कानपुर में तैनात तहसीलदार के भाई की हत्या का अमरोहा की डिडौली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पत्नी ने ही पुलिस विभाग के फॉलोवर प्रेमी के साथ मिलकर हत्या की कहानी रची थी। प्रेमी के संभल सिंचाई विभाग में तैनात चौकीदार मामा को एक लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी गई थी। जिसके बाद चौकीदार ने कांशीपुर निवासी अपने साढू के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। पत्नी और उसके प्रेमी ने आरोपियों को सुपारी के तीस हजार रुपये दे दिए थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस ऑफिस में एएसपी राजीव कुमार सिंह ने हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मूलरूप से हरदुआ किफाततुल्ला थाना नवाबगंज जिला बरेली के रहने वाले रतन प्रताप सिंह हाईवे स्थित फैक्टरी में नौकरी करते थे। उनके बड़े भाई रणविजय सिंह कानपुर में तहसीलदार के पद पर तैनात हैं, जबकि दूसरे भाई राकेश सिंह अमरोहा में लेखपाल हैं। दो सितंबर को घर से निकले रतन प्रताप की सिर पर वार कर हत्या कर दी गई थी।
उनका शव ढकिया चमन गांव के जंगल में लौकी के खेत में पड़ा मिला थाा। हत्या के खुलासे के लिए एसपी आदित्य लांग्हे ने सीओ सिटी विजय कुमार राणा के नेतृत्व में डिडौली पुलिस को लगाया था। तीन दिन की गहन छानबीन के बाद पुलिस ने गुरुवार को नन्हेड़ा राजपूत निवासी विवेक कुमार उर्फ राजू, मृतक रतन प्रताप सिंह की पत्नी रेखा, डिडौली के हरियाना गांव निवासी सुनील और उत्तराखंड में जनपद उधम सिंह नगर थाना कांशीपुर गढी इंद्रजीत निवासी संजय को गिरफ्तार किया। जिनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त इमामदस्ता का मूसल, मृतक रतन प्रसाद सिंह का मोबाइल फोन बरामद किया है।
एएसपी के मुताबिक आरोपी विवेक उर्फ राजू वर्तमान में जनपद शाहजहांपुर में पुलिस विभाग में अनुचर (फॉलोवर) के पद पर कार्यरत है। उसके पिता शाहजहांपुर में ही हेड कांस्टेबल के पद पर थे, जिनकी हार्टअटैक से मौत हो जाने के बाद उसे नौकरी मिली थी।
पुलिस के मुताबिक, इससे पहले भी आरोपी विवेक की दो शादियां हो चुकी हैं। छह साल पहले फॉलोवर विवेक डिडौली गांव में मास्टर बेगराम के घर पर किराये पर रहता था। इसी दौरान उसी घर में रतन प्रताप सिंह अपनी पत्नी रेखा के साथ किराये पर रहने लगे थे। जिसके बाद विवेक उफ राजू और रेखा के बीच प्रेम प्रसंग हो गया था। दोनों एक साथ रहना चाहते थे। इसलिए दोनों रतन प्रताप की हत्या की योजना बनाई थी।