दो दिन तक हुई बारिश और उसके बाद नदियों में आई बाढ़ ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा धान, अगेते बोये गए आलू, दलहनी फसलों और सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है। लगातार पानी में डूबे रहने से गन्ने की फसल को भी नुकसान पहुंचेगा। कृषि विभाग ने फसलों के नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है।
खादर हो या बांगर, हर जगह खेतों में भरा पानी
आमतौर पर अक्तूबर में बिजनौर जिले में करीब 30 एमएम ही बारिश होती है, लेकिन रविवार और सोमवार को दो ही दिन में 230 एमएम पानी बरस गया। पहाड़ों पर बारिश हुई तो नदियों का जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ के हालात बन गए। खादर हो या बांगर, हर जगह खेतों में पानी भर गया।
खेतों में इस समय धान और उड़द की फसल की कटाई चल रही थी। कटी हुई और हवा से गिरी पड़ी फसल पर पानी भरा रहने से फसल को बहुत नुकसान हुआ है। इससे फसल की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा। सब्जियों की फसलों खासकर आलू को भी नुकसान हुआ है। बारिश से हुए नुकसान के आकलन के लिए डीएम उमेश मिश्रा ने टीम गठित कर दी है, जो गांवों में जाकर सर्वे करेगी और उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। टीम में संबंधित ग्राम पंचायत के लेखपाल को अध्यक्ष, प्राविधिक सहायक व फसल बीमा कंपनी इफ्को टोकियो के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र के अनुसार किसानों फसलों के नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है। बीमित किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा। बाकी किसानों को राजस्व विभाग से मुआवजा मिलता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. केके सिंह के अनुसार बारिश से धान, उड़द व सब्जियों को नुकसान हुआ है। जिन किसानों ने सरसों व आलू बो दिया था उन्हें भी नुकसान होगा। फसलों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा। बाकी फसलों की बुवाई भी कम से कम 15 दिन देरी से होगी।
खादर हो या बांगर, हर जगह खेतों में भरा पानी
आमतौर पर अक्तूबर में बिजनौर जिले में करीब 30 एमएम ही बारिश होती है, लेकिन रविवार और सोमवार को दो ही दिन में 230 एमएम पानी बरस गया। पहाड़ों पर बारिश हुई तो नदियों का जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ के हालात बन गए। खादर हो या बांगर, हर जगह खेतों में पानी भर गया।
खेतों में इस समय धान और उड़द की फसल की कटाई चल रही थी। कटी हुई और हवा से गिरी पड़ी फसल पर पानी भरा रहने से फसल को बहुत नुकसान हुआ है। इससे फसल की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा। सब्जियों की फसलों खासकर आलू को भी नुकसान हुआ है। बारिश से हुए नुकसान के आकलन के लिए डीएम उमेश मिश्रा ने टीम गठित कर दी है, जो गांवों में जाकर सर्वे करेगी और उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। टीम में संबंधित ग्राम पंचायत के लेखपाल को अध्यक्ष, प्राविधिक सहायक व फसल बीमा कंपनी इफ्को टोकियो के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र के अनुसार किसानों फसलों के नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है। बीमित किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा। बाकी किसानों को राजस्व विभाग से मुआवजा मिलता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. केके सिंह के अनुसार बारिश से धान, उड़द व सब्जियों को नुकसान हुआ है। जिन किसानों ने सरसों व आलू बो दिया था उन्हें भी नुकसान होगा। फसलों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा। बाकी फसलों की बुवाई भी कम से कम 15 दिन देरी से होगी।