झांसी। मंगलवार को इंद्रानगर बस्ती में वाघरी समाज की दो सगी बहनों का विवाह कराया गया। समारोह में समाज के रीति-रिवाजों के अनुसार दोनों बहनों की शादी बिना किसी दहेज से कराई गई। समाज की अनूठी परंपराओं के अनुसार दूल्हा-दुल्हन ने चार फेरे लेकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया।
सेवा समर्पण समिति सरस्वती संस्कार केंद्र के सहयोग से आयोजित इस विवाह समारोह में नंदिनी का विवाह कोटा के राहुल और सोनम का विवाह मेरठ के अरुण के साथ कराया गया। ये दोनों बहनें संस्कार केंद्र की छात्राएं हैं। केंद्र की ओर से यह 20वां शादी समारोह था। कक्षा 10 तक की पढ़ाई करने वाली नंदिनी और सोनम बस्ती में रहने वाले रमेश वाघरी की बेटियां हैं। आर्थिक रूप से कमजोर इस परिवार की बेटियों की शादी जिम्मेदारी केंद्र ने ली थी।
समाज के रामसिंह वाघरी ने बताया कि सोमवार को दोनों बेटियों की बरात का स्वागत और सम्मान किया गया। मंगलवार की सुबह विदाई की गई। उन्होंने बताया कि वाघरी समाज की परंपरा के अनुसार लड़के के घरवाले बेटियों का हाथ मांगने परिवार के साथ आते हैं। इस समाज में पिता बेटियों का रिश्ता मांगने नहीं जाते हैं। साथ ही इस समाज में सात की बजाय बैठकर (उकड़ू चलकर) चार फेे रे लेने का चलन है।
विदाई समारोह में राज्यमंत्री अतिथि हरगोविंद कुशवाहा, हरीराम, हेमंत गुप्ता, पारस गुप्ता, आनंद शिवहरे, प्रवीण शर्मा, मधुकर नगाइच, हरिप्रकाश, देवेंद्र गोस्वामी, सूर्यप्रकाश, प्रफुल्ल शर्मा, आरएस गुप्ता और सचिन मिश्रा आदि ने वर-वधु को आशीर्वाद दिया। समारोह का संचालन देवप्रिया उक्सा और बैजंती पांडेय ने किया।
उधर, संस्कार केंद्र के आचार्य राजकुमार द्विवेदी ने बताया कि संस्था वर्ष 2002 से काम कर रही है। केंद्र में बस्ती की लड़कियों को पढ़ाने के साथ-साथ सिलाई, कढ़ाई और रोजगारपरक हुनर सिखाया जाता है। छह साल से हर रोज छात्राओं द्वारा सुंदरकांड किया जाता है।