झारखंड में सीआरपीएफ हवलदार के पद पर तैनात लालगंज थानांतर्गत बेलन बरौंधा चौकी क्षेत्र के ददरी गांव निवासी राजेश कुमार सिंह पटेल (38) सोमवार को नक्सली सर्च अभियान के दौरान रेल इंजन की चपेट में आने से घायल हो गए। उनका रांची अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। निधन की सूचना मिलने पर परिजनों में कोहराम मच गया।
ददरी गांव निवासी हवलदार राजेश कुमार सिंह पटेल किसान हरिशंकर सिंह पटेल के पुत्र थे। वे चार भाइयों में सबसे बड़े थे। वे वर्ष 2004 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में बतौर आरक्षी के पद पर भर्ती हुए थे। कुछ वर्षों बाद उनका प्रमोशन हवलदार के पद पर हो गया। इस समय वे रांची झारखंड में सीआरपीएफ की 26 नंबर बटालियन में तैनात थे। सोमवार को सुबह अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र धनबाद रेल मंडल के डुमरी विहार से दनिया रेलवे स्टेशन तक जंगल में पैदल गश्त करते समय रेलवे ट्रैक चेक करने के दौरान काशीटांड़ से गुजर रहे एक रेल इंजन की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा होने के बाद बटालियन के अधिकारियों द्वारा राजेश कुमार सिंह को तत्काल नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। जहां हालत गंभीर देख वहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद रांची अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। उधर, अस्पताल में निधन होने की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। हवलदार राजेश कुमार सिंह पटेल के पिता हरिशंकर सिंह पटेल, माता हरी सुंदरी, पत्नी रंजना सिंह पटेल, पुत्री ऋचा, पुत्र ऋषभ का रो-रोकर बुरा हाल है। हवलदार के निधन की सूचना मिलते ही उनके घर पर गांव के अन्य लोग और रिश्तेदार भी पहुंच गए थे। हवलदार का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है।
झारखंड में सीआरपीएफ हवलदार के पद पर तैनात लालगंज थानांतर्गत बेलन बरौंधा चौकी क्षेत्र के ददरी गांव निवासी राजेश कुमार सिंह पटेल (38) सोमवार को नक्सली सर्च अभियान के दौरान रेल इंजन की चपेट में आने से घायल हो गए। उनका रांची अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। निधन की सूचना मिलने पर परिजनों में कोहराम मच गया।
ददरी गांव निवासी हवलदार राजेश कुमार सिंह पटेल किसान हरिशंकर सिंह पटेल के पुत्र थे। वे चार भाइयों में सबसे बड़े थे। वे वर्ष 2004 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में बतौर आरक्षी के पद पर भर्ती हुए थे। कुछ वर्षों बाद उनका प्रमोशन हवलदार के पद पर हो गया। इस समय वे रांची झारखंड में सीआरपीएफ की 26 नंबर बटालियन में तैनात थे। सोमवार को सुबह अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र धनबाद रेल मंडल के डुमरी विहार से दनिया रेलवे स्टेशन तक जंगल में पैदल गश्त करते समय रेलवे ट्रैक चेक करने के दौरान काशीटांड़ से गुजर रहे एक रेल इंजन की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा होने के बाद बटालियन के अधिकारियों द्वारा राजेश कुमार सिंह को तत्काल नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। जहां हालत गंभीर देख वहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद रांची अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। उधर, अस्पताल में निधन होने की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। हवलदार राजेश कुमार सिंह पटेल के पिता हरिशंकर सिंह पटेल, माता हरी सुंदरी, पत्नी रंजना सिंह पटेल, पुत्री ऋचा, पुत्र ऋषभ का रो-रोकर बुरा हाल है। हवलदार के निधन की सूचना मिलते ही उनके घर पर गांव के अन्य लोग और रिश्तेदार भी पहुंच गए थे। हवलदार का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है।