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डुमरियागंज। तहसील क्षेत्र के भालूकोनी स्थित कुआनो नदी के तट पर वन विभाग के जंगल में शनिवार दोपहर आग लग गई। आग से हजारों पेड़ व 150 बीघा किसानों का गन्ने का खेत जलकर नष्ट हो गया। आग इतनी भीषण थी कि काबू पाने में चार घंटे लग गए। आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को देने के बावजूद फायर ब्रिगेड के लोग मौके पर नहीं पहुंचे। थानाध्यक्ष भवानीगंज ने पुलिस कर्मियों के साथ आग बुझाने में ग्रामीणों की मदद की।
डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के भालूकोनी जंगल में शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे आग लग गई। इसकी सूचना ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड को दी। आग गांव में पहुंचती इससे पहले जंगल के पास बसे ग्रामीणों ने पंपिंगसेट मशीन चलाकर गन्ने का खेत और बागीचा बचाने में जुट गए। लेकिन तब तक दर्जनों किसानों के गन्ने के खेत व शीशम, जामुन, बबूल, यूकेलिप्टस के हजारों पेड़ आग में जल गए। आग लगने की जानकारी होने पर मौके पर भवानीगंज थानाध्यक्ष दीपक दूबे अपने हमराही सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में ग्रामीणों की मदद की। वहीं, मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग बुझने तक नहीं पहुंची। जिससे ग्रामीणों में काफी रोष दिखाई दिया। इस अग्निकांड में सफातुल्लाह का 4 बीघा, कलीमुल्लाह का 1 बीघा, दौलत खान का 1 बीघा यूकेलिप्टस का बगीचा पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गया। इस संबंध में तहसीलदार डुमरियागंज शिवमूर्ति सिंह ने बताया कि आग लगने की सूचना मिली है। मौके पर हल्का लेखपाल को आग से हुई क्षति का रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
इन किसानों का जला गन्ना
डुमरियागंज। क्षेत्र के भालूकोनी जंगल में शनिवार को लगी आग में रामकुमार, रामचरित्र का 2-2 बीघा, तिलकराम चौधरी का 4 बीघा, रामउजागिर व हीराराम का ढाई-ढाई बीघा, शौकत अली डेढ़ बीघा, नैमुन, नसरूल्लाह, कंचन चौधरी, हसमत अली व रामआजोर का 1-1 बीघा सहित दर्जनों किसानों का 150 बीघा गन्ने का खेत जलकर नष्ट हो गया।
आग ने छीन लिया किसानों की जीविकापार्जन का जरिया
डुमरियागंज। भालूकोनी जंगल में लगी आग से क्षेत्र के दर्जनों किसानों की जीविकापार्जन का साधन रही गन्ने की फसल जल जाने से उनके समक्ष जीविकापार्जन की समस्या उत्पन्न हो गई है। किसान गन्ने की खेती को आय का जरिया बनाकर करते थे। लेकिन आग ने उनकी जमापूंजी को जलाकर राख कर दिया। किसानों को यह चिंता सता रही है कि वे अब आगे जीविकापार्जन कैसे करेंगे।
डुमरियागंज। तहसील क्षेत्र के भालूकोनी स्थित कुआनो नदी के तट पर वन विभाग के जंगल में शनिवार दोपहर आग लग गई। आग से हजारों पेड़ व 150 बीघा किसानों का गन्ने का खेत जलकर नष्ट हो गया। आग इतनी भीषण थी कि काबू पाने में चार घंटे लग गए। आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को देने के बावजूद फायर ब्रिगेड के लोग मौके पर नहीं पहुंचे। थानाध्यक्ष भवानीगंज ने पुलिस कर्मियों के साथ आग बुझाने में ग्रामीणों की मदद की।
डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के भालूकोनी जंगल में शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे आग लग गई। इसकी सूचना ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड को दी। आग गांव में पहुंचती इससे पहले जंगल के पास बसे ग्रामीणों ने पंपिंगसेट मशीन चलाकर गन्ने का खेत और बागीचा बचाने में जुट गए। लेकिन तब तक दर्जनों किसानों के गन्ने के खेत व शीशम, जामुन, बबूल, यूकेलिप्टस के हजारों पेड़ आग में जल गए। आग लगने की जानकारी होने पर मौके पर भवानीगंज थानाध्यक्ष दीपक दूबे अपने हमराही सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में ग्रामीणों की मदद की। वहीं, मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग बुझने तक नहीं पहुंची। जिससे ग्रामीणों में काफी रोष दिखाई दिया। इस अग्निकांड में सफातुल्लाह का 4 बीघा, कलीमुल्लाह का 1 बीघा, दौलत खान का 1 बीघा यूकेलिप्टस का बगीचा पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गया। इस संबंध में तहसीलदार डुमरियागंज शिवमूर्ति सिंह ने बताया कि आग लगने की सूचना मिली है। मौके पर हल्का लेखपाल को आग से हुई क्षति का रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
इन किसानों का जला गन्ना
डुमरियागंज। क्षेत्र के भालूकोनी जंगल में शनिवार को लगी आग में रामकुमार, रामचरित्र का 2-2 बीघा, तिलकराम चौधरी का 4 बीघा, रामउजागिर व हीराराम का ढाई-ढाई बीघा, शौकत अली डेढ़ बीघा, नैमुन, नसरूल्लाह, कंचन चौधरी, हसमत अली व रामआजोर का 1-1 बीघा सहित दर्जनों किसानों का 150 बीघा गन्ने का खेत जलकर नष्ट हो गया।
आग ने छीन लिया किसानों की जीविकापार्जन का जरिया
डुमरियागंज। भालूकोनी जंगल में लगी आग से क्षेत्र के दर्जनों किसानों की जीविकापार्जन का साधन रही गन्ने की फसल जल जाने से उनके समक्ष जीविकापार्जन की समस्या उत्पन्न हो गई है। किसान गन्ने की खेती को आय का जरिया बनाकर करते थे। लेकिन आग ने उनकी जमापूंजी को जलाकर राख कर दिया। किसानों को यह चिंता सता रही है कि वे अब आगे जीविकापार्जन कैसे करेंगे।