर बुधवार को जिला अदालत में पेश किया। वहां से 8 दिन का रिमांड मिला है। स्पीकर ने बताया कि 17 अक्तूबर को साक्षात्कार देने आए नीरज ने जितेंद्र के बारे में पूरी जानकारी दी। उसके बाद जितेंद्र को विधानसभा में बुलाकर जांच अधिकारी मार्शल संदीप नांदल ने पूछताछ की।
जिसमें अनेक मामले सामने आए। नीरज की जितेंद्र की बहन के साथ सगाई हुई थी और तीस नवंबर 2021 को शादी थी। जो इस भंडाफोड़ के बाद टूट गई। नीरज आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया केरल में लिपिक के पद पर तैनात है। उसे हरियाणा विधानसभा में भी लिपिक पद के लिए तैनात किया था। जितेंद्र ने उसे नौकरी दिलाने के एवज में पैसे लेने की डील की थी।