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यूपी : हाईकोर्ट के फैसले से शिक्षा अनुदेशकों को लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सत्र के लिए 17000 मानदेय किया मंजूर
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 02 Dec 2022 09:09 PM IST
सार
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उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को 17 हजार रुपये मानदेय दिए जाने के मामले में तगड़ा झटका लगा है। अनुदेशकों को केवल एक साल सत्र 2017-18 के लिए 17000 रुपये मानदेय कोर्ट ने मंजूर किया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर अपना फैसला सुनाया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को ब्याज सहित 17000 मानदेय देने के एकलपीठ के फैसले को रद्द कर याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि अनुदेशकों को केवल 2017-18 के लिए ही 17000 रुपये मानदेय दिया जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया है।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील पर दिया है। जिसमें एकलपीठ के अन्य राज्यों की तरह अनुदेशकों को 17000 प्रतिमाह मानदेय के मध्य ब्याज भुगतान करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट के इस फैसले से अनुदेशकों को बड़ी मायूसी मिली है। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को स्वतंत्र निर्णय लेने की छूट दी है।
अनुदेशकों को केवल एक साल सत्र 2017-18 के लिए 17000 रुपये प्रतिमाह मानदेय ही मंजूर किया गया है।, कोर्ट ने कहा एक सत्र के लिए होती है संविदा पर नियुक्ति, इसलिए उसी सत्र का मानदेय पाने का अधिकार है। प्रदेश के लगभग 27 हजार अनुदेशकों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17000 रुपये कर दिया था। जिसको यूपी सरकार ने लागू नहीं किया था। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी।
एकलपीठ ने अनुदेशकों को सत्र 2017 से 17000 प्रतिमाह मानदेय 9% ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था। याची विवेक सिंह, आशुतोष शुक्ला और भोलानाथ पांडेय की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। याचिका पर पारित आदेश को राज्य सरकार ने चुनौती दी गई थी।
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