न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मथुरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Wed, 16 Dec 2020 12:11 AM IST
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मामले को लेकर एक के बाद एक कानूनी लड़ाई शुरू हो रही हैं। अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के बाद हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव की ओर से एक दावा सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा भदौरिया की अदालत में दाखिल किया गया है। इसमें उन्होंने श्रीकृष्ण विराजमान का वंशज होने का दावा किया है।
अदालत में मनीष के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को यह दावा दाखिल किया। उन्होंने वर्ष 1967 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को लेकर हुए समझौते की डिक्री (न्यायिक निर्णय) को निरस्त करने की मांग की है। दावा दर्ज होने से पहले न्यायालय ने 22 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। इस दिन वादी मनीष यादव भी अदालत में मौजूद रहेंगे।
संबंधित खबर- श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला: पक्षकार बनने के लिए मथुरा की अदालत में पांच नए प्रार्थनापत्र दाखिल
मनीष यादव की ओर से लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह, अंकित तिवारी और मथुरा बार के अधिवक्ता पंकज जोशी, पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि उनके द्वारा दायर वाद में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है।
इससे पहले चल रहा है यह मामला
हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव से पूर्व 'श्रीकृष्ण विराजमान' की ओर से 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक के लिए रंजना अग्निहोत्री जिला जज की अदालत में वाद दाखिल कर चुकी हैं। दाखिल वाद का पक्षकार बनने के लिए पांच और प्रार्थनापत्र अदालत में दाखिल किए गए। हालांकि वादी रंजना अग्निहोत्री ने इन प्रार्थनापत्रों का विरोध किया है। इस मामले पर अगली तारीख सात जनवरी तय की गई है।
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विस्तार
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मामले को लेकर एक के बाद एक कानूनी लड़ाई शुरू हो रही हैं। अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के बाद हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव की ओर से एक दावा सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा भदौरिया की अदालत में दाखिल किया गया है। इसमें उन्होंने श्रीकृष्ण विराजमान का वंशज होने का दावा किया है।
अदालत में मनीष के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को यह दावा दाखिल किया। उन्होंने वर्ष 1967 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को लेकर हुए समझौते की डिक्री (न्यायिक निर्णय) को निरस्त करने की मांग की है। दावा दर्ज होने से पहले न्यायालय ने 22 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। इस दिन वादी मनीष यादव भी अदालत में मौजूद रहेंगे।
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मनीष यादव की ओर से लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह, अंकित तिवारी और मथुरा बार के अधिवक्ता पंकज जोशी, पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि उनके द्वारा दायर वाद में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है।