सोशल साइट्स के जरिए युवाओं में आतंक का जहर घोलने की कोशिश कर रहे बरेली के इनामुल हक को यूपी एटीएस ने धर दबोचा है। लखनऊ एटीएस ने बरेली यूनिट की मदद से इनामुल को मंगलवार रात कटघर एरिया में स्थित उसके घर से धर दबोचा। एटीएस उसके भाई को भी पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है। एटीएस ने लखनऊ एटीएस थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड पर ले लिया है।
बोलेरो से आई एटीएस, पड़ोसी को दे गई चाबी
एटीएस मंगलवार रात नौ बजे के करीब ग्रे कलर की बोलेरो से आई। सादा कपड़ों में टीम के सदस्य धड़धड़ाते हुए घर में घुस गए। उस वक्त डॉ. रियाज दुकान बंद करने जा रहे थे। टीम पांच मिनट में ही बाहर निकल आई और दोनों भाइयों को गाड़ी में बैठाकर ले गई। टीम ने राह निकलते हमीद से पूछा कि यहीं रहते हो।
उन्होंने हां कहा तो उन्हें इनामुल के घर की चाबी थमा दी। दोनों को ले जाते हुए कई लोगों ने देखा पर वे ये नहीं समझ पाए कि कहां की पुलिस है और इन दोनों का अपराध क्या है? उसकी मां और भाई को भी सूचना दी गई पर वे लोग नहीं आए। मुनीर गुरुवार रात भी लखनऊ स्थित एटीएस कार्यालय में मौजूद था। टीम ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। उसे छोड़ने की बात कही जा रही है।
बरेली में सक्रिय है स्लीपर सेल
हाल ही में कमलेश तिवारी हत्याकांड में बरेली के लोगों का मददगार के तौर पर नाम सामने आया। नेपाल के जरिये हो रही टेरर फंडिंग में भी बरेली के लोग निकले। पहले अक्षरधाम मंदिर हमले के मामले में बरेली के लोगों का नाम आ चुका है, यह अलग बात है कि जांच में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। मेरठ में पकड़े गए आईएसआई के जासूस एजाज ने भी कई साल बरेली में किराये पर रहकर सैन्य क्षेत्र की गतिविधियां देखी थीं। दिल्ली और लखनऊ के बीच का शहर बरेली उत्तराखंड और नेपाल से सटा है, इसलिए भी आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों के लिए यह सुरक्षित पनाहगाह है।
इनामुल की गिरफ्तारी एटीएस लखनऊ ने की है। बरेली पुलिस का इस प्रकरण से मतलब नहीं है। एटीएस ही विवेचना में सच्चाई का पता लगाकर कार्रवाई करेगी। - राजेश कुमार पांडेय, डीआईजी