ललितपुर। आयुुर्वेदिक उपचार के साथ अब मर्ज की रोकथाम और बचाव के लिए योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए आयुष मंत्रालय द्वारा आठ अस्पतालों में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दीं है। स्टाफ की तैनाती के बाद अस्पताल आने वाले जरूरतमंद मरीजों को योग कराया जाएगा।
महामारी काल में संक्रमण से बचाव के लिए योग को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है और लोगों को बीमारी से बचाव के लिए योग ही एक मात्र माध्यम नजर आया। चिकित्सकों की सलाह पर लोगों द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विभिन्न योगासन और प्राणायाम भी किए गए । वहीं, अधिकांश लोगों ने एलोपैथी को छोड़कर आयुर्वेद दवाइयों पर अधिक भरोसा जताया है। काढ़ा और अन्य दवाइयों का भी सेवन किया। इसका प्रमुख कारण इन दवाओं के सेवन से किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। ऐसे में शासन ने योग को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेदिक अस्पतालों में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। आयुष मंत्रालय के निर्देश पर जनपद में संचालित आठ निजी भवनों वाले आयुुर्वेदिक अस्पताल चिह्नित किए गए हैं। इन अस्पतालों में मरीजों को आयुुर्वेद दवाइयां दी जाएंगी। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर योग के माध्यम से भी ठीक किया जाएगा।
इन अस्पतालों में खुलेंगे वेलनेस सेंटर
ब्लाक बिरधा के ग्राम जाखलौन, मिर्चवारा, जीरोंन, पाली, ब्लॉक महरौनी के ग्राम सिलावन, ब्लॉक तालबेहट के ग्राम पूराकलां, ब्लॉक बार के ग्राम कैलगुवां और शहर में स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल लेड़ियापुरा में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। इन सभी क्षेत्रों में अस्पतालों के निजी भवन हैं।
योग प्रशिक्षक और योग सहायक की होगी भर्ती
आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर में योग कराने और सिखाने के लिए योग प्रशिक्षक और योग सहायक की भर्ती होगी, जिन्हें प्रतिमाह आठ हजार और छह हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
आठ अस्पतालों में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाने हैं। इनकी तैयारियां पूरी हो गई हैं। चयन समिति द्वारा स्टाफ की तैनाती के बाद योग सेंटर शुरू कराए जाएंगे।
- डॉ. धीरेंद्र कुमार बिजौरिया, जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी।
ललितपुर। आयुुर्वेदिक उपचार के साथ अब मर्ज की रोकथाम और बचाव के लिए योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए आयुष मंत्रालय द्वारा आठ अस्पतालों में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दीं है। स्टाफ की तैनाती के बाद अस्पताल आने वाले जरूरतमंद मरीजों को योग कराया जाएगा।
महामारी काल में संक्रमण से बचाव के लिए योग को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है और लोगों को बीमारी से बचाव के लिए योग ही एक मात्र माध्यम नजर आया। चिकित्सकों की सलाह पर लोगों द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विभिन्न योगासन और प्राणायाम भी किए गए । वहीं, अधिकांश लोगों ने एलोपैथी को छोड़कर आयुर्वेद दवाइयों पर अधिक भरोसा जताया है। काढ़ा और अन्य दवाइयों का भी सेवन किया। इसका प्रमुख कारण इन दवाओं के सेवन से किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। ऐसे में शासन ने योग को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेदिक अस्पतालों में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। आयुष मंत्रालय के निर्देश पर जनपद में संचालित आठ निजी भवनों वाले आयुुर्वेदिक अस्पताल चिह्नित किए गए हैं। इन अस्पतालों में मरीजों को आयुुर्वेद दवाइयां दी जाएंगी। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर योग के माध्यम से भी ठीक किया जाएगा।
इन अस्पतालों में खुलेंगे वेलनेस सेंटर
ब्लाक बिरधा के ग्राम जाखलौन, मिर्चवारा, जीरोंन, पाली, ब्लॉक महरौनी के ग्राम सिलावन, ब्लॉक तालबेहट के ग्राम पूराकलां, ब्लॉक बार के ग्राम कैलगुवां और शहर में स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल लेड़ियापुरा में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। इन सभी क्षेत्रों में अस्पतालों के निजी भवन हैं।
योग प्रशिक्षक और योग सहायक की होगी भर्ती
आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर में योग कराने और सिखाने के लिए योग प्रशिक्षक और योग सहायक की भर्ती होगी, जिन्हें प्रतिमाह आठ हजार और छह हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
आठ अस्पतालों में आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाने हैं। इनकी तैयारियां पूरी हो गई हैं। चयन समिति द्वारा स्टाफ की तैनाती के बाद योग सेंटर शुरू कराए जाएंगे।
- डॉ. धीरेंद्र कुमार बिजौरिया, जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी।