बहराइच। कतर्नियाघाट में बीते कई दिनों से नेपाल के गैंडे दस्तक दे रहे हैं। वन विभाग के मुताबिक, ट्रांस गेरुआ के जंगल में गैंडों की आवाजाही अधिक है। वहीं, बृहस्पतिवार को पहली बार बर्दिया गांव में भी गैंडे देखे गए। इससे गांव में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों के काफी देर तक हाका लगाने के बाद गैंडे जंगल की ओर भागे।
मिहींपुरवा के बर्दिया गांव में बृहस्पतिवार रात दो नेपाली गैंडों ने दस्तक दी। गैंडे रात नौ बजे राजेश कुमार के गेहूं के खेत में घुस गए। उनकी नजर गैंडों पर पड़ी तो वह शोर मचाते हुए गांव की ओर भागे। इसके बाद वह काफी संख्या में ग्रामीणों को लेकर खेत पर पहुंचे। गांव निवासी राजू, शकील अहमद, रमजान चिश्ती, जमील, कौसर अली, मैसर अली, जमील, दिलदार, कल्लू, तूफानी आदि ने बर्तन और मोटरसाइकिल की आवाज के साथ हाका लगाना शुरू किया। यह कवायद करीब एक घंटे चलती रही। इसके बाद गैंडे जंगल की ओर भाग गए। कतर्नियाघाट के डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि गैंडों की संख्या करीब छह है। नेपाली गैंडों को कतर्नियाघाट का जंगल रास आ रहा है। गैंडों का आवाजाही ट्रांस गेरुआ के जंगल में अधिक रहता है।