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जल्द ही दूर होगी क्षेत्र में पेयजल समस्या
Unnao
Updated Thu, 17 May 2012 12:00 PM IST
पुरवा (उन्नाव)। भीषण गर्मी में अब मानव ही नहीं पशु, पक्षी भी प्यासे नहीं रहेंगे। इसके लिए तहसील प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। लेखपालों से सभी गांवों का सर्वेक्षण कराने के बाद अब अव्यवस्था को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही माडल तालाबों में पानी भरवाने के भी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
सर्वेक्षण के बाद सामने आई तस्वीर के अनुसार क्षेत्र में कुल हैंडपंप 5704 लगे पाए गए। इनमें से 333 हैंडपंप खराब पाए गए। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार तहसील प्रशासन ने गांवों में खराब पड़े हैंडपंपों की सूची बनाने के लिए मातहतों को लगा दिया था। सामने आई तस्वीर में पुरवा के 1272 में से 143 हैंडपंप खराब पाए गए हैं। असोहा में 1192 में से 65, मौरावा में स्थापित 1458 इंडियामार्का में से 74 व हिलौली क्षेत्र के 1782 में से 51 हैंडपंप खराब पाए गए। रिपोर्ट में ग्राम धौरहरा, बचरौली, मनिकापुर, रतवसिया, धरमापुर, त्रिलोकपुर, रहिमानपुर जगदीशपुर,, रामा अमरापुर, असेहरू धिरजीखेड़ा, बैगांव, लालाखेड़ा, मवईया, रमईखेड़ा, मदाखेड़ा, बड़ाखेड़ा, मझिगंवा सदकू, बहरौरा बुजुर्ग, कसरौर, सुईखेड़ा, लेगरपुर, बनिगांव, बछोलिया, दूलामऊ, डेला, भूलेमऊ, बरवट, कटाव, भदनांग, वेवल मंशाखेड़ा, मंगतखेड़ा, मझखोरिया, अतसई, विसुनखेड़ा, टीकरकला, अहमदाबाद, ऊंचगांव सानी पल्हरी, सरसो, अटवा, सेमरीमऊ, गंगदासपुर, हरीखेड़ा, टिकरिया गांवों में हैंडपंप खराब बताए गए हैं। जबकि गर्मी के कारण भूगर्भीय जलस्तर नीचे गिरता जा रहा है और घरेलू हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। एसडीएम बीपी पाल ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य पूरा होने के बाद अब समस्या के निराकरण के लिए जल निगम को सूची सौंपी जाएगी। इसके साथ ही उनका कहना था कि माडल तालाबों में भी पानी भरवाए जाने के विकल्पों पर गौर करने के लिए ग्राम विकास अधिकारियों को कहा गया है। उन्होंने मानव के साथ ही पशु-पक्षियों के लिए भी पेयजल व्यवस्था कराने की बात कही।
पुरवा (उन्नाव)। भीषण गर्मी में अब मानव ही नहीं पशु, पक्षी भी प्यासे नहीं रहेंगे। इसके लिए तहसील प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। लेखपालों से सभी गांवों का सर्वेक्षण कराने के बाद अब अव्यवस्था को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही माडल तालाबों में पानी भरवाने के भी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
सर्वेक्षण के बाद सामने आई तस्वीर के अनुसार क्षेत्र में कुल हैंडपंप 5704 लगे पाए गए। इनमें से 333 हैंडपंप खराब पाए गए। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार तहसील प्रशासन ने गांवों में खराब पड़े हैंडपंपों की सूची बनाने के लिए मातहतों को लगा दिया था। सामने आई तस्वीर में पुरवा के 1272 में से 143 हैंडपंप खराब पाए गए हैं। असोहा में 1192 में से 65, मौरावा में स्थापित 1458 इंडियामार्का में से 74 व हिलौली क्षेत्र के 1782 में से 51 हैंडपंप खराब पाए गए। रिपोर्ट में ग्राम धौरहरा, बचरौली, मनिकापुर, रतवसिया, धरमापुर, त्रिलोकपुर, रहिमानपुर जगदीशपुर,, रामा अमरापुर, असेहरू धिरजीखेड़ा, बैगांव, लालाखेड़ा, मवईया, रमईखेड़ा, मदाखेड़ा, बड़ाखेड़ा, मझिगंवा सदकू, बहरौरा बुजुर्ग, कसरौर, सुईखेड़ा, लेगरपुर, बनिगांव, बछोलिया, दूलामऊ, डेला, भूलेमऊ, बरवट, कटाव, भदनांग, वेवल मंशाखेड़ा, मंगतखेड़ा, मझखोरिया, अतसई, विसुनखेड़ा, टीकरकला, अहमदाबाद, ऊंचगांव सानी पल्हरी, सरसो, अटवा, सेमरीमऊ, गंगदासपुर, हरीखेड़ा, टिकरिया गांवों में हैंडपंप खराब बताए गए हैं। जबकि गर्मी के कारण भूगर्भीय जलस्तर नीचे गिरता जा रहा है और घरेलू हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। एसडीएम बीपी पाल ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य पूरा होने के बाद अब समस्या के निराकरण के लिए जल निगम को सूची सौंपी जाएगी। इसके साथ ही उनका कहना था कि माडल तालाबों में भी पानी भरवाए जाने के विकल्पों पर गौर करने के लिए ग्राम विकास अधिकारियों को कहा गया है। उन्होंने मानव के साथ ही पशु-पक्षियों के लिए भी पेयजल व्यवस्था कराने की बात कही।