न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Sat, 29 Jan 2022 11:33 AM IST
काशी के घाटों पर गंगा के बढ़ रहे दबाव को कम करने के दावे के साथ खोदी गई नहर और उसके नाम पर खनिज उठान के टेंडर में मनमाने तरीके से काम किया गया है। करीब सात किलोमीटर लंबी नहर से निकले बालू के सात अलग-अलग लॉट को दिखाकर टेंडर किया गया। मगर, बाढ़ में लॉट बह गए तो खनन विभाग ने गंगा पार रेती पर बिना किसी औपचारिकता के क्षेत्र ही दे दिया। यही कारण है कि फर्मों ने लॉट की जगह खोदाई कर गंगा की तलहटी तक से बालू निकाल लिया है।
दरअसल, मानसून से ठीक पहले गंगा में नहर बनाने के लिए ड्रेजिंग शुरू कराई गई। इस दौरान कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने आननफानन में खोदाई से निकल रहे बालू के लाट का खनन विभाग के जरिए टेंडर जारी करा दिया। नौ फर्मों में सात फर्मों को अलग-अलग लॉट दे दिए और यहां से बालू का उठान भी कराया गया।
इसके बाद गंगा में आई बाढ़ में टेंडर वाला खनिज बह गया और पानी घटने के बाद विभाग की शह पर फर्मों ने अवैध खनन शुरू कर दिया। यही कारण है कि अलग-अलग घनमीटर के बालू उठान वाली फर्मों ने कई फीट गहरी तक खोदाई कर दी।
यहां बता दें कि अवैध खनन में बिना रायल्टी के पट्टाधारकों ने मनमाने तरीके से गंगा किनारे गहरे गहरे गड्ढे बना दिए हैं। सबसे अहम बात यह है कि दिन रात चले इस अवैध खनन में किसी भी विभाग और अफसर ने निगरानी की जहमत नहीं उठाई।
समयावधि समाप्त होने के बाद रेत में मशीनें
गंगा पार रेती से बालू उठान के लिए पांच फर्मों की समयावधि दिसंबर में पूरी हो गई थी और एक फर्म की 27 जनवरी 2022 को पूरी हुई है। इस वक्त एक ही फर्म के पास लॉट उठाने की अनुमति है। बावजूद इसके जेसीबी और वाहनों की मदद से अलग-अलग क्षेत्रों में गुपचुप तरीके से अवैध खनन किया जा रहा है।
काशी के घाटों पर गंगा के बढ़ रहे दबाव को कम करने के दावे के साथ खोदी गई नहर और उसके नाम पर खनिज उठान के टेंडर में मनमाने तरीके से काम किया गया है। करीब सात किलोमीटर लंबी नहर से निकले बालू के सात अलग-अलग लॉट को दिखाकर टेंडर किया गया। मगर, बाढ़ में लॉट बह गए तो खनन विभाग ने गंगा पार रेती पर बिना किसी औपचारिकता के क्षेत्र ही दे दिया। यही कारण है कि फर्मों ने लॉट की जगह खोदाई कर गंगा की तलहटी तक से बालू निकाल लिया है।
दरअसल, मानसून से ठीक पहले गंगा में नहर बनाने के लिए ड्रेजिंग शुरू कराई गई। इस दौरान कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने आननफानन में खोदाई से निकल रहे बालू के लाट का खनन विभाग के जरिए टेंडर जारी करा दिया। नौ फर्मों में सात फर्मों को अलग-अलग लॉट दे दिए और यहां से बालू का उठान भी कराया गया।
इसके बाद गंगा में आई बाढ़ में टेंडर वाला खनिज बह गया और पानी घटने के बाद विभाग की शह पर फर्मों ने अवैध खनन शुरू कर दिया। यही कारण है कि अलग-अलग घनमीटर के बालू उठान वाली फर्मों ने कई फीट गहरी तक खोदाई कर दी।