अमर उजाला ब्यूरो
हिसार। एक दिन पहले डीएसपी के रीडर के खिलाफ अपशब्द बोलने का केस दर्ज करवाने वाली महिला थाना की हेड कांस्टेबल ने सोमवार देर रात अपने घर में कीटनाशक पी लिया। पीड़ित को गंभीर हालत में अस्पताल में दाखिल करवाया गया। आरोपी रीडर राजेश को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस ने लेडी हेड कांस्टेेबल को लाईन हाजिर करके सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूरे मामले पर महिला आयोग सदस्य सुमन बेदी पीड़ित के बयान दर्ज करेगी।
निजी अस्पताल में भर्ती पीड़ित हेड कांस्टेबल ने बताया कि उसने एक दिन पहले ही डीएसपी के रीडर राजेश के खिलाफ अपशब्द बोलने व दुर्व्यवहार करने का मामला दर्ज करवाया था। सोमवार को शाम को वह अपनी ड्यूटी करने महिला थाने में गई थी। वहां पर जब वह एक केस में एक युवती की काउंसिलिंग कर रही थी तो वहां पर थाने की कुछ महिला कर्मचारी आ गई। महिला थाने में आरोपी रीडर राजेश की पत्नी भी एएसआई के पद पर तैनात है। इन कर्मचारियों ने वहां पर आते ही मामले को लेकर उसे धमकाना शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने इस दौरान कैमरे से वीडियो भी बनाना शुरू कर दिया। जब मामले के वापस लेने को लेकर ये कर्मचारी दबाव बनाने लगी तो पीड़ित वहां से जाने लगी। तभी वहां पर मौजूद कर्मचारियों ने जबरदस्ती उनका फोन व बैग छीन लिया। आरोप के अनुसार अन्य महिला कर्मचारी उनके घसीटते हुए थाने से बाहर ले आई। इससे पीड़ित को आंख के पास चोट आई है। जब पीड़ित अपने घर जाने के लिए थाने से बाहर आकर सड़क पर वाहन रुकवाने लगी तो वहां पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने किसी वाहन को नही रुकने दिया। इसके बाद पीड़ित पैदल पड़ाव चौकी पहुंची वहां से एक कर्मचारी उनको देर रात घर छोड़कर आया। पीड़ित ने घर पहुंचकर बाथरूम में रखा कीटनाशक पी लिया। पीड़ित को गंभीर हालत में सपरा अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
पीड़ित के खिलाफ दर्ज हुआ था मारपीट का केस
सोमवार को पीड़ित महिला के खिलाफ रीडर राजेश से सिटी थाना में उसके साथ मारपीट करने का केस दर्ज करवाया है। राजेश के अनुसार जब वह सिटी थाने में था तो लेडी कांस्टेबल ने वहां पर आकर उसका गला पकड़ लिया। उसके साथ वहां पर मारपीट की। शिकायत कर्ता राजेश के पिता भी पुलिस में एक बड़े अधिकारी हैं।
पीड़ित को सस्पेंड करने की प्रक्रिया हुई शुरू
प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला थाने में हुई वारदात के बाद वहां पर मौजूद महिला कर्मचारियों ने अपने बयान दर्ज करवाकर पीड़ित पर आरोप लगाते हुए शिकायत दी। इस शिकायत केे आधार पर विभाग ने उसके दोषी मानते हुए उसे लाईन हाजिर करके सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
सोमवार रात को अस्पताल में पुलिस अधीक्षक शिवचरण लेडी हेड कांस्टेबल का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। हालत गंभीर होने के कारण पीड़ित ने अधीक्षक के सामने वारदात के बारे में कोई बयान नही दिया। पुलिस ने दोनों मामलों की जांच का जिम्मा डीएसपी जयपाल सिंह को सौंपा गया है।
मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है। अगर किसी महिला के साथ ऐसा हुआ है तो यह गलत है। इस बारेे में पीड़ित के बयान दर्ज करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले में हिसार पुलिस अधीक्षक से जानकारी ली जाएगी।
- सुमन बेदी, सदस्य महिला आयोग, हरियाणा
महिला थाने में जो भी हुआ है गलत हुआ है। मैं उस वक्त केस की जांच के लिए बाहर गई हुई थी। जब मैं थाने में पहुंची तो पीड़ित वहां से जा चुकी थी। इस बारे में अन्य कर्मचारियों ने बयान दर्ज करवा दिए थे। आज पीड़ित से अस्पताल में मुलाकात की है।
- इंस्पेक्टर सुनीता, प्रभारी, महिला थाना