पीलीभीत। समय से टीकाकरण न कराने वाले निजी और सरकारी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों के साथ फ्रंटलाइन वर्करों को अब कोरोना का टीका नहीं लगाया जाएगा। सरकार ने यह फैसला 45 वर्ष तक के कर्मचारियों के संबंध में लिया है। दरअसल, बार-बार सूचना दिए जाने के बाद भी यह कर्मचारी अब तक टीका लगवाने ही नहीं पहुंचे। दो चरण के टीकाकरण के बाद तीसरे चरण में भी इनको मौका दिया गया, लेकिन इन्होंने उदासीनता बरती।
पहले चरण में निजी और सरकारी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था। दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों का टीकाकरण किया गया। इनमें पुलिस कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राजस्व कर्मी आदि शामिल थे। तीसरे चरण में बुजुर्गों का टीकाकरण किया गया। पहले और दूसरे चरण में टीकाकरण के लिए बुलाए गए स्वास्थ्यकर्मियों के साथ काफी संख्या में फ्रंटलाइन वर्करों ने टीकाकरण नहीं कराया। इनको तीसरे चरण में भी मौका दिया गया, लेकिन इसके बाद भी जिले में काफी संख्या में कर्मचारियों ने टीका नहीं लगवाया। जिले के आंकड़ों के मुताबिक अब स्वास्थ्य कर्मचारियों में 8400 लोगों को वैक्सीन लगनी थी। इनमें 6972 कर्मचारियों ने ही वैक्सीन लगवाई। जबकि 1428 लोग टीकाकरण में शामिल नहीं हुए। इसी तरह 7668 फ्रंटलाइन वर्करों में सिर्फ 6672 लोगों ने टीकाकरण कराया। 996 ने वैक्सीन नहीं लगवाई। इसलिए अब शासन ने टीकाकरण में उदासीनता बरतने वाले कर्मचारियों का टीकाकरण न करने का फैसला किया है। यह व्यवस्था 45 वर्ष की आयु तक के कर्मचारियों के लिए लागू की गई है। अब इन कर्मचारियों को सामान्य लोगों की तरह ही टीका लगवाना होगा। अगर वह निजी अस्पतालों में शुल्क अदा करके टीका लगवाते हैं तो लगवा सकते हैं। सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर नए तरीके से पंजीकरण कराकर टीका नहीं लगवा सकते हैं। अब सिर्फ 45 साल उम्र वाली प्रक्रिया के तहत ही टीका लगवा सकते हैं।
पीलीभीत। समय से टीकाकरण न कराने वाले निजी और सरकारी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों के साथ फ्रंटलाइन वर्करों को अब कोरोना का टीका नहीं लगाया जाएगा। सरकार ने यह फैसला 45 वर्ष तक के कर्मचारियों के संबंध में लिया है। दरअसल, बार-बार सूचना दिए जाने के बाद भी यह कर्मचारी अब तक टीका लगवाने ही नहीं पहुंचे। दो चरण के टीकाकरण के बाद तीसरे चरण में भी इनको मौका दिया गया, लेकिन इन्होंने उदासीनता बरती।
पहले चरण में निजी और सरकारी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था। दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों का टीकाकरण किया गया। इनमें पुलिस कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राजस्व कर्मी आदि शामिल थे। तीसरे चरण में बुजुर्गों का टीकाकरण किया गया। पहले और दूसरे चरण में टीकाकरण के लिए बुलाए गए स्वास्थ्यकर्मियों के साथ काफी संख्या में फ्रंटलाइन वर्करों ने टीकाकरण नहीं कराया। इनको तीसरे चरण में भी मौका दिया गया, लेकिन इसके बाद भी जिले में काफी संख्या में कर्मचारियों ने टीका नहीं लगवाया। जिले के आंकड़ों के मुताबिक अब स्वास्थ्य कर्मचारियों में 8400 लोगों को वैक्सीन लगनी थी। इनमें 6972 कर्मचारियों ने ही वैक्सीन लगवाई। जबकि 1428 लोग टीकाकरण में शामिल नहीं हुए। इसी तरह 7668 फ्रंटलाइन वर्करों में सिर्फ 6672 लोगों ने टीकाकरण कराया। 996 ने वैक्सीन नहीं लगवाई। इसलिए अब शासन ने टीकाकरण में उदासीनता बरतने वाले कर्मचारियों का टीकाकरण न करने का फैसला किया है। यह व्यवस्था 45 वर्ष की आयु तक के कर्मचारियों के लिए लागू की गई है। अब इन कर्मचारियों को सामान्य लोगों की तरह ही टीका लगवाना होगा। अगर वह निजी अस्पतालों में शुल्क अदा करके टीका लगवाते हैं तो लगवा सकते हैं। सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन वर्कर नए तरीके से पंजीकरण कराकर टीका नहीं लगवा सकते हैं। अब सिर्फ 45 साल उम्र वाली प्रक्रिया के तहत ही टीका लगवा सकते हैं।