लखीमपुर खीरी। ग्राम पंचायतों को मिलने वाली सरकारी धनराशि के लूट-खसोट में कुंभी (गोला) और लखीमपुर ब्लाक के दो ग्राम प्रधानों की गर्दन फंसी है, जिनमें से अमीनरनगर प्रधान के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। प्रधान के वितीय पावर पहले ही सीज किए गए जा चुके हैं। कुंभी की ग्राम पंचायत अमीरनगर की प्रधान ताहिरा बेगम पर 3,71,458 रुपये गबन के आरोप की पुष्टि होने के बाद डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बर्र्खास्तगी के साथ ही गबन की धनराशि की वसूली भू-राजस्व की भांति कराने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। वहीं लखीमपुर की ग्राम पंचायत भंसडिय़ा की प्रधान ऊषा देवी भी 21,724 रुपये की हेराफेरी में दोषी पाई गई हैं।
कुंभी ब्लाक की ग्राम पंचायत अमीरनगर की प्रधान ताहिरा बेगम के खिलाफ पहली जांच में 4,51,727 रुपये गबन किए जाने की पुष्टि होने पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने 23 फरवरी 2019 को प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए थे। ग्राम प्रधान को हटाने की कार्रवाई के लिए डीडीओ को जांच सौंपी गई थी, जिससे पहले नलकूप खंड प्रथम के अधिशाषी अभियंता ने जांच की थी। इसके बाद जांच में पाया गया कि वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग की धनराशि से डाक्टर मशील के मकान से कल्लू के मकान तक खड़ंजा और नाली निर्माण 19,984 रुपये का गबन किया गया। इसी मद से इश्तियाक के मकान से एजाद के घर तक नाली-खडंजा/इंटरलॉकिंग निर्माण की वर्क आईडी बनाकर 1,87,219 रुपये हड़प लिए गए, लेकिन कहीं काम नहीं कराया गया। इसी तरह झम्मन खां के मकान से खैरूना के मकान तक मिट्टी खडंजा निर्माण कार्य के नाम पर वर्क आईडी बनाकर 2,24,524 रुपये गबन किए गए, जबकि इसका कार्य नहीं कराया गया। गांव में मिट्टी पटाई के नाम पर 20 हजार रुपये निकाले गए, लेकिन मिट्टी पटाई की पुष्टि नहीं हुई। डीडीओ अरविंद कुमार की रिपोर्ट आने के बाद डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) (छह) के तहत प्रधान को पदच्युत (बर्खास्त) करते हुए गबन की धनराशि की वसूली भू-राजस्व की भांति कराने की बात कही है, जिससे पहले प्रधान को साक्ष्य सहित अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम अवसर दिया है।
21 हजार की आरोपी प्रधान को नोटिस जारी
लखीमपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत भंसडिय़ा की प्रधान ऊषा देवी के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में पुष्टि हुई है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशाषी अभियंता ने जांच में पाया कि शंकरदयाल के मकान से रामसागर के मकान तक इंटरलॉकिंग में खडंजे की पुरानी ईंटों का प्रयोशग करके 1600 नई ईंट खरीदने के नाम पर 10,336 रुपये का गबन किया गया। इसके अलावा मौनी बाबा के मकान से रामनाथ के मकान तक इंटरलॉकिंग कार्य में 11,388 रुपये का गबन किया गया है। कुल 21,724 रुपये के गबन में प्रधान को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए डीएम ने नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है।
अमीरनगर प्रधान के खिलाफ 3,71,458 रुपये गबन के आरोप की पुष्टि जांच में हुई है, जिसके चलते डीएम की ओर से प्रधान के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। अंतिम अवसर के तौर पर प्रधान को साक्ष्य सहित जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद सीधे बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
अजय कुमार श्रीवास्तव, डीपीआरओ