कैंसर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पूर्वांचल में सबसे अधिक मामले मुंह और गले के कैंसर के हैं। विशेषज्ञों की माने तो कैंसर का अब इलाज है, लेकिन सावधानी और बचाव से इससे बचा जा सकता है। लेकिन, पूर्वांचल में मरीजों को कैंसर की जानकारी तीसरे और चौथे स्टेज में हो रही है। इसकी वजह से मरीजों की जान भी जा रही है। डॉक्टरों की माने तो खान-पान व जीवन शैली में बदलाव से इस बीमारी को रोका जा सकता है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों में सर्वाधिक 24.4 फीसदी मुंह व गले के कैंसर से पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण पान मसाला, गुटका, तंबाकू व सिगरेट आदि है। दूसरे नंबर पर बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के रोगी हैं, इनकी संख्या 18.3 फीसद है। स्तन कैंसर के 14.6 व पित्ताशय के कैंसर के 10.4 फीसद मामले हैं। अन्य अंगों में कैंसर के मामले चार फीसदी से कम हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों में सर्वाधिक 24.4 फीसदी मुंह व गले के कैंसर से पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण पान मसाला, गुटका, तंबाकू व सिगरेट आदि है। दूसरे नंबर पर बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के रोगी हैं, इनकी संख्या 18.3 फीसद है। स्तन कैंसर के 14.6 व पित्ताशय के कैंसर के 10.4 फीसद मामले हैं। अन्य अंगों में कैंसर के मामले चार फीसदी से कम हैं।