मुरादाबाद। विदेशी शिपिंग कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए चेयरमैन कस्टम एंड इंडायरेक्ट टैक्स डा. जॉन जोसेफ ने चीफ कमिश्नर और सभी कस्टम कमिश्नरों को पत्र जारी किया है। विदेशी शिपिंग कंपनियों के साथ बैठक करके शिपिंग चार्ज के लिए एक रोस्टर तैयार करने की कोशिश होगी। फिलहाल एक कंटेनर के लिए निर्यातकों को 72 हजार रुपये देने पड़ते हैं। अकेेले मुरादाबाद से सालभर में करीब 60 हजार कंटेनर जाते हैं।
ईपीसीएच के पूर्व चेयरमैन सतपाल ने बताया कि उन्होंने यह मुद्दा रेवेन्यू सेक्रेटरी के सामने उठाया था कि विदेशी कंपनियों का शिपिंग चार्ज ज्यादा है। इसे 10 से 15 हजार तक कम करने के लिए कोशिश करनी चाहिए। विदेशी शिपिंग कंपनियां मनमानी से चार्ज बढ़ाती हैं। इस पर रोक लगाते हुए कोई रेगुलेटरी अथॉरिटी गठित की जानी चाहिए जो शिपिंग चार्ज तय कराए। सोमवार को इंडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम के चेयरमैन डा. जॉन जोसेफ ने इस बाबत एक पत्र चीफ कमिश्नर कस्टम और देश के सभी कस्टम कमिश्नर को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि चीफ कमिश्नर और अन्य कस्टम कमिश्नर विदेशी शिपिंग कंपनियों के साथ इस बारे में वार्ता करेंगे। शिपिंग चार्ज कम करने के लिए इनसे बात होगी। इसके साथ ही एक रेगुलेटरी अथारिटी के गठन पर चर्चा होगी ताकि भविष्य में विदेशी शिपिंग कंपनियां अपनी मनमर्जी से शिपिंग चार्ज नहीं बढ़ा सकें।
मुरादाबाद। विदेशी शिपिंग कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए चेयरमैन कस्टम एंड इंडायरेक्ट टैक्स डा. जॉन जोसेफ ने चीफ कमिश्नर और सभी कस्टम कमिश्नरों को पत्र जारी किया है। विदेशी शिपिंग कंपनियों के साथ बैठक करके शिपिंग चार्ज के लिए एक रोस्टर तैयार करने की कोशिश होगी। फिलहाल एक कंटेनर के लिए निर्यातकों को 72 हजार रुपये देने पड़ते हैं। अकेेले मुरादाबाद से सालभर में करीब 60 हजार कंटेनर जाते हैं।
ईपीसीएच के पूर्व चेयरमैन सतपाल ने बताया कि उन्होंने यह मुद्दा रेवेन्यू सेक्रेटरी के सामने उठाया था कि विदेशी कंपनियों का शिपिंग चार्ज ज्यादा है। इसे 10 से 15 हजार तक कम करने के लिए कोशिश करनी चाहिए। विदेशी शिपिंग कंपनियां मनमानी से चार्ज बढ़ाती हैं। इस पर रोक लगाते हुए कोई रेगुलेटरी अथॉरिटी गठित की जानी चाहिए जो शिपिंग चार्ज तय कराए। सोमवार को इंडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम के चेयरमैन डा. जॉन जोसेफ ने इस बाबत एक पत्र चीफ कमिश्नर कस्टम और देश के सभी कस्टम कमिश्नर को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि चीफ कमिश्नर और अन्य कस्टम कमिश्नर विदेशी शिपिंग कंपनियों के साथ इस बारे में वार्ता करेंगे। शिपिंग चार्ज कम करने के लिए इनसे बात होगी। इसके साथ ही एक रेगुलेटरी अथारिटी के गठन पर चर्चा होगी ताकि भविष्य में विदेशी शिपिंग कंपनियां अपनी मनमर्जी से शिपिंग चार्ज नहीं बढ़ा सकें।