ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को मथुरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सीआईएसएफ द्वारा आयोजित साइकिल रैली में जवानों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने देश के विभिन्न स्थानों से आई रैलियों को हरी झंडी दिखाकर राजघाट के लिए रवाना किया। ऊर्जा मंत्री ने देश की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन किया। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना के अप्रतिम शौर्य की मिसाल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंक को मुंहतोड़ जवाब देने के प्रतीक सर्जिकल स्ट्राइक की वर्षगांठ भी है। इस अवसर पर मां भारती के वीर सपूतों की बहादुरी को शत-शत नमन। भारतीय सेना पर पूरे देश को गर्व है।
‘पैडल ऑफ ऑनर साइकिल अभियान’ स्वर्णिम विजय वर्ष और आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए तालबेहट और अलवर सैन्य स्टेशन के कर्मियों ने दो साइकिल अभियानों को हरी झंडी दिखाई। यह अभियान 26 और 27 सितंबर को प्रारंभ हुआ था और सभी साइकिल सवार 350 किलोमीटर की दूरी साइकिल चलाकर 28 सितंबर को मथुरा पहुंचे।
इससे पहले मंगलवार को साइकिलिंग अभियान को ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग’ ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मथुरा में स्ट्राइक वन लेफ्टीनेंट जनरल एमके कटियार (एवीएसएम) ने कहा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’का एक अवतार है।
प्रगतिशील भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक पहचान ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ भारत सरकार की एक पहल है जो प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने और मनाने के लिए है।
साइकिल सवार ने इस संदेश को फैलाया यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है। जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दिसंबर 1971 में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना पर एक निर्णायक और ऐतिहासिक विजय हासिल की, जिसके कारण एक राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण हुआ और इसके परिणामस्वरूप द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण भी हुआ। इसलिए राष्ट्र भारत-पाक युद्ध के 50 साल मना रहा है। जिसे स्वर्णिम विजय वर्ष भी कहा जाता है।
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