चुनावी जंग में किन्नर भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा और सपा दोनों ने किन्नर समाज को लुभाने के लिए नई रणनीति भी बनाई है। उत्तर प्रदेश में प्रमुख चुनावी पार्टियों में भाजपा सपा ने किनन्रर समाज को बड़ा वोट बैंक मानते हुए इनको लेकर एक अलग चुनावी गणित बनाया है।
भाजपा ने सोनम किन्नर को किन्नर कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया है तो वहीं सपा ने पायल किन्नर को किन्नर सभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मैदान में उतारा है। कई विधानसभा क्षेत्रों में किन्नर समाज का वोट बैंक है। इनकी संख्या भले सीमित है लेकिन यह मतदाताओं को भी खासा आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि सियासी जंग में इनके लिए भी राजनीतिक दल खासा तैयारी कर रहे हैं।
हाल ही में सोनम किन्नर ने भाजपा की खूबियां बताने के लिए जन आशीर्वाद यात्रा भी निकाली थी इसके अलावा पायल ने सपा के लिए गोसाईगंज, वाराणसी, मथुरा सहित कई स्थानों पर सम्मेलन किए थे। दोनों ही प्रमुख दलों ने प्रचार प्रसार के लिए भी इनका सहयोग लिया है। 2019 की मतदाता सूची के अनुसार 8374 किन्नर मतदाता है और निश्चित ही सियासी दल वोटरों को लुभाने के लिए भी इनको अपने साथ लेकर चल रहे हैं।
किन्नर समाज के प्रतिनिधि कितना वोट दिला पाएंगे यह तो चुनावी परिणाम बताएंगे लेकिन सियासी माहौल में किन्नर आकर्षण का केंद्र जरूर बनते दिख रहे हैं।