अमरोहा के रतनप्रताप हत्याकांड में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रतनप्रताप की पत्नी रेखा और उसके प्रेमी सुनील से एक लाख रुपये की सुपारी तय करने के बाद सुनील और संजय ने हत्या की साजिश रची, जिसमें पहले संजय की रतनप्रताप से दोस्ती कराई गई और उसके बाद ले जाकर मार दिया गया। एएसपी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि साल 2021 में विवेक के पुलिस में हेड कांस्टेबल पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद विवेक को पुलिस में फॉलोवर की नौकरी मिल गई और वह शाहजहांपुर में रहने लगा था। रेखा वहां भी उससे मिलने जाती थी। इस बीच दोनों ने मिलकर रतन प्रताप को रास्ते से हटाने की योजना बना ली और इस काम को करने के लिए उन्होंने विवेक के मामा सुनील से संपर्क किया।
सुनील ने इस काम लिए अपने साढू़ संजय निवासी इन्द्रजीत गढ़ी थाना काशीपुर जिला ऊधमसिंह नगर उत्तराखंड के साथ मिलकर हत्या करने की सुपारी ले ली। सुनील ने विवेक और रेखा की मुलाकात करीब चार महीने पहले संजय से टांडा कोठी पर सिंचाई विभाग के डाक बंगले पर कराई थी।
सुनील और उसके साढू़ संजय ने रतनप्रताप को मारने के लिए एक लाख रुपये की मांग की। उन्होंने दस हजार रुपये सुनील और संजय को एडवांस दे दिए थे। फिर कुछ दिन के लिए संजय को गांव डिडौली में कांता के घर पर किराये पर कमरा दिलाया। जहां पर संजय और रतनप्रताप की आपस में दोस्ती हो गई और फिर संजय वहां से कमरा छोड़कर चला गया।
एक अक्टूबर को रतनप्रताप से उसकी फैक्टरी के बाहर संजय मिला और उससे दो अक्टूबर को टैंपो स्टैंड डिडौली पर मिलने के लिए कहा। संजय दो अक्टूबर को रतन प्रताप को लेकर डिडौली से टांडा कोठी संभल गया। शाम को रतन प्रताप को सुनील और संजय ढकिया चमन गांव के जंगल में ले आए और यहां इमामदस्ते के मूसल से रतनप्रताप के सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद विवेक उर्फ राजू ने तीन अक्टूबर को अपने खाते से 20 हजार रुपये निकालकर अपने मामा सुनील के खाते में डाले थे।
रेखा और प्रेमी विवेक के बीच रोजाना होती थी चार से पांच घंटे बात
अमरोहा। रतन प्रताप सिंह हत्याकांड में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिन्हें देखकर पुलिस भी अचंभित रह गई। इंस्पेक्टर पीके चौहान ने बताया कि पति की रेखा और उसके प्रेमी विवेक उर्फ राजू के बीच रोजाना पांच से 6 घंटे बातचीत होती थी। एक महीने में करीब 600 कॉल सामने आई हैं।