प्रदेश में गेहूं के फाने जलाने के मामले दो मई के बाद अचानक बढ़ गए हैं। एक अप्रैल से 11 मई तक 41 दिन के आंकड़ों के मुताबिक 84 फीसदी मामले सिर्फ बीते 10 दिन में ही आए हैं। इन 10 दिनों में गेहूं के फाने जलाने के सबसे ज्यादा मामले फतेहाबाद में सामने आए हैं। जिसके बाद सिरसा, करनाल, कैथल और जींद हैं। इन जिलों में से 124 से लेकर 248 जगहों पर फाने जलाने के केस सेटेलाइट ने पकड़े हैं।
प्रदेश में फाने जलाने के 1673 मामले सामने आए
हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र की ओर से सेटेलाइट के जरिए प्रदेश में फाने जलाने की मॉनीटरिंग की जाती है, जिसका डाटा हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रतिदिन भेजा जाता है। इन आंकड़ाें के मुताबिक एक अप्रैल से 11 मई तक प्रदेश में फाने जलाने के 1673 मामले सामने आए, इनमें से 1407 मामले दो से 11 मई के दौरान के हैं। एक अप्रैल से एक मई तक फाने जलाने के महज 266 मामले आए थे।
पिछले 10 दिन की जिलावार स्थिति
अंबाला में 59, भिवानी में 16, चरखीदादरी में तीन, फरीदाबाद में सात, फतेहाबाद में 248, बहादुरगढ़ में एक, हिसार में 89, झज्जर में 30, जींद में 124, कैथल में 169, करनाल में 180, कुरुक्षेत्र में 41, नूह में चार, रोहतक में 66, पंचकूला में एक, पानीपत में 83, पलवल में एक, रेवाड़ी में दो, सिरसा में 185, सोनीपत में 85 और यमुननगर में 15 जगहों पर फाने जलाए गए।
प्रदेश में दो से 11 मई तक दिनवार स्थिति
प्रदेश भर में दो मई को 38, तीन मई को 12, चार मई को 94, पांच मई को 368, छह मई को 224, सात मई को 194, आठ मई को 133, नौ मई को 34, 10 मई को 124 और 11 मई को 186 फाने जलाए जाने के मामले आए।