लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन

यूपी चुनाव 2022: पिछले 13 वर्षों से कुशीनगर की राजनीति का केंद्र हैं स्वामी प्रसाद, इस वजह से नहीं बैठा भाजपा से तालमेल

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर/कुशीनगर। Published by: vivek shukla Updated Wed, 12 Jan 2022 01:48 PM IST
UP Elections 2022 Swami Prasad special story of center of Kushinagar politics for last 13 years
1 of 7
स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर जिले की पडरौना विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन 20 हजार वोटों के अंतर से हार गए। इसी वर्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा का उपचुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत दर्ज कर कुशीनगर की राजनीति के केंद्र में आ गए। यह सिलसिला पिछले 13 वर्षों से जारी है। बताया जा रहा है कि बसपा सरकार में स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने हिसाब से काम किया था, लेकिन यह आजादी भाजपा सरकार में नहीं मिली। कुछ भाजपा नेताओं से तालमेल भी अच्छा नहीं था।

बात वर्ष 2008 की है, रामकोला में बसपा की महारैली हो रही थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंच से कहा कि ‘कुशीनगर जिले का उनकी सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। वे अपने सबसे विश्वासपात्र व प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को यहीं छोड़कर जा रही हैं’। इस रैली के कुछ दिनों बाद वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा और बसपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को कुशीनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांग्रेस के आरपीएन सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को करीब 20 हजार वोट के अंतर से हरा दिया।



पडरौना से विधायक रहे आरपीएन सिंह चुनाव जीतकर सांसद बन गए, लिहाजा उपचुनाव हुआ। तब प्रदेश के 38 मंत्रियों ने यहां डेरा डाल दिया। पहली बार पडरौना से बसपा का खाता खुला और स्वामी प्रसाद मौर्य बड़े अंतर से चुनाव जीत गए। बसपा सरकार में सहकारिता मंत्री बने। वर्ष 2012 में भी वे इस सीट से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए और नेता प्रतिपक्ष बन गए। वर्ष 2017 में मायावती से खटपट के बाद वे भाजपा में आए और पडरौना से ही लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए।
UP Elections 2022 Swami Prasad special story of center of Kushinagar politics for last 13 years
2 of 7
विज्ञापन

पांच साल तक चली हनक

भाजपा की सरकार में कुशीनगर में स्वामी प्रसाद मौर्य की खूब चली। थानेदार से लेकर अन्य विभागों के अफसर तक उनकी पसंद के आधार पर आते-जाते रहे। सबसे अधिक प्रभाव पंचायत चुनाव में उभरकर सामने आया। ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों का नाम उनकी सहमति मिलने के बाद ही तय हो पाया।
विज्ञापन
UP Elections 2022 Swami Prasad special story of center of Kushinagar politics for last 13 years
3 of 7

दोनों खेमों में दिखी खुशी

स्वामी प्रसाद मौर्य के दलबदल से दोनों तरफ खुशी है। भाजपा के कई नेताओं को जहां अपनी मुराद पूरी होती दिखने लगी है तो वही हाल सपा में भी है। हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े रहे दो नेताओं के घर के सामने तो पटाखे जलाने व मिठाई बांटने तक की बात सामने आ रही है। वहीं, सपा नेताओं ने भी इस निर्णय का स्वागत करते हुए खुशी का इजहार किया है। हालांकि सपा से टिकट की दावेदारी करने वालों में निराशा है।
UP Elections 2022 Swami Prasad special story of center of Kushinagar politics for last 13 years
4 of 7
विज्ञापन

चुनाव कहां से लड़ेंगे, अटकलों का बाजार गर्म

बसपा से भाजपा के रास्ते अब सपा में पहुंच चुके स्वामी प्रसाद मौर्य का अगला ठिकाना कहां होगा, इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि अगर पडरौना से ही चुनाव लड़ना होता तो वे दल नहीं बदलते। कुछ लोगों का तर्क है कि कुशीनगर जिले की ही कुशवाहा बहुल फाजिलनगर सीट से वह चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि मौर्य अब अपने गृह जनपद प्रतापगढ़, रायबरेली या उसके आसपास के जिलों का रुख कर सकते हैं। वजह यह कि वे पिछले कुछ दिनों से कुशीनगर की बजाय रायबरेली और शाहजहांपुर में ज्यादा सक्रिय थे। पहले भी उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र रायबरेली को बनाया था।
विज्ञापन
विज्ञापन
UP Elections 2022 Swami Prasad special story of center of Kushinagar politics for last 13 years
5 of 7
विज्ञापन

अनदेखी के आरोपों को भाजपा नेता गलत बता रहे

स्वामी प्रसाद मौर्य के अनदेखी के आरोपों की बात भाजपा नेताओं के गले नहीं उतर रही है। नेता कहते हैं कि कुशीनगर एयरपोर्ट के लोकार्पण समारोह व रैली में स्वामी प्रसाद मौर्य को खूब तवज्जो मिली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के मंच पर भी थे। स्वामी प्रसाद के जाने से भाजपा को बड़ा नुकसान नहीं होगा। उनके समर्थक जरूर निराश होंगे। वह कुशीनगर के रहने वाले नहीं थे। लिहाजा, कुछ लोग बाहरी मानते थे। इसका नुकसान चुनाव में हो सकता था। अब स्थानीय प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। स्वामी प्रसाद का टिकट काटने जैसी कोई बात भी नहीं थी। पडरौना के दावेदारों को लगातार मना किया जा रहा था।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed